My Services & My Purpose
I am a Divine Soul Cum Spiritual Author.
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KMSRAJ51 हमेशा सकारात्मक विचारक ……. समय एक महान गुरु है ……….
स्वागतम्
हिंदी के सबसे प्रेरक और मोहक वेबसाइट/ब्लॉग में आपका स्वागत है।
अपनी सलाह और कमेंट्स ज़रूर शेयर करे…..
आखिर…
“एक दिल ही तो दुसरे दिल को समझ सकता है ना“
Kmsraj51 की कलम से …..
Coming soon book (जल्द ही आ रहा किताब)…..
“तू ना हो निराश कभी मन से”
♥ पढ़ें – शिक्षाप्रद कविताओं का विशाल संग्रह। ♥
अशांत मन उचित निर्णय लेने की क्षमता काे खत्म(खाे) कर देता हैं।
~Kmsraj51
सकारात्मक सोच + निरंतर कार्य = सफलता।
काेई भी ज्ञान कभी बुरा नहीं हाेता – हा इंसान बुरे हाे सकते हैं।
दृढ़ता की शक्ति साथ हो तो सफलता गले का हार बन जायेगी।
~Kmsraj51
अगर कुछ बदलना है ताे सबसे पहले अपने सोच, कर्म व अपने आप काे बदलें।
~Kmsraj51
भय को जीतने वाले बनो – न कि भयभीत हो जाओ॥~KMSRAJ51
अपनी सफलता स्वयं सुनिश्चित करें। अपने Mind काे कुछ इस तरह से खुराक दें। – किसी भी इंसान का माइंड(Mind) काेई भी बात ज्यादातर चित्र(Image) Form में सोचता हैं, इसलिए अपने लक्ष्य का चित्र व महत्वपूर्ण कार्य का जर्नल(नाेटबुक या डायरी) Hard और Soft दोनों प्रारूप में रखें तथा Daily Base पर अपने अवचेतन मन काे याद दिलाये सुबह उठते ही व रात्रि में साेने से पहले।
~Kmsraj51
हर असफलता इंसान को और अधिक बुद्धिमान बनाता है – समस्याएं आती ही है हमारी सोई हुई शक्तियों को जगाने के लिए। इसलिए समस्याओं से घबराएं नहीं – समस्याओं का डटकर स्वागत व् सामना करे।~Kmsraj51
किसी भी बच्चे को माँ की गोद में जो सुख मिलता है – वो संसार में कही और नहीं मिल सकता।~KMSRAJ51
“श्रीमत भागवत गीता” से –
“अपने भाग्य से तुम्हें स्वयं ही लड़ना होगा। पुरुषार्थ के दम पर प्रारब्ध को बदलना होगा।”
बिना परिश्रम किए कोई भी सफल नहीं हो सकता। आज का आदमी नाम तो चाहता है पर बिना काम किए। आदमी सोचता तो बहुत पर असफल हो जाने के डर से और मानसिक अकर्मण्यता के कारण वह कोई ठोस योजना नहीं बना पाता।
जो आदमी अपने अंदर से ही असफल है वह सफल कैसे होगा ?
ठोकरों से घबराओ मत, वो तुम्हें गिराकर आगे बढ़ने के लिए तैयार कर रहे हैं।~KMSRAJ51
“जब हमारा दस्तखत ऑटोग्राफ में बदल जाए, तो यह कामयाबी की निशानी है।”
~डॉ॰ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
“When our signature changes to autograph, it is a sign of success.”
~ Dr. A.P.J. Abdul Kalam
प्रत्येक सफल और सुंदर रचना के पीछे ….
विश्वास, आशा, आकांक्षा और हृदय की प्रबल इच्छा अवश्य विद्यमान रहती है।
इच्छा अगर प्रबल हो – तो ही रचना, अवश्य ही सुंदर बनती है॥
~ विमल गाँधी जी
अगर सफल हाेना हैं – ताे, अपने लिए एक सही रास्ता खोजें, या अपने लिए एक रास्ता खुद बनाओ॥~KMSRAJ51
अमीर होने का सबसे सरल तरीका यह है कि अपने समय को सही तरीके से जिए। अर्थात – हर एक सेकंड को सही तरीके से उपयोग करें।
~KMSRAJ51
जिस कर्म काे करने से आप अंदर से Strong महसूस करते है, वही अच्छे कर्म हैं।
और जिस कर्म काे करने से आप अंदर से Weak महसूस करते है, वही बुरे कर्म हैं॥
~Kmsraj51
“इस संसार में सिर्फ किताबें ही किसी भी इंसान के सच्चे मित्र(दोस्त) हैं, जाे सदैव ही निस्वार्थ भाव से सिर्फ लाभ ही पहुचाती है, बिना किसी भेदभाव के”….. KMSRAJ51
काैन कहता है – कि आपके सपनें सच नहीं हाे सकते।
सच्चे मन से अपने सपनों को पाने के लिए आगे ताे बढ़ाें॥
आगे रास्ते ख़ुद-ब-ख़ुद बनते चले जायेगे – अर्थांत प्रकृति भी आपकी मदद(Help) करने लगती है। प्रकृति आपकाे आपके लक्ष्य तक पहुंचाने में सदैव ही मदद करती हैं।~KMSRAJ51
“जीवन में गलतियों से इंसान बहुत ज्यादा सीखता है – बस इतना याद रखे की एक ही गलती बार-बार दोहराये नहीं॥”~KMSRAJ51
रुपया जरूरी है लेकिन रुपया ही सब कुछ हैं यह सोच नही होनी चाहिए।
जहा यह सोच (रुपया ही सब कुछ हैं।) हुए – इंसान के अंदर इंसानियत नहीं रह जाती॥~KMSRAJ51
चाहे अपने हाे या काेई बाहर का व्यक्ति जब भी आपके सपनों काे ताेड़ने वाली बातें आपसे करें, उनकी बातों पर जरा भी ध्यान न दें। याद रखें कि – उनकी बातें सिर्फ कचरा हैं, कचरे को अपने Mind में प्रवेश न करने दें, नहीं ताे सब कचरा-कचरा हाे जायेगा।~KMSRAJ51
बड़े सपनों को प्राप्त करने में अधिक संघर्ष की आवश्यकता हाेती है।~KMSRAJ51
फूल कभी भी परेशान नहीं होते कि उन्हें कांटों के आस-पास खिलना होगा बल्कि स्वयं में और कांटों में फर्क दिखलाकर वे खुशबू बिखेरते हैं।~Kmsraj51
समस्याएँ हमारी बुद्धि काे पूर्ण विकसित बनाती हैं और हमारी बहुत सारी सुषुप्त(साेई हुई या शिथिल) शक्तियों काे जगाने का कार्य करती हैं।~Kmsraj51
आपको अपने असीमित आंतरिक शक्तियों को पहचानने की जरूरत हैं, तथा अपने असीमित आंतरिक शक्तियों काे संपूर्ण(आत्मा, तन, मन व धन) रूप व सही तरीके से अपने एक लक्ष्य काे पाने में लगा दें। आपको निश्चित रूप से सफलता मिलेगी।
~Kmsraj51
जीवन की कोई ऐसी परिस्थिति नहीं जिसे अवसर में ना बदला जा सके। हर परिस्थिति का “कुछ ना कुछ सन्देश” होता है। अगर तुम्हारे पास किसी दिन कुछ खाने को ना हो तो श्री सुदामा जी की तरह प्रभु को धन्यवाद दो “प्रभु आज आपकी कृपा से यह एकादशी जैसा पुण्य मुझे प्राप्त हो रहा है।”~Kmsraj51
धैर्य सदैव ही आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगी, सच्ची लगन आपकाे आपके मंजिल तक अवश्य पहुचाएगी और मूल्यवान है आपके ज़िन्दगी का हर लम्हा इसे व्यतीत न करे – बल्कि जी भर के जीएँ।
~Kmsraj51
जाे मनुष्य हर बात काे भूल जाता है अर्थात किसी भी बात काे मन में रखकर ढोता नहीं, उसका मस्तिष्क निगेटिव एनर्जी से मुक्त रहता है। इसलिए भूलने में ही भला हैं। ~Kmsraj51
समस्या से बचना ही आवश्यक नहीं है, समझदार वाे हैं जाे समस्या से टकराये, और उसे मिटाकर ही दम ले। इतिहास वही बदलते हैं जाे दिन में सपने देखते हैं।
~Kmsraj51
अहंकार सदैव ही सर्वनाश की ओर लेकर जाता हैं।
~Kmsraj51
विकल्प बहुत है बिखरने के लिये और संकल्प एक ही काफ़ी है सँवरने के लिये।
~विमल गांधी जी
© किताबों से करते है प्यार ®
किताबें इंसान की सबसे बड़ी व सच्ची मित्र है, किताबें ऐसी शिक्षक है कि – जो बिना कष्ट दिये बिना आलोचना किये…
और बिना परिक्षा लिये हमें शिक्षा देती है, ज्ञान देती है, जो किताबों से करते है प्यार उन्हे मिलता है प्रति दिन नया-नया ज्ञान॥
~विमल गांधी जी
नियति के खेल इतने आसान नहीं जो हर कोई पढ़ ले। एक बात सदैव ही याद रखें – बड़े निर्णय मन से नहीं बुद्धि से लिए जाते हैं।
~Kmsraj51
लक्ष्य प्राप्ति के दाे मार्ग हाेते है – पहला सरल ताे दुसरा कठिन। सरल मार्ग सदैव लुभाता हैं। परंतु लक्ष्य तक पहुचने से पहले ही भटका देता हैं। एवं दूसरा कठिन मार्ग लंबा हो सकता है, कितुं लक्ष्य तक अवश्य पहुँचाता है।
~Kmsraj51
मन में असीमित शक्ति – योग से मन में ऊर्जा का बहाव भी एक ही दिशा में होता है। ऐसे में मन की शक्ति बढ़ जाती है, फिर वह जो भी सोचता है वह घटित होने लगता है।
~Kmsraj51
काेई भी इंसान अपनी ज़िन्दगी में दाे तरिकाे से ही पैसे कमाता है – तजुर्बा व ज्ञान से।
~Kmsraj51
हमने जो भी खोया है, वह हमारे अतीत का हिस्सा होता है। हमें अपने अतीत से सीखना चाहिए और अपने वर्तमान और भविष्य की ओर ध्यान देना चाहिए।~Kmsraj51
जिंदगी बहुत छोटी है। यदि आप परिस्थितियों के बदलने का प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिससे आपके जीवन में खुशियां आए तो आपको कभी भी खुशी नहीं मिलने वाली।~Kmsraj51
डर पर विजय प्राप्त करने का केवल एक ही तरिका है स्वयं पर व स्वकर्माें पर संपूर्ण विश्वास। दुनिया वाले क्या कहते है उसकी परवाह न करें। अगर आपके कर्माें से कभी भी किसी काे दुःख नहीं पहुचता ताे – वाे अच्छे कर्म हैं।~Kmsraj51
♥ कड़वा सच ♥
गाँव से शहर को आये – बीत गये हैं कई वर्ष।
पर आज तक ना मिल सका – गाँव जैसा स्पर्श।
काश! लौट पाना होता मुमकिन।
तो दौड़ आता गाँव में – नींद आती सालों बाद –
पीपल की छाँव में। ~Kmsraj51
जीवन मे कभी किसी को – दुँख मत देना क्योंकि दी गयी चीज़ इक दिन हज़ार हो कर लौटती है।
समय, सम्पत्ति, सत्ता और शरीर साथ दे या ना दे।
लेकिन
स्वभाव, समझदारी, सत्संग और सच्चे सबंध हमेशा साथ देते है।
~विमल गांधी जी
जिस प्रकार हवा के झोंके – किसी चट्टान को नही हिला सकते।
उसी प्रकार बुदिमान मनुष्य पर –
उसकी अच्छाई और बुराई करने का – कोई असर नही हाेता।
~विमल गांधी जी
वैसे – माता और पिता दिवस ताे हर मनुष्य काे अपने अंतिम श्वास तक मनाना चाहिये।
एक सच्चा पिता सदैव ही अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिये दिन-रात अनवरत (continuously) कार्य करता हैं। जहा माता अपने बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखती हैं ताे वही पिता उन्हे सही ज्ञान और समझ देते हैं। जहा प्रथम गुरु माँ हैं ताे वही पिता गुरु हाेने के साथ-साथ सच्चा संरक्षक भी हाेता हैं।
~Kmsraj51
जीवन में जब भी संघर्ष का समय हाेता है इंसान सदैव अकेला ही हाेता हैैं।
जब जीवन में सफलता का समय हाेता है तब संसार के लाेग उसके साथ में हाेते हैं।
जब-जब इस दुनिया के लाेग किसी इंसान पर हँसते है, तब-तब उसी इंसान ने इतिहास रचा हैं।
~Kmsraj51
सदैव आपकी यही कोशिश हाे कि आपका अगला क्षण, पिछले क्षण से अच्छा(Best) हाे।
~Kmsraj51
सफलता के चार मुख्य स्तंभ(आधार) शक्ति, साहस, सहनशीलता और विश्वास।
The four main pillars(base) of success strength, courage, endurance and confidence.
~Kmsraj51
“Dream is not that which you see while sleeping it is something that does not let you sleep.”
~ Dr. A.P.J. Abdul Kalam
ज्ञान का घमंड सबसे बड़ी अज्ञानता है।
और अपने अज्ञानता की – सीमा जानना ही सच्चा ज्ञान है।
~विमल गांधी जी
♥ ज़िन्दगी। ♥
लम्हों की खुली किताब हैं ज़िन्दगी – ख्यालों और सांसों का हिसाब हैं ज़िन्दगी।
कुछ जरूरतें पूरी, कुछ ख्वाहिशें अधूरी – इन्ही सवालों के जवाब हैं ज़िन्दगी॥
~विमल गांधी जी
♥ महिला तू अबला नहीं है। ♥
महिला तू अबला नहीं है।
धर चंडी का अवतार।
घूम रहे है जाे भेडिये।
कर उनका संहार।
शक्ति का अवतार है तू।
दुर्गा, काली-सरस्वती है तू।
~विमल गांधी जी
कोई प्रशंसा करे या ना करे, इसकी चिंता छाेडो।
सिर्फ एक ही बात ध्यान मे रखनी चाहिये – कि “हम अपनी ज़िम्मेदारी ईमानदारी से निभाये॥”
~विमल गांधी जी
रिश्ते एहसास के होते है, अगर एहसास हो तो –
अजनबी भी अपने होते है, अगर एहसास ना हो तो –
अपने भी पराये होते है।
~विमल गांधी जी
♥ प्यारी सी दोस्ती। ♥
खुशी में आंसुओं को कभी रूकने ना देना।
गम में कभी आंसूऔ को बहने ना देना॥
यह जिंदगी ना जाने कब रूक जायेगी।
मगर यह प्यारी सी दोस्ती कभी टूटने ना देना॥
~विमल गांधी जी
जब दिमाग़ कमजोर होता है…
तब परिस्थितियां समस्या बन जाती है।
जब दिमाग़ स्थिर होता है…
तब परिस्थितियाँ चुनौती बन जाती है।
जब दिमाग़ मज़बूत होता है…
तब परिस्थितिया अवसर बन जाती है।
~विमल गांधी जी
ना कुछ तेरा ना कुछ मेरा।
यह संसार है बस इक रैन बसेरा
सब कुछ छूट जायेगा।
लेकिन जो कर्म किये जीवन भर…
बस वही साथ मे जायेगा॥
~विमल गांधी जी
जिस क्षण(समय) हम अपने स्वभाव और आंतरिक(अंदरूनी) कमियाें का निरीक्षण करके, उनमें सुधार करने के लिए सच्चे मन से संकल्प ले लेते है ताे उसी क्षण(समय) हम अपनी जीवन की समस्याओं पर ७५% तक जीत हासील कर लेते हैं।
~Kmsraj51
आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते।
पर आप अपनी आदते ज़रूर बदल सकते है॥
और निश्चित रूप से आपकी आदते, अगर…
बदल गयी तो।
आपका भविष्य भी ज़रूर बदल सकता है॥
~विमल गांधी जी
♥ प्रसिद्धि और सिद्धि ♥
”उस ने सिर्फ दाे घटिया टीवी सीरियलों में काम किया है और देखिये सारे लोग उसी की तारीफों में लगे हैं। मैं पिछले १५ सालों से रंगकर्म कर रहा हूँ, लेकिन मुझे तो किसी ने ऐसी इज्ज़त नहीं दी?” रंगायण मैसूर का एक छात्र शिकायत कर रहा था और श्री बाबा कारंत मुस्कुराते हुए उसे ताक रहे थे। अचानक कारंत जी उठे और पीछे रखे ब्लैक बोर्ड पर बड़े अक्षरों में लिखा- ‘प्रसिद्धि’….. वे हमारी और पलटे और बोले ”प्रसिद्धि… ये अक्सर आसानी से भी मिल जाती है। … कुछ उटपटांग कर देने से भी मिल जाएगी। किसी बड़े चाैराहे पर पूरे कपडे उतार कर नाच देने से भी प्रसिद्धि मिल सकती है।”
उस गहन सन्नाटे में कारंत जी ने अपने हाथों से बोर्ड पर लिखा ‘प्र’ मिटा दिया। उस काले फलक पर अब ‘सिद्धि’ लिखा दमक रहा था।
“यह सिद्धि है ….. ना आसानी से मिलती है, ना उटपटांग तरीकों या सिफारिशों से ….. इस का मार्ग थोडा लम्बा भी है और टेढ़ा भी, लेकिन हाँ….. जब सिद्धि मिलती है तो प्रसिद्धि भी खुद आकर उस के कदमों में बैठ जाती है। प्रसिद्द लोगों की तारीफें साथ के लोग करते है लेकिन सिद्ध लोगों का गौरव पीढियां गाती है। ….. प्रसिद्धि और सिद्धि … खुद सोचिये आपने किस और जाना है।”
~(राग कारंत पुस्तक के ‘व्योम राग’ खंड से. )
जटा, गोत्र या जाति से काेई ब्राह्मण नहीं हाेता – जिसमें सत्य और धर्म हैं वही ब्राह्मण है।
~महात्मा बुद्ध
आत्मबल और मन को शक्तिशाली बनाने के लिए – आत्मा को ईश्वरीय स्मृति और सकारात्मक विचार रूपी शक्ति का भोजन दो।
~Kmsraj51
जाे हमेशा(सदैव) कहे.. मेरे पास समय नहीं है, असल में वह “व्यस्त” नहीं है.. बल्कि अस्त-व्यस्त हैं।
~स्वामी विवेकानंद
लोग तब तक नहीं समझ पाते हैं की आप उनके लिए क्या करते हैं।
जब तक आप उनके लिए जो कर रहे थे वो करना बंद कर देते हैं॥
~ अमिताभ बच्चन जी
“यदि आप वही करते हैं जो आप हमेशा से करते आए हैं तो आपको वही मिलेगा, जो हमेशा से मिलता आया है।”
– अज्ञात
शब्द ही ऐसी चीज़ है जिसकी वजह से इंसान या ताे दिल में उतर जाता है या फिर दिल से उतर जाता हैं।
– अज्ञात
स्वयं पर और स्व-कर्माे पर विश्वास माना सफलता का आधार(नींव) मज़बूत।
~Kmsraj51
“सच्चा गुरु कौन ?”
वास्तविक गुरु वह हाेता है जाे अपने अनुयाइयाें काे परमात्म मिलन का सच्चा मार्ग दिखाये, ना की स्वयं की पूजा-अर्चना करवायें। जाे गुरु स्वयं की पूजा-अर्चना करवाता हैं वह गुरु नहीं राक्षस(दैत्य) है, वह आपकाे परमात्मा से विमुख(दुर) कर रहा हैं। जबकी एक सच्चा गुरु ऐसा कभी नहीं करता।
मनुष्य कभी किसी मनुष्य का उद्धार(निर्वाण या मोक्ष) नहीं कर सकता, यहा तक कि साधु-संताे का भी उद्धार करने के लिए स्वयं परमात्मा काे आना पड़ता हैं। अर्थात: मनुष्य कभी किसी मनुष्य का उद्धार नहीं कर सकता।
सभी मनुष्याें का सच्चा गुरु परमात्मा(GOD) ही हैं।
यह बात “श्रीमत भागवत गीता” के चौथे अध्याय के श्लोक संख्या “८” से:
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे॥
अर्थात: साधु पुरुषोंका उद्धार करने के लिये, पापकर्म करनेवालाेंका विनाश करने के लिये और धर्मकी अच्छी तरह से स्थापना करने के लिये मैं युग-युगमें(संगमयुग में) प्रकट(किसी सतपुरुष शरीर का माध्यम लेकर) हुआ करता हूँ॥८॥
ध्यान दें,
संगमयुग : वह समय जब कलियुग(कलयुग) का आखिरी कुछ वर्ष शेष रह जाये, जिसके बाद सतयुग आने वाला हाे। यहीं समय संगमयुग कहलाता हैं।
~ कृष्ण मोहन सिंह(KMS) “or” ~Kmsraj51
अपने बेहतर भविष्य के लिए मुख्य कुंजी आप है।
~ Jim Rohn
“जाे मनुष्य शक्ति न हाेते हुए भी मन से हार नही मानता, उसकाे दुनिया की काेई भी ताकत हरा नही सकती हैं।”
~ आचार्य चाणक्य
एक मिनट की भी देरी करने से तो बेहतर यही है कि काम की शुरुआत 3 घंटे पहले कर दी जाए। ~ शेक्सपियर
“जीवन में सक्सेस पाने के दो तरीके हैं। एक- जो करना है उसकी लिस्ट बनाएं, दूसरा- उस लिस्ट को फॉलो भी करें।”
अपनी कमियों के साथ आगे बढ़ने में इतनी गलतियां नहीं होती हैं जितनी दुनिया का लिहाज करने में होती हैं।
~अज्ञात
मनुष्य के कर्म ही उसकी नियति तय करते हैं।
~Kmsraj51
निडर इंसान कभी हारता नहीं।
~Kmsraj51
मेरे पिता ने मुझे सबसे बड़ा उपहार दिया – आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग का।
~Kmsraj51
जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान रुपी भोजन जरूरी हैं। ~ कृष्ण मोहन सिंह(KMS)
~Kmsraj51
तेरी यादाे से मुझे शक्ति मिलती है। आज तु मेरे पास नहीं है। लेकिन तेरी यादे सदैव मेरे साथ हैं। मुझे पता है, तु मुझसे दुर है लेकिन तुझे भी मेरी याद जरूर आती हाेगी। तेरी यादाे से मुझे शक्ति मिलती है आज भी। तुम्हारा कृष्ण मोहन सिंह।
~Kmsraj51
बहुत ही खुशकिस्मत वाले होते है वे लोग जिन्हें “समय” और “समझ” एक साथ मिलती है, क्योंकी अक्सर “समय” पर “समझ” नही आती और जब “समझ” आती है तो “समय” हाथ से निकल जाता हैं।
~Kmsraj51
♥ गायत्री मंत्र ♥
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥
अगर अापकाे स्वयं पर और स्वकार्य पर पूर्ण विश्वास हैं, ताे इस दुनिया कि काेई भी ताकत आपकाे सफल हाेने से नहीं राेक सकती।
~Kmsraj51
हमेशा अच्छे कार्य के लिए समर्थन व सहयाेग करें। चाहे उस अच्छे कार्य की अगुआई आपके दुश्मन(Enemy) के द्वारा ही हाे रही हाे।
~Kmsraj51
॰ ॐ ॰ आनंद का सबसे बड़ा शत्रु है- असंताेष।
~ -पं॰ श्रीराम शर्मा आचार्य
मूर्खाें कि एक खासियत हाेती हैं, ओ किसी एक बात काे लेकर लंबे समय तक बैठे रहते है।
और मूर्खाें काे बात-बात पर बिना किसी मतलब के भी हंसी खुब आती हैं।
~Kmsraj51
जीने के अंदाज काे बदलने आये हम,
काैन कहता खुशियाँ थाेडी़ हैं, ज्यादा है गम…..
एक पिता परमात्मा(Supreme Soul) से अपने सर्व संबंध बनाये।
ध्यान(Meditation) माना आत्मा द्वारा परमात्मा(ईश्वर) काे याद किया जाना।
समय न गवाये वरना पछताने के अलावा कुछ न बचेगा जीवन में।
~Kmsraj51
आप अपने अतीत काे नही बदल सकते, लेकिन अपने वर्तमान और भविष्य काे बदलना आपके अपने हाथ में हैं। इसलिए जाे बीत गया उसे याद कर, अपने वर्तमान और भविष्य काे समाप्त ना करें।
~Kmsraj51
आज के समय में 97% मनुष्य यही साेचते है, कि मेरे किस्मत में जाे हाेगा वही मिलेगा और ऐसा साेचकर वह बैठ जाते हैं। आचार्य चाणक्य जी ने कितनी अच्छी बात कही हैं। “क्या पता किस्मत में ही लिखा हाे की काेशिश करने से ही मिलेगा। “
~Kmsraj51
हमेशा अपनी सोच काे अन्य लोगों(दुसराें) से अलग रखाें तभी आपकी अपनी कुछ अलग पहचान बन पायेगी।
~Kmsraj51
आप रहाे या ना रहाे, लेकिन ऐसा कर्म कराें जीवनभर की आपके कर्म सदैव आपकाे जिवित रखें।
~Kmsraj51
काेई व्यक्ति चाहे कितना भी महान क्यों ना हाे। आँख मूँद कर उसके पीछे नही चलना चाहिये।
यदि ईश्वर की ऐसी ही मंशा हाेती ताे वह हर प्राणी काे, आँख, नाक, कान, मस्तिष्क और मुंह क्यों देता।
ईश्वर ने जाे हर किसी काे दिया है ताे उसका उपयाेग करना चाहिये। साेच समझ कर सब, काम करने चाहिये।
~विमल गांधी जी ∇
भाग्य और दूसरों को क्या दोष देना।
जब सपने हमारे है इच्छाये हमारी है॥
तो कोशिश भी हमारी ही होनी चाहिये।
उसके लिये दूसरा कोई क्यों कोशिश करेगा॥
~विमल गांधी जी
समय और समझ।
दाेनाे एक साथ खुशकिस्मत लाेगाे काे ही मिलते है।
क्योंकि अक्सर समय पर समझ नही आती।
“और” समझ आने पर समय निकल जाता है।
दाेनाे अगर साथ में हाे, “ताे”
समय का अच्छा उपयाेग हाे जाता है।
~विमल गांधी जी ∇
जब दीवारो मे पड़ती है दरार तो – दीवारें गिर जाती है।
जब पड़ती है रिशतो मे दरार तो – कभी ना गिरने वाली दीवारें बन जाती है।
जिसे चाह कर भी मुश्किल हो जाता है – ताेडना॥
~विमल गांधी जी ∇
संतुलित दिमाग़ जैसी काेई सादगी नही।
संताेष जैसा काेई सुख नही॥
लाेभ जैसी काेई बीमारी नही।
और दया जैसा काेई पुण्य नही॥
~विमल गांधी जी ∇
जीवन में एक बार की हुई गलती को बार-बार सोचना अर्थात दाग पर दाग लगाना इसलिए बीती को बिन्दी लगाओ, और आगे बढ़ाे।
~Kmsraj51
किस्मत, नसीब़ और लक के भराेसे रहने पर किसी काे सफलता नहीं मिलती, सफलता ताे सच्चे मन से निरन्तर कार्य करने से ही मिलती हैं।
~Kmsraj51
केवल एक ही बुरा कर्म, किसी भी मनुष्य का शानाें, शाैंकत और इज़्ज़त यू मिनटाें में मिट्टी में मिला देता हैं। जैसे रेत से बना घर त्त्वरित गिर जाता हैं।
~Kmsraj51
मनु स्मृति के अनुसार इन ५ को कभी अतिथि नहीं बनाना चाहिए, न ही करें नमस्ते।
श्लोक ≈»
पाषण्डिनो विकर्मस्थान्बैडालव्रतिकांछठान्।
हैतुकान्वकवृत्तींश्च वाड्मात्रेणापि नार्चयेत्।।
~Kmsraj51
बुरी बातें ना खुद सुनो, ना किसी काे सुनाओं।
~Kmsraj51
सच्चा ब्राह्मण वह है जो पूर्ण शुद्धि और विधि पूर्वक हर कार्य करे।
~Kmsraj51
नाजुक परिस्थितियों के पेपर में पास होना है तो अपनी नेचर को शक्तिशाली बनाओ।
~Kmsraj51
ज्ञान और ध्यान का हाेना जरूरी हैं जीवन में। बिना ज्ञान और ध्यान के दिमाग शांत नहीं हाे सकता, साे जीवन में, ज्ञान और ध्यान का हाेना बहुत जरूरी हैं। ~Kmsraj51
“आत्मविश्वास किसी भी इंसान के लिए सर्वश्रेष्ठ आत्मिक शक्ति है। अगर वह स्वयं पर विश्वास रखकर कोई कर्म करता है तो कोई भी मुश्किल उसका रास्ता नहीं रोक सकती”।
रीयल डायमण्ड बनकर अपने वायब्रेशन की चमक विश्व में फैलाओ।
चोट लगाने वाले का काम है चोट लगाना और आपका काम है अपने को बचा लेना।
ज्ञान कभी बुरा नहीं हाेता, इंसान(जीवआत्मा) आैर इंसान के कर्म बुरे हाेते हैं।
~KMSRAJ51
किसी भी मनुष्य का परम धर्म है, सात्त्विक आहार, सात्त्विक विचार और सात्त्विक जीवन।
जिससे निराेगी काया(तन-Body), दिघा॔यु जीवन और स्वस्थ मन काे प्राप्त हाे॥
“पहचान बनानी है तो कुछ अलग कीजिए। जब तक दूसरों से डिफरेंट और अच्छा नहीं करेंगे, तब तक आगे बढ़ना मुश्किल। डिफरेंट करने से रिस्क तो होता है पर कंपीटिशन भी तो कम रहता है।”
जो समय पर सहयोगी बनते हैं उन्हें एक का पदमगुणा फल मिल जाता है।
~KMSRAJ51
“सफलता हासिल करनी है तो शुरू से ही लक्ष्य निर्धारित कीजिए। सपना जरूर देखिए, क्योंकि इनके बिना हमें मालूम कैसे होगा कि हमारी मंजिल क्या है।”
“अपने कीमती समय से थोड़ा समय अपने परिवार के लिये भी निकालिये, क्योंकि शायद जब आपके पास समय होगा तब, आपके पास ये खूबसूरत सा परिवार नहीं होगा।”
निश्चय ही आप विजयी होंगे, यदि आप अपनी दुर्बलता (Weakness) को अपनी ताकत में तब्दील करना सीख लें।
मन को प्रभू की अमानत समझकर उसे सदा श्रेष्ठ कार्य में लगाओ।
इस संसार को अलौकिक खेल और परिस्थतियों को अलौकिक खिलौने के समान समझकर चलो।
सदा खुश रहना और खुशी बांटना-यही सबसे बड़ा शान है।
ज्ञान, गुण और धारणा में सिन्धू बनो, स्मृति में बिन्दू बनो।
संकल्पों को बचाओ तो समय, बोल सब स्वत: बच जायेंगे।
अवसर का लाभ उठाओ, समय की कद्र करो, और शब्दों को सोच समझ कर खर्च करो।
~KMSRAJ51
“अपने लक्ष्य को इतना महान बना दो, की व्यर्थ के लीये समय ही ना बचे” -Kmsraj51
“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”
-KMSRAJ51
जीवन मंदिर सा पावन हाे, बाताें में सुंदर सावन हाे।
स्वाथ॔ ना भटके पास ज़रा भी, हर दिन मानो वृंदावन हाे॥
~KMSRAJ51
ग़लतियाँ सुधारने का समय तब खत्म हो गया।
जब Pencil की जगह Pen हाथ में आ गया।
~अमिताभ बच्चन जी।
दृढ़ता कड़े संस्कारों को भी मोम की तरह पिघला (खत्म कर) देती है।
त्रिकालदर्शी बनकर हर कर्म करो तो सफलता सहज मिलती रहेगी।
मनुष्य का सारा कैरेक्टर विकारों ने बिगाड़ा है।
आत्मा रूपी पुरूष को श्रेष्ठ बनाने वाले ही सच्चे पुरूषार्थी हैं।
सबसे बड़े ज्ञानी वह हैं जो आत्म-अभिमानी रहते हैं।
The largest are knowledgeable that the self-conceited.
-KMSRAJ51
अपने जीवन को कभी कम मत समझो। यह सबसे अनमोल है। तुम नहीं जानते तुममें कौन सी प्रतिभाएँ छिपी हैं और तुम विश्व को क्या दे सकते हो।
भावुकता और सतर्कता में संतुलन की आवश्यकता है और यह संतुलन ध्यान से आता है।
A balance between sensitivity and sensibility is required and this balance comes from meditation.
भीड़ में अकेला होना निर्वाण है; भीड़ में एकता की भावना होना ज्ञान का लक्षण है।
Enlightenment is being alone in a crowd; a feeling of oneness in a crowd – this is a sign of wisdom.
मैंने दिया है, मुझे पाना है – यह भाव दुःख का रास्ता है।
मैंने पाया है, मुझे देना है – यह भाव सुख का रास्ता है।
“I have given, I have to receive” is the way to sorrow.
“I have received, I have to give” is the way to happiness.
जब लोग कुछ ऐसा कहते हैं जिससे हममें ईर्ष्या, क्रोध, कुण्ठा या दुःख उत्पन्न होता है, तो हम सोचते हैं कि वे इसके लिए ज़िम्मेदार हैं। नहीं, हम ज़िम्मेदार हैं क्योंकि हमारा मन केन्द्रित नहीं है। हम अविचल शांति कैसे प्राप्त कर सकते हैं? स्वयं प्रसन्न होना पर्याप्त नहीं। हमारी कामना सबकी प्रसन्नता के लिए होनी चाहिए – यह सामूहिक चेतना, इन्द्र, मुझे स्वास्थ्य दे और मुझे अपने आत्म से जोड़े। यह मुझे केन्द्रित और प्रसन्न रखे। इसलिए, प्राचीन समय में सबकी प्रसन्नता की प्रार्थना की जाती थी।
When people say something that creates jealousy, anger, frustration or sadness in us, we think they are responsible. No, we are responsible because the mind is not centered. How can we gain unshakable peace? Being individually happy is not enough. Our wish should be for everybody be happy and radiate happiness. Let this collective consciousness, the Indra, always bring health and put me back in my Self. Let it always keep me centered, joyful and happy. So in the ancient days, the prayer used to be for everyone’s happiness.
तुम कांटे हो या फूल, पत्ते हो या फल, तुम जैसे भी हो, शिव तुम्हें स्वीकार करते हैं। ईश्वर की स्वीकृति जान कर अपने में विश्राम करो। साथ ही साथ निष्ठा से काम करो।
Whether you are a thorn or a flower, a leaf or fruit, Shiva accepts you. Know that the Divine accepts you and relax. Along with that, work with sincerity.
बाहर का दृश्य अस्पष्ट नहीं है, तुम्हारी दृष्टि अस्पष्ट है। यह जगत ऊपर से दोषयुक्त लगता है पर वास्तव में संपूर्ण है। पूर्णता छिपी रहती है, अपूर्णता अपना प्रदर्शन करती है। ज्ञानी सतह पर नहीं रहता, गहराई में जाता है।
The things you see are not blurred; it is your vision that is blurred. The world appears imperfect on the surface but underneath, all is perfect. Perfection hides; imperfection flaunts itself and shows off. The wise will not stay dwell on the surface but will probe into the depths.
जो इस प्रकृति के वैभव पर आश्चर्यचकित नहीं है, उसकी आँखें अभी तक नहीं खुलीं।
जैसे मन समय का अनुभव करता है, समय का, इस क्षण का भी अपना मन है, विशाल मन, जिसके पास सब व्यवस्था करने की अद्भुत अनंत शक्ति है। विचार इस क्षण में बस एक तरंग है। समाधि के कुछ क्षण मन में शक्ति भर देते हैं। सोने से एकदम पहले और तुरंत उठते ही इन क्षणों में मन समय से परे शाश्वत्ता का अनुभव करता है।
तुम दूसरों का ध्यान रखो। प्रकृति तुम्हारा ध्यान रखेगी।
एक अंकुर फूटकर पुष्प हो जाता है। एक दिल टूटकर दिव्य हो जाता है।
प्र: जीवन भाग्य पर चलता है या स्वेच्छा पर?
श्री श्री: जीवन दोनों का मिश्रण है। कुछ बातें तुम्हारे वश में नहीं हैं, वो भाग्य है। कुछ चीजें तुम चुन सकते हो, वह स्वेच्छा है। वर्षा होना भाग्य है, भीगना या न भीगना स्वेच्छा है।
भूत को भाग्य मानो, भविष्य को स्वेच्छा और वर्तमान में प्रसन्न रहो। मूर्ख व्यक्ति भूत को स्वेच्छा मानकर पश्चात्ताप करता है, भविष्य को भाग्य मानता है और वर्तमान में दुखी रहता है।
जो बहुत काम करते हैं वे कभी नहीं कहते कि उन्होंने बहुत किया। यदि कोई कहे कि उन्होंने बहुत काम किया, तो अर्थ है कि वे और कर सकते हैं; पूर्ण रूप से नहीं किया। काम करने से इतनी थकान नहीं होती जितनी कर्तापन के भाव से होती है। पूरी तरह कर्म करने में रहो, कर्तापन के भाव से रहित होकर।
प्राय: जीवन की गतिविधियों से लोग अचेत होकर निकलते हैं, पशुओं की तरह। पशु प्रतिदिन वही घास खाने से भी नहीं ऊबते। इसलिए जीवन के क्रियाकलापों से मुक्त होने की चाह बहुत बड़ा सौभाग्य है। यदि मुक्त होने की थोड़ी भी चाह तुममें उठी है तो जान लो कि तुम बहुत भाग्यशाली हो।
सफाई देकर अपनी भूल न छिपाओ। बाहर से तुम अपनी निर्दोषता सिद्ध करते हो, पर अपनी भूल मन में चुभती है। उसकी पीड़ा तुम्हें गहराई में ले जा सकती है। स्वयं को उचित या निर्दोष सिद्ध मत करो। अपनी भूल की चुभन को सहो, वह तुम्हें भूल से बाहर ले आयेगी।
जो कुछ कोई कहता या करता है, वह केवल डिब्बे पर बंधा रिबन या धागा है। धागा हटाओ, डिब्बा खोलो और भीतर देखो। हर व्यक्ति एक पार्सल के डिब्बे के समान है। कुछ में पटाखे हैं! कुछ में मिठाई या कोई और आश्चर्यजनक वस्तु है। केवल बाहर के आवरण पर मत जाओ। सबके भीतर एक अनमोल उपहार है।
~श्री श्री रवि शंकर जी।
अब आप के भीतर चिता हो या यज्ञ हो ये निर्णय आप को करना है।
अग्नि पर जब फल, फुल, अनाज, दूध, दहीं, घी, तेल डाला जाता है तो वो यज्ञ बन जाता है, और उसी अग्नि पर जब मुर्दा, हड्डी, मांस का शरीर रखा जाता हे फिर वो पूरा हो या कटा हुआ हो तो वो चिता बन जाती है।
हमें भी जब भूख लगती हे तो कहा जाता हे की हमारे भीतर जठराग्नि प्रज्जवलित हुई है और वो भी अग्नि है और जब ये जठराग्नि प्रज्जवलित होती हे तब हम उस में भी कुछ ना कुछ डालते है । अगर हम उस में चिकन, मटन या मांस का कुछ भी डालते हे तो वो चिता बन जाती है, और अगर हम उसमे फल, फुल, अनाज, दूध, दहीं, घी, तेल डालते हे तो वो यज्ञ बन जाता है।
अब आप के भीतर चिता हो या यज्ञ हो ये निर्णय आप को करना है।
जाे आपका आैर आपके समय के वैल्यू काे ना समझे।
उसके लिए कभी भी कार्य (Work) ना कराे॥
~KMSRAJ51
In-English…..
Purity is the foundation of true peace & happiness,
It is your most valuable Property in your life,
Preserve it at any cast. !!
In-Hindi…..
पवित्रता सच शांति और खुशी का आधार है.
यह आपके जीवन में सबसे मूल्यवान संपत्ति है.
यह किसी भी कलाकार की रक्षा करता है!!
~KMSRAJ51
“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्सािहत करते हैं।”
In English
Amazing changes the conversation yourself can be brought to life by. By doing this you Recognize hidden within the buraiyaen solar radiation, and encourage good solar radiation to become themselves.
~KMSRAJ51(“तू ना हो निराश कभी मन से” किताब से)
किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए हिम्मत और उमंग-उत्साह बहुत जरूरी है।
जहाँ उमंग-उत्साह नहीं होता वहाँ थकावट होती है और थका हुआ कभी सफल नहीं होता।
~KMSRAJ51
अगर जीवन में सफल हाेना हैं, ताे कभी भी काेई भी कार्य करें ताे पुरें मन से करे।
जीवन में सफलता आपकाे देर से ही सही लेकिन सफलता आपकाे जरुर मिलेगी॥
~KMSRAJ51
जिनके संकल्प में दृढ़ता की शक्ति है, उनके लिए हर कार्य सम्भव है।
~KMSRAJ51
जीवन में सदैव शांत मन से साेंच समझ़ कर हीं काेई निर्णय लें।
और जाे निर्णय एकबार लें उसका जीवन में दृढ़ता से पालन करें।
~KMSRAJ51
अगर आपको लगता है, आप ऐसा कर सकते हैं, आप सही हैं।
तैयारी इतनी खामोशी से करो की सफलता शोर मचा दे |
~KMSRAJ51
कोई और तुम्हारा अकेलापन नहीं भर सकता। अगर ऐसा हो भी, तो बहुत थोड़ी देर के लिए ही होगा। संगत होने पर भी तुम अकेले महसूस कर सकते हो। सच में तो अकेलापन केवल एकांत में रहने से ही भर सकता है। अगर तुम कुछ देर एकांत में सुख से रह सकते हो, तो तुम अकेले महसूस नहीं करोगे। जब तुम अकेले महसूर नहीं करते, तो अपने आस पास लोगों में आनंद फैला सकते हो।
जीवन में तीन गुण विकसित करो: बुद्धि में तीक्ष्णता, हृदय में कोमलता और मन में प्रसन्नता।
हमारी मुस्कान अनमोल है पर हम उसे छोटी छोटी चीज़ों में गँवा देते हैं। किसी के कुछ शब्द, फोन पर कोई बात हमें परेशान कर सकती है। हम अपनी मुस्कान खोकर कई दिन बेचैनी में बिता देते हैं। क्या ये अच्छा सौदा है? खुद खुश रहना, अपने आस पास वातावरण खुश रखना और किसी भी कीमत पर अपनी मुस्कान न खोना मुक्ति का सच्चा चिन्ह है।
यद्यपि नदी विशाल है, तुम्हारी प्यास एक घूँट से भर जाती है। यद्यपि पृथ्वी पर इतना भोजन है, थोड़ा सा ही तुम्हारा पेट भर देता है। तुम्हें केवल थोड़े थोड़े की ही आवश्यकता है। जीवन में हर चीज़ का छोटा सा अंश स्वीकार करो, उससे तुम्हें संतुष्टि मिलेगी। आज रात तृप्ति की भावना के साथ सोने जाओ, और अपने साथ दिव्यता का एक छोटा सा अंश ले जाओ।
जब तुम भीतर से शांत और केन्द्रित हो तो शोर भी संगीतमय है, बादल भी मनोहर हैं और बारिश भी पिघली हुई धूप है।
प्रेम बिना किसी शब्द के मौन में भी व्यक्त किया जा सकता है।
जब मैं-पन का अंत हो जाता है, कर्ता घुल जाता है, तब केवल शक्ति रह जाती है, केवल आनंद। यह प्रयत्न से नहीं, केवल गहरे विश्राम में ही संभव है।
तुममें एक कर्ता है और एक साक्षी है। कर्ता स्पष्ट या अनिश्चय में हो सकता है, पर साक्षी केवल देखता और मुस्कुराता है। जितना यह साक्षी तुममें बढ़ेगा, तुम उतने आनंदी और अप्रभावित रहोगे। तब निष्ठा, श्रद्धा, प्रेम और आनंद तुम्हारे भीतर और चारों ओर खिल उठेंगे।
मैं जानता हूँ यह जीवन एक खेल है। तुम जानते हो यह जीवन एक खेल है। आओ खेलें!!
विशाल दृष्टि रखो! इस जगत के लिए जितनी विशाल हमारी दृष्टि होगी उतनी कम हमारी व्यक्तिगत चिंताएँ होंगी।
यह पूरा विश्व एक कुटुम्ब है, इसलिए हमें सहजता और सरलता से रहना चाहिए। जीवन तभी खिलता है। हम अपने और दूसरों के बीच जो दीवार खड़ी कर लेते हैं, उसे गिराना होगा। अपनी ओर से सभी अवरोध हटा दो और सबसे हाथ मिलाओ।
सबसे उत्तम सेवा है किसी की मनोदशा को ऊपर उठाना।
ध्यान मालिश करवाने जैसा ही है। बस विश्राम करो और प्रकृति को तुम्हारी देखभाल करने दो।
प्रेम न तो पूरी तरह छिपाया जा सकता है न दिखाया जा सकता है। इसे जितना छिपाओ उतना ही प्रत्यक्ष दीखने लगता है।
याद रखो कि तुम्हारे सभी गुण जो तुम्हें उपहार के रूप में मिले हैं, दूसरों के लिए हैं। जो भी तुम्हारे पास आए, अपने उपहार उनके साथ बांटो।
जब तुम अपनी सेवा से किसी को राहत दिलाते हो, तो तुम्हें आशीर्वाद मिलता है।
दृश्य से द्रष्टा की ओर जाना ध्यान है।
जब हम भावनाओं से परे चले जाते हैं, तो अविचल हो जाते हैं। अविचलता हर अनुभव की पराकाष्ठा है।
जहां प्रेम है वहां प्रतीक्षा है।
अहंकार में जीत भी हार है। प्रेम में हार भी जीत है।
मालिश करवाते हुए तुम बस लेटे रहते हो और मालिश करने वाला तुम्हारी देखरेख करता है। ध्यान भी ऐसा ही है। बस विश्राम करो और प्रकृति को तुम्हारी देखभाल करने दो।
~Sri Sri Ravi Shankar
लिखना तो बहुत चाहता था लिख नहीं पाया
कुछ अशांत मन को जगाने से ही, जग आया
मैं हूँ जहाँ
उस थल पर कहाँ
कोई और पहुँच पाएगा यदि उसे बुलाया …. ?
किसी काण्ड पे कोई क्या लिखे कहे,
लिखावर की ज़िद पर क्या बयान चले
हम हैं तो वो जब
वो हैं तो हम अब
इस विचार धारा पे कैसे कोई जीवन चले, बने …. ?
समझ पाओगे न वो जो जीवन में शांत रहता
सोच गहरी हो, तभी तो न विशवास बनता
मै लिए एक बाण को
खींच उस कमान को
छेड़ देता, तो क्या मुझपर ही ब्रह्माण्ड गिरता …?
~ Amitabh Bachchan
काश कोई लौटा दे, वो प्यारा-सा मेरा बचपन…..
पापा की गोदी में अठखेली करता वो बचपन,
माँ के आँचल में छुपता-इठलाता वो बचपन।
आँखों में शरारत, ग़मों से अनजान, हँसता-मुस्कुराता वो बचपन,
काश कोई लौटा दे, वो प्यारा-सा मेरा बचपन…।।
~जया शर्मा किशोरी।
खवाहिश नही मुझे मशहुर होने की।
आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है।
अच्छे ने अच्छा और बुरे ने बुरा जाना मुझे।
क्यों की जिसकी जितनी जरुरत थी उसने
उतना ही पहचाना मुझे…..।
~जया शर्मा किशोरी।
कितनी घड़ियाँ, कितने घंटे और कितने दिन हमने अपने जीवन में भीतर से प्रसन्न रहे? उतने ही क्षण हम वास्तव में जिए हैं।
~श्री श्री रवि शंकर जी
आज मैं सशक्त हूँ , क्यों की मैं एक दिन कमज़ोर था ….
आज मैं निर्भय हूँ , क्यों की मैं कभी डरा हुआ था …….
आज मैं बुद्धिमान हूँ , क्यों की एक समय मैं बुद्धिहीन था।
~अमिताभ बच्चन जी
देश और भविष्य की सम्भावना देखनी है तो आज के बच्चों का स्तर देखो।
-Pandit Shriram Sharma Acharya
शब्दों की यात्रा में, शब्दों के अनगिनत यात्री मिलते हैं, शब्दों के आदान प्रदान से भावनाओं का अनजाना रिश्ता बनता है – गर शब्दों के असली मोती भावनाओं की आँच से तपे हैं तो यकीनन गुलमर्ग यहीं है…सिहरते मन को शब्दों से तुम सजाओ, हम भी सजाएँ, यात्रा को सार्थक करें…. ~रश्मि प्रभा
मेरे एहसास इस मंदिर मे अंकित हैं…जीवन के हर सत्य को मैंने इसमे स्थापित करने की कोशिश की है। जब भी आपके एहसास दम तोड़ने लगे तो मेरे इस मंदिर मे आपके एहसासों को जीवन मिले, यही मेरा अथक प्रयास है…मेरी कामयाबी आपकी आलोचना समालोचना मे ही निहित है…आपके हर सुझाव, मेरा मार्ग दर्शन करेंगे…इसलिए इस मंदिर मे आकर जो भी कहना आप उचित समझें, कहें…ताकि मेरे शब्दों को नए आयाम, नए अर्थ मिल सकें …~रश्मि प्रभा
ज्ञान का अर्थ है समझ। समझदार उसे कहा जाता है जो समय प्रमाण समझदारी से कार्य करते हुए सफलता को प्राप्त करे।समझदार की निशानी है वह कभी धोखा नहीं खा सकते। और योगी की निशानी है क्लीन और क्लीयर बुद्धि। जिसकी बुद्धिक्लीन और क्लीयर है वह कभी नहीं कहेगा कि पता नहीं ऐसा क्यों हो गया! यह शब्द ज्ञानी और योगी आत्मायें नहीं बोल सकती, वे ज्ञान और योग को हर कर्म में लाती हैं।
इस संसार को अलौकिक खेल और परिस्थतियों को अलौकिक खिलौने के समान समझकर चलो।
सर्व आसक्तियों पर विजय प्राप्त करने वाले शिव शक्ति पाण्डव सेना हैं।
वरदान:- बन्धनों के पिंजड़े को तोड़कर जीवनमुक्त स्थिति का अनुभव करने वाले सच्चे ट्रस्टी भव
शरीर का वा सम्बन्ध का बन्धन ही पिंजड़ा है। फर्जअदाई भी निमित्त मात्र निभानी है, लगाव से नहीं तब कहेंगे निर्बन्धन। जो ट्रस्टी बनकर चलते हैं वही निर्बन्धन हैं यदि कोई भी मेरापन है तो पिंजड़े में बंद हैं। अभी पिंजड़े की मैना से फरिश्ते बन गये इसलिए कहाँ जरा भी बंधन न हो। मन का भी बंधन नहीं। क्या करूं, कैसे करूं, चाहता हूँ होता नहीं-यह भी मन का बंधन है। जब मरजीवा बन गये तो सब प्रकार के बंधन समाप्त, सदा जीवनमुक्त स्थिति का अनुभव होता रहे।
–ब्रह्म कुमारी आध्यात्मिक विश्वविद्यालय
दूसरों को देखने के बजाए स्वयं को देखो और याद रखो – “जो कर्म हम करेंगे हमें देख और करेंगे”।
अनुभवी आत्मायें कभी वायुमण्डल वा संग के रंग में नहीं आ सकती।
प्रत्यक्ष प्रमाण वह है जिसका हर कर्म सर्व को प्रेरणा देने वाला है।
योग रूपी कवच को पहनकर रखो तो माया रूपी दुश्मन वार नहीं कर सकता।
वरदान:- समय प्रमाण हर शक्ति का अनुभव प्रैक्टिकल स्वरूप में करने वाले मास्टर सर्वशक्तिमान भव
मास्टर का अर्थ है कि जिस शक्ति का जिस समय आह्वान करो वो शक्ति उसी समय प्रैक्टिकल स्वरूप में अनुभव हो। आर्डर किया और हाजिर। ऐसे नहीं कि आर्डर करो सहनशक्ति को और आये सामना करने की शक्ति, तो उसको मास्टर नहीं कहेंगे। तो ट्रायल करो कि जिस समय जो शक्ति आवश्यक है उस समय वही शक्ति कार्य में आती है? एक सेकण्ड का भी फर्क पड़ा तो जीत के बजाए हार हो जायेगी।
वरदान:- बुराई में भी अच्छाई का अनुभव करने वाले निश्चयबुद्धि बेफिक्र बादशाह भव
सदा यह स्लोगन याद रहे कि जो हुआ अच्छा हुआ, अच्छा है और अच्छा ही होना है। बुराई को बुराई के रूप में न देखें। लेकिन बुराई में भी अच्छाई का अनुभव करें, बुराई से भी अपना पाठ पढ़ लें। कोई भी बात आये तो “क्या होगा” यह संकल्प न आये लेकिन फौरन आये कि “अच्छा होगा”। बीत गया अच्छा हुआ। जहाँ अच्छा है वहाँ सदा बेफिक्र बादशाह हैं। निश्चयबुद्धि का अर्थ ही है बेफिक्र बादशाह।
–ब्रह्म कुमारी आध्यात्मिक विश्वविद्यालय
जितना अध्ययन करते हैं, उतना ही हमें अपने अज्ञान का आभास होता जाता है।
बिन्दु रूप में स्थित रहो तो समस्याओं को सेकण्ड में बिन्दु लगा सकेंगे।
दो नावों की सवारी करने वाला व्यक्ति कभी भी लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाता।
यदि तुम्हें इस विद्या में सफलता प्राप्त करनी है तो पहले एक तरफ पूरा ध्यान लगाओ।
सुना होगा तुमने दर्द की एक हद होती हैं मिलो हमसे हम अक्सर उसके पार जाते हैं !
~नीलिमा शर्मा
जीवन में सबसे बड़ी ख़ुशी तथा चुनाैती उस काम काे करने में है जिसे लाेग कहते हैं कि “तुम नहीं कर सकते”।
विचार बहते हुए पानी की तरह है, यदि हम उसमें गदंगी मिलाएँगे ताे वह नाला बन जाएगा आैर यदि सुगंध मिला देंगे ताे वही गंगाजल(पवित्र) बन जाएगा।
चिंता, शाेक, थकान आैर जल्दबाजी में भाेजन नहीं करना चाहिए तथा भाेजन करते समय किसी प्रकार की समस्याओं पर चर्चा नहीं करनी चाहिए। रात काे साेने से तीन घंटे पहले भाेजन कर लेना चाहिए।
हर किसी काे अपने ज्ञान का अभिमान ताे हाेता है परंतु अपने अभिमान का ज्ञान नहीं हाेता।
-पूज्य आचार्य श्री बाल कृष्ण जी महाराज
सूरज नहीं करता दोस्ती तारों से अंधियारों से।
मेल नहीं होता जल का शोलो के अंगारों से।।
राष्ट्रभक्त समझौता नहीं करते कभी देश के गद्दारों से।।
-पूज्य आचार्य श्री बाल कृष्ण जी महाराज
माँ-बाप की आँखों में दो बार ही आंसू आते है !
एक तो लडकी घर छोडे तब और दूसरा लडका मुँह
मोडे तब, पत्नि पसंद से मिल सकती है !
मगर माँ तो पुण्य से मिलती है इसलिये पसंद
से मिलने वाली के लिये पूण्य से मिलने वाली को
मत ठुकरा देना ! जब तू छोटा था तो माँ की शय्या गीली रखता
था, अब बडा हुआ तो माँ की आंख गीली रखता है! तू कैसा
बेटा है ? तूने जब धरती पर पहला सांस लिया, तब
माँ-बाप तेरे पास थे अब तेरा फर्ज है कि माता-पिता
जब अंतिम सांस लें, तब तू उनके पास रहे …
—— मुनि श्री तरुणसागर जी
-माँ-
बाजारों में गाय का दूध मिल सकता है
लेकिन माँ का नही !
माँ का दूध बाजारों में बिकने की चीज वस्तु नहीं है,
वह तो सिर्फ वेदांत शिशु के मुँह में ही झरता है,
माँ का दूध अमूल्य है !
इस दूध का मोल हिन्दुस्तान को
बेचकर भी नहीं चुकाया जा सकता है!
ऐसी माँ किसी मुनि-महात्मा से कम पूजनीय नही है !
सम्पूर्ण मानवता को अस्तित्व प्रदान करने वाली “माँ” की पूजा करने के बजाय आज उसे विभिन्न प्रकार की प्रताडनाओं के दौर से गुजरना पड रहा है, संस्कारों के अभाव में एक “माँ” को अपने ही घर में अपनों के ही द्वारा उसे जलील किया जा रहा है॥
—Vatsalya Sanrakshan Sangthan (VSS)
“तू ना हो निराश कभी मन से”
—–
मन काे कैसे नियंत्रण में करें।
मन के विचारों काे कैसे नियंत्रित करें॥
विचारों के प्रकार–एक खुशी जीवन के लिए।
अपनी सोच काे हमेशा सकारात्मक कैसे रखें॥
“मन के बहुत सारे सवालाें का जवाब-आैर मन काे कैसे नियंत्रित कर उसे सहीं तरिके से संचालित कर शांतिमय जीवन जियें”
अगर जीवन में सफल हाेना हैं. ताे जहाँ १० शब्दाें से काेई बात बन जाये वहा पर
१०० शब्द बाेलकर अपनी मानसिक और वाणी की ऊर्जा को नष्ट नहीं करना चाहिए॥
-Kmsraj51
प्रश्न :- दोस्त क्या है?\मित्र क्या है?
उत्तर :- “एक आत्मा जाे दाे शरीराें में निवास करती है”
“तू ना हो निराश कभी मन से”
अपनी कसम देकर उसने हमे मजबूर कर दिया,
मुझे खुश रखने के लिये खुद से दुर कर दिया,
हमारी चाहत को कभी उसने समझा ही नही,
और हम थे की उनके लिये अपनो को ही छोड दिया,
* समय प्रमाण शक्तियों को यूज़ करना माना ज्ञानी और योगी तू आत्मा बनना।
* सर्वशक्तिमान बाप को अपना साथी बना लो तो कोई भी विघ्न आपको रोक नहीं सकता।
* शान्ति की वास धूप जगाकर रखो तो अशान्ति की बांस समाप्त हो जायेगी।
* रूहानियत से रोब को समाप्त कर, स्वयं को शरीर की स्मृति से गलाने वाले ही सच्चे पाण्डव हैं।
* सदा ज्ञान के सिमरण में रहो तो सदा हर्षित रहेंगे, माया की आकर्षण से बच जायेंगे।
* अचल बनना है तो व्यर्थ और अशुभ को समाप्त करो।
* अज्ञान की शक्ति क्रोध है और ज्ञान की शक्ति शान्ति है।
* क्रोध अग्नि रूप है जो खुद को भी जलाता और दूसरों को भी जला देता है इसलिए क्रोध मुक्त बनो।
* अपने हाथ में लॉ उठाना भी क्रोध का अंश है।
* स्वयं सन्तुष्ट रह, सबको सन्तुष्ट करना ही सन्तुष्टमणि बनना है।
* आपकी विशेषतायें वा गुण प्रभु प्रसाद हैं, उन्हें मेरा मानना ही देह-अभिमान है।
* जिनका स्वभाव मीठा, शान्तचित है उस पर क्रोध का भूत वार नहीं कर सकता।
* सुख स्वरूप आत्मा स्व-स्थिति से परिस्थिति पर सहज विजय प्राप्त कर लेती है।
* मनमनाभव की स्थिति में स्थित रहो तो औरों के मन के भावों को जान जायेंगे।
* मंसा द्वारा योगदान, वाचा द्वारा ज्ञान दान और कर्मणा द्वारा गुणों का दान करो।
~आध्यात्मिक सेवा में-Brahma-Kumaris
“असली बड़ा आदमी वो होता है जिससे मिलने
के बाद कोई ख़ुद को छोटा न महसूस करे…”
“खुद को आसान कर रही हो ना?
हम पे एहसान कर रही हो ना?
ज़िन्दगी हसरतों की मय्यत है
फिर भी अरमान कर रही हो ना?
नींद, सपने, सुकून, उम्मीदें
कितना नुक्सान कर रही हो ना?
हम ने समझा है प्यार, पर तुम तो
जान-पहचान कर रही हो ना?”
-डा० कुमार विश्वास
“तूने पूछा है जुस्तजू क्या है
दिल ही जाने कि आरज़ू क्या है
तेरे होने से मेरा होना है
मैं नहीं जानता कि तू क्या है…”
-डा० कुमार विश्वास
“कभी दुनिया को उलझाना कभी आसान हो जाना ,
ज़माने भर की चाहत का खुला उन्वान हो जाना ,
मेरी जाँ ये तुम्हारे दिल की आवारा सी हरक़त है ,
कभी मेहमान कर लेना ,कभी मेहमान हो जाना….!”
-डा० कुमार विश्वास
“कोई कब तक महज सोचे,कोई कब तक महज गाए ,
ईलाही क्या ये मुमकिन है कि कुछ ऐसा भी हो जाऐ ,
मेरा मेहताब उसकी रात के आगोश मे पिघले ,
मैँ उसकी नीँद मेँ जागूँ वो मुझमे घुल के सो जाऐ…..।”
-Kr. Vishwas
“तुझ से मिलती हुई सूरत जो कहीं दीखे है ,
जी में आवे है कि भगवान् पे दावा कर दूँ ….!”
-Kr. Vishwas
Raining day…..
“कहाँ पे गुम हो इस बार की बरसात में तुम ?
इन ख्यालों से भी मिलती हो कभी रात में तुम….?”
-Kr. Vishwas
“ना पाने की खुशी है कुछ,ना खोने का ही कुछ गम है ,
ये दौलत और शौहरत सिर्फ कुछ जख्मों का मरहम है ,
अजब सी कशमकश है रोज जीने ,रोज मरने में ,
मुक्कमल जिंदगी तो है,मगर पूरी से कुछ कम है…!”
-Kr. Vishwas
“हमें मालूम है दो दिल जुदाई सह नहीं सकते
मगर रस्मे-वफ़ा ये है कि ये भी कह नहीं सकते
जरा कुछ देर तुम उन साहिलों कि चीख सुन भर लो
जो लहरों में तो डूबे हैं, मगर संग बह नहीं सकते …”
-डा० कुमार विश्वास
“अपनी यादों से कहो कि एक दिन कि छुट्टी दे हमें ,
इश्क़ के हिस्से में भी इतवार होना चाहिए। —-!” –मुनव्वर राणा
जीवन में किसी का भला करोगे तो लाभ होगा , क्यूंकि ‘भला ‘ का उल्टा ‘लाभ ‘ होता है !
और जीवन में किसी पर दया करोगे तो वो याद करेगा , क्यूंकि ‘दया’ का उल्टा ‘याद’ होता है !!
~KMSRAJ51
कुए में उतरने वाली बाल्टी अगर झुकती है तो भरकर बाहर आती है।
जीवन का भी यही गणित है। जो झुकता है वो प्राप्त करता है ।।
~KMSRAJ51
“सफल लोग अपने मस्तिष्क को इस तरह का बना लेते हैं कि उन्हें हर चीज सकारात्मक व खूबसूरत लगती है।”
-KMSRAJ51
“हमारी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि हम अपने जीवन का कुछ सेकंड, प्रतिघंटा और प्रतिदिन कैसे बिताते हैं”
-KMSRAJ51
आपकी सोच ~ आपकी दुनिया
पैर की मोच
और
छोटी सोच,
हमें आगे बढ़ने नहीं देती ।
टुटी कलम
और
औरो से जलन,
खुद का भाग्य लिखने नहीं देती ।
काम का आलस
और
पैसो का लालच,
हमें महान बनने नहीं देता ।
अपना मजहब उंचा और
गैरो का ओछा,
ये सोच हमें इन्सान बनने नहीं देती ।
Success Mantra – Kmsraj51
जीवन का लक्ष्य पता करें, उसे पाने की इच्छा पैदा करें।
ऐसा नहीं करेंगे तो आप एक काम छोड़कर दूसरा और फिर तीसरा करते रहेंगे और खुद को नाकाम मानने लगेंगे।
सफलता कठोर मेहनत और खुद पर भरोसा करने से मिलती है।
यह गिफ्ट में या धनी परिवार में पैदा होने से नहीं मिलती है।
खुद को साबित करने के लिए मौका मिलने के आप हकदार हैं। सफलता की नींव आप खुद हैं।
दूसरे क्या सोच रहे हैं, इस बारे में अनुमान लगाते रहना नकारात्मक सोच की निशानी है।
माइंड रीडिंग करने से मूड खराब होता है। गलत धारणाएं, अनुमान लगाने लगते हैं।
रिलेशनशिप को नुकसान होता है। सीखने के मौके बंद हो जाते हैं। जबकि ये सफलता में मददगार हैं।
सफल लोग हर दिन जोखिम उठाते हैं। यह सच्चाई है कि जोखिम रिवॉर्ड लेकर आती है।
दोनों साथ?साथ चलते हैं। नाकामी का डर जोखिम उठाने से रोकता है।
बचपन में मां से यह सुना होगा कि अच्छी चीजें उन्हीं के पास आती है, जो धैर्य रखते हैं।
यह पूरा सच है। धैर्य का गुण विकसित करने के लिए रोज छोटे-छोटे कदम उठाएं।
एक बार नाकाम रहे तो क्या प्रयास छोड़ दें।
महान वैज्ञानिक, राजनेता और खिलाड़ी कई बार नाकाम हुए,
लेकिन प्रयास नहीं छोड़े और सफल हुए। निडर बनें।
काम या लक्ष्य पर दृढ़ न रहना मानसिक थकावट को बताता है।
महत्वपूर्ण मौके पर पीछे हट गए। जबकि यह सफलता के सबसे करीब पहुंचने की स्थिति होती है।
-A Message To All-
मत करो हतोत्साहित अपने शब्दों से ……आने वाली नयी पीढ़ी को ,
वो भी करेंगे कुछ ऐसा एक दिन…. जिसे देखेगा ज़माना ….पकड़ती हुई नयी सीढ़ी को ॥
=> समय रूपी अमूल्य उपहार का एक क्षण भी आलस्य और प्रमाद में नष्ट न करें।
=> निर्धनता मनुष्य के लिए बेइज्जती का कारण नहीं हो सकती। यदि उसके पास वह सम्पत्ति मौजूद हो, जिसे ‘सदाचार्’ कहते है।
=> कर्मयोग का अर्थ है – लोकमंगल के उच्च स्तरीय प्रयोजनों में पुरुषार्थ को नियोजित किए रहना।
=> मनुष्य कर्म करने में स्वतंत्र है; परन्तु इनके परिणामों में चुनाव की कोई सुविधा नहीं।
=> वही अनशन, तप, श्रेष्ठ है जिससे कि मन अमंगल न सोचे, इन्द्रियों की क्षति न हो और नित्य प्रति की योगधर्मक्रियाओं में विघ्न न आए।
=> ईश्वर पाप से बहुत कुढ़ता है और हमारी चौकीदारी के लिए अदृश्य रूप से हर घडी़ साथ रहता है।
=> भगवान् उन्हें ही सर्वाधिक प्यार करते हैं, जो तप- साधना की आत्म- प्रवंचना में न डूबे रहकर सेवा- साधना को सर्वोपरि मानते हैं।
=> दूसरों की सहायता वे ही लोग कर सकते हैं, जिनके पास अपना वैभव और पराक्रम हो।
=> मनन और चिंतन के बिना न आत्म- साक्षात्कार होता है और न ईश्वर ही मिलता है।
=> “नारी” परिवार को श्रेष्ठता से अभिपूरित, धरती को स्वर्ग बनाती है।
=> सच्चाई के अनुयायी एक हजार हाथियों की ताकत है.
The follower of truth has the strength of a thousand elephants.
=> शुभ काम दिखावे के लिए न करें।
=> मनुष्य जैसा सोचता है ठीक वैसा ही बनता जाता है।
=> सच्चे उपदेशक वाणी से नहीं, जीवन से सिखाते हैं।
=> भाग्य बदलने की एकमात्र शर्त है- उन्नति के लिए सच्चा और निरन्तर संघर्ष।
=> अध्यात्मवाद वह महाविज्ञान है, जिसकी जानकारी के बिना भूतल के समस्त वैभव निरर्थक हैं और जिसके थोडा़– सा भी प्राप्त होने पर जीवन आनन्द से ओतप्रोत हो जाते है।
-Pandit Shriram Sharma Acharya Guru Ji
लोगों को अपना बनाना सीखो| वे तुम्हारे ही हैं|
इसी धरती के हैं और इसी हवा में सांस लेते हैं| तुम्हारे बीच गहरा सम्बन्ध है|
यदि तुमने प्रेम की पूर्णता को पा लिया तो सभी तुम्हारी उपस्थिति में सुरक्षित महसूस करते हैं।
सबसे उत्तम पूजा है प्रसन्न होना, कृतज्ञ होना।
विश्व में ऐसी कोई ख़ुशी नहीं जो ज्ञान के मार्ग पर उपलब्ध न हो|
एक बार यह अमृत चख लेने के बाद सब कुछ कड़वा लगता है|
जैसे एक जलती ज्योति ही कोई और ज्योति जला सकती है, वैसे ही जिसके पास है, वही दे सकता है|
जो स्वयं मुक्त है वही मुक्त कर सकता है| जो स्वयं प्रेम है, वही प्रेम अंकुरित कर सकता है|
ध्यान मालिश करवाने जैसा ही है| बस विश्राम करो और प्रकृति को तुम्हारी देखभाल करने दो|
प्रेम देने का आनंद इतना रसमय है कि उसे कौन ग्रहण कर रहा है यह महत्त्वपूर्ण नहीं रहता|
जब हमारे जीवन में व्यक्तिगत आवश्यकताएं और इच्छाएं नहीं रहतीं,
तो एक अद्भुत शक्ति का उदय होता है जिससे हम दूसरों को आशीर्वाद दे सकते हैं|
प्रेम न तो पूरी तरह छिपाया जा सकता है न दिखाया जा सकता है|
इसे जितना छिपाओ उतना ही प्रत्यक्ष दीखने लगता है|
याद रखो कि तुम्हारे सभी गुण जो तुम्हें उपहार के रूप में मिले हैं, दूसरों के लिए हैं|
जो भी तुम्हारे पास आए, अपने उपहार उनके साथ बांटो|
मैं जानता हूँ यह जीवन एक खेल है| तुम जानते हो यह जीवन एक खेल है| आओ खेलें!!
जब तुम अपनी सेवा से किसी को राहत दिलाते हो, तो तुम्हें आशीर्वाद मिलता है|
अपने जीवन में अभाव पर ध्यान मत दो| जो तुम्हें मिला है, उसे देखो| तब, समृद्धि बढती है|
जब तुम प्रेम से भर जाते हो तो उसे बांटने लगते हो| और तब यह आश्चर्य की बात पता चलती है कि जब तुम प्रेम देने लगते हो, तुम प्रेम पाने भी लगते हो – अज्ञात साधनों से, अनजान लोगों से, पेड़ों से, नदियों से, पहाड़ों से| सृष्टि के कोने कोने से तुमपर प्रेम कि वर्षा होने लगती है| जितना तुम देते हो, उतना तुम्हें मिलता है| जीवन प्रेम का नृत्य सा बन जाता है|
ब्रह्माण्ड में एक शक्ति है जो आपको आपके माता पिता से, मित्रों से या जीवन साथी से भी अधिक प्रेम करती है|
एक क्षेत्र है, एक ऊर्जा है जो आपका ख्याल रखती है| आपको केवल शांत रहना है||
जो प्रेम तुम हो, जब वह उदय होता है, तो जीवन ही एक ग्रन्थ बन जाता है।
अपना जीवन ही गीता, कुरान या बाइबल बना लो। यह प्राप्त करने की कुंजी है दिव्य प्रेम!
ऐसे भक्त बनो जो प्रभु में ही खोया हो, उन्हीं से व्याप्त हो।
जब तुम जानते हो कि तुम क्या कर सकते हो, तो तुम कुछ कर सकते हो|
जब तुम नहीं जानते कि तुम क्या कर सकते हो, तो तुम उससे भी बेहतर कर सकते हो|
वादा खुद से कर के निकले हैं
अब कदम रुक सकते नहीं
लक्ष्य हासिल किये बिना
थक के बैठ सकते नहीं!
विपत्ति का सामना जो हंस के कर पायेगा
जग में उसी का नाम रह जाएगा
तपने उपरान्त सोने की पहचान बनती है
सतत परिश्रम ही इंसान बनाती है!!
हार के जो बैठ गए घर में
उनका खुद भी साथ नहीं देता है
हिम्मत कर के जो उतरते हैं सागर में
ख़ुदा खुद ही उसे तिनके का सहारा देता है!!!
लड़की को मत समझो बेकार।
लड़की को मत समझो बेकार।
इसके बिना है अधूरा हर परिवार।।
बहन बनकर जिसने है हर भाई को प्यार से सम्भाला।
बेटी बनकर जिसने है भरा हर बाप के दिल में खुशियो का उजाला।।
फ्रेंड बनकर समझाया जिसने।
शादी कर के दूसरा घर चलाया भी इसने।।
लड़की न होती तो आज माँ न होती।
माँ न होती तो आज जननी कौन होती?
जीना बस लड़को का नही है अधिकार।
लड़की से ही है खुश हर परिवार।।
लड़की को मत समझो बेकार।
इसके बिना है अधूरा हर परिवार।।
– “kmsraj51”
आंसू टपक रहे हैं, हवेली के बाम से,,,,,,,,
रूहें लिपट के रोटी हैं हर खासों आम से…..
अपनों ने बुना था हमें,कुदरत के काम से,,,,
फ़िर भी यहाँ जिंदा हैं हम गैरों के नाम से…..
लोग मन्जिल को मुश्किल समझते है,
हम मुश्किल को मन्जिल समझते है,
बडा फरक है लोगो मे ओर हम मै,
लोग जिन्दगी को दोस्त ओर हम दोस्त को जिन्दगी
समझते है.
आदते अलग हे हमारी दुनिया वालो से,
कम दोस्त रखते हे मगर
लाजवाब रखते है-
क्योंकि बेशक हमारी माला छोटी है-
पर फूल उसमे सारे गुलाब रखते हे…
– Amitabh Bachchan
हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें, हम दर्द के सुर में गाते हैं
जब हद से गुज़र जाती है खुशी, आँसू भी छलकते आते हैं
हैं सबसे मधुर वो गीत
(पहलू में पराये दर्द बसाके, हँसना हँसाना सीख ज़रा
तू हँसना हँसाना सीख ज़रा ) – २
तूफ़ान से कह दे घिर के उठे, हम प्यार के दीप जलाते हैं
हम प्यार के दीप जलाते हैं
हैं सबसे मधुर वो गीत …
(काँटों में खिले हैं फूल हमारे, रंग भरे अरमानों के
रंग भरे अरमानों के ) – २
नादान हैं जो इन काँटों से, दामन को बचाये जाते हैं
दामन को बचाये जाते हैं
हैं सबसे मधुर वो गीत …
(जब ग़म का अन्धेरा घिर आये, समझो के सवेरा दूर नहीं
समझो के सवेरा दूर नहीं ) – २
हर रात की है सौगात यही, तारे भी यही दोहराते हैं
तारे भी यही दोहराते हैं
हैं सबसे मधुर वो गीत …
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती…हिम्मत करने वालों की कभी हारनही होती…
नन्ही चींटीं जब दाना लेकर चढ़ती है…चढ़ती दीवारों पर सौ बारफ़िसलती है……
मन का विश्वास रगों में साहसभरता है…चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना,ना अखरता है…
मेहनत उसकी बेकार हर बारनहीं होती…हिम्मत करने वालों की कभी हारनही होती…
“सपने देखना बेहद जरुरी है, लेकिन केवल सपने देखकर ही मंजिल को हासिल नहीं किया जा सकता,
सबसे ज्यादा जरुरी है जिंदगी में खुद के लिए कोई लक्ष्य तय करना|”
“हमारे सभी सपने सच हो सकते हैं, यदि हम उन्हें पूर्ण करने का साहस दिखाएं तो”
हम को अपनी नज़रों से तू कभी ना गिरने देना |
हम पर हैं जो नज़रे तेरी उन्हें ना फिरने देना |
रहें हम तेरी नजर मे हमेशा तेरी नज़र मे ||
जीवन का हर लम्हा गुजरे बस तेरे ही द्वार मे |
आये है हम साईं बाबा तेरे ही दरबार मे ||
– OM SAI RAM –
कृष्ण मोहन सिंह 51 …….. Present …….
जीवन परिवर्तक Website : http://kmsraj51.com/
ख्वाबों में सही पास जरा आ मेरे बचपन
खेतोें में जो गाया था, वही गा मेरे बचपन
फिर भेंट हो कि न हो यह छाया है शाम की
अपनी हँसी सुबह सी सुना जा मेरे बचपन।
DICTIONARY ही एक ऐसी जगह है जिसमें:
1. Death, Life से पहले आती है।
2. End, Start से पहले आता है।
3. Divorce, Marriage से पहले आता है।
4. Child, Parents से पहले आता है।
5. Evening, Morning से पहले आती है।
6. Result, Test से पहले आता है।
7. Destination, Struggle से पहले आता है।
8. Dinner, Lunch से पहले आता है।
9. Doctor, Fever से पहले आता है।
केवल एक चीज़ Dictionary में सही आती है
और वह है ‘FRIENDS’, जो Relatives से पहले
आते हैं।:-)
वक्त से डर के रहने मेँ समझदारी भी है…..
वो कल राजा था,
आज भिखारी भी है..
औरोँ के काम आना है अच्छी बात है,
मगर
इसमेँ छिपी एहसान की बिमारी भी है..
वो धनवान है एक जवान बेटी का बाप,
एक गरीब केँ दर का वो भिखारी भी है..
बुरी नजर की आग लगाई तो खुद जलोगे,
घर मेँ बहन और बेटी तुम्हारी भी है..
वक्त की बाजी मेँ लगे हो खुद दांव पर,
तुमसे बङा “kmsraj51” भी है..॥
“मोह को त्यागे हुए पंछी बहुत खुश थे,
नीड़ से भागे हुए पंछी बहुत खुश थे,
यूँ किसी कोने में कोई डर भी था लेकिन,
रात भर जागे हुए पंछी बहुत खुश थे…!!!”
-डा० कुमार विश्वास
** Jokes **
Friend`s
अमेरिका, चीन और इंडिया की पुलिस एक साथ खरगोश खोजने निकली..
एक बार अमेरिका, चीन और इंडिया की पुलिस में बात हुई कि देखते हैं
तीनों में सबसे तेज कौन है????
उसके बाद एक खरगोश जंगल में छोड़ा गया और तीनों देश की पुलिस
को बारी-बारी से खरगोश को खोजने का काम दिया गया।
अमेरिकी पुलिस ने खरगोश को 2 दिन में खोज निकाला..
फिर चीन की पुलिस ने खरगोश को 1 हफ्त में ढूंढ़ निकाला।
अब बारी आई इंडियन पुलिस की.. खरगोश जंगल में छोड़ा गया..
इंडियन पुलिस 2 महीने तक वापस ही नहीं आई।
अमेरिका-चीन की पुलिस उनको खोजने पहुंची तो देखा..
इंडियन पुलिस बंदर को उल्टा लटका कर बुरी तरह पीट रही थी।
और बोल रही थी कि कबूल कर साले तू ही खरगोश है.. कबूल कर…
Think about it deeply !!!!!!!!!!
** Jokes **
** आई लव यू का अविष्कार कौन से देश में हुआ? **
आपने कभी सोचा है, आई लव यू का अविष्कार कौन से देश में हुआ?
मेरे ख्याल से चीन में..
इसमें सारी खूबियां क्योंकि चीन की हैं,
न कोई गारंटी न कोई वारंटी
चले तो जिंदगी भर
न चलते तो शाम तक का भी ठिकाना नहीं..
बिना कहे जो सब कुछ कह जाते है, बिना कसूर जो सब कुछ सह जाते है,
दूर रह कर भी जो अपना फर्ज निभाते है, वही रिश्ते अपने कहलाते है।।
– Alok Bhaiya
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Complete Spiritual Services Provide By: kmsraj51 ki kalam se
Major Part of Purity Topic Source By: Complete Purity Book Se, Author Krishna Mohan Singh.
About kmsraj51 (मेरे बारे में …..)…..
Hello Friends , I am Krishna Mohan Singh 51 or kmsraj51
आज़ाद ख्यालों वाला मनमानी बाबू …..
दोस्तों द्वारा मैं Simple, KMS, Rajyogi, 21st Century Yug-Purush, KMSRAJ51, KRISHNA, PRABHU Ji, Always Positive Thinker, Sweet, Maharaj Ji, Cute, Innocent, Intelligent, Sensitive, Emotional, Loving, Caring, Logical, Thought Provoking, Versatile, Profound, Author, Writer, Trainee, Helping और Mad :p जैसे कई प्यारे-प्यारे शब्दों से Navaja Gya हूँ. वैसे इस list में मैं अपनी ओर से Rational और Unbiased ये दो शब्द और जोड़ना Chahta हूँ. क्योंकि गलत बातों और गलत लोगों का समर्थन मैं नहीं कर Pata चाहे उसमें मेरा स्वार्थ ही क्यूँ ना छिपा हो. किसी की नेतागिरी और अच्छे विचारों को कैद करने और दबाने की कोशिश यह भी मुझसे बर्दाश्त नहीं होता. मैं आज़ाद हूँ और हमेशा आज़ाद रहना चाहता हूँ…..
मैंने यह Website (http://kmsraj51.com/) क्यों बनायी ?
अपने जीवन को अपनी क्षमता के अनुरूप सार्थक बनाना चाहता हूँ तो यह Blog भी उसी दिशा में उठाया गया मेरा कदम है. सकारात्मक विचार और आध्यात्मिकता
( Positive Thoughts & Spirituality ) पर लिखना मुझे बहुत पसंद है. संवेदनशील हूँ इसलिए ऐसी बातें बहुत जल्दी मेरा ध्यान आकर्षित करती है.
सामाजिक बुराइयों का खात्मा, लोगों में जागरूकता पैदा करना, धर्म के सही और सच्चे स्वरुप की रक्षा करना और उसे जन-जन तक पहुँचाना यही इस blog का उद्देश्य है.
आज दुनिया की सारी समस्याओं की जड़ नैतिक मूल्यों (Moral Values) का अवमूल्यन है. मुझसे किसी ने कहा था मेरे शब्दों में दुनिया को बदलने की ताकत है. बस इसी ताकत को आजमाना Chahta हूँ और इस blog के माध्यम से मानव मूल्यों की रक्षा करना Chahta हूँ. अगर एक व्यक्ति की भी सोच सही दिशा में बदलती है तो मेरा लिखना सार्थक होगा.
सरल हिंदी भाषा में अपने विचारों को जन-जन तक पहुँचाना भी इस blog का उद्देश्य है. कहीं-कहीं Hinglish का प्रयोग इसलिए किया गया है क्योंकि यह technical कारणों से blog के लिए जरुरी है और आज की युवा पीढ़ी को भी यही भाषा सबसे ज्यादा अच्छे तरह से समझ आती है. विचारों को मैं भाषा से ज्यादा महत्त्व Deta हूँ और हर पीढ़ी के लोगों को अपने लेखन से जोड़ना Chahta हूँ. बाकि हिंदी के लिए जो प्यार और सम्मान है वह तो हमेशा रहेगा ही.
लिखने और पढने वाले लोगों के लिए एक platform उपलब्ध करवाना चाहता हूँ.
हर विषय पर आसान हिंदी भाषा में content उपलब्ध करवाना भी इस blog का उद्देश्य है.
More Details About Me …..
Name : Krishna Mohan Singh
Nick Names : Rajyogi, Manmani Babu, Krishna, KMS, KMSRAJ51,
Prabhu Ji, 21st Century Yug-Purush, ETC.
Education : PHD In Spirituality(आध्यात्मिकता).
MSc-IT from Mahatma Gandhi University
International Certification :VCA-DCV – VMware Certified Associate – Data Center Virtualization,
MCITP, MCTS, MCP, MCSE, RHCE, N+ ETC…
& Technical Diploma : IDCHNE, ADCA, BCCA & ASE ETC…
Occupation : Freelance Writing, Teaching,
Administrator (IT Software, Hardware & Networking) .
Residence : Chunar, Mirzapur, U.P. India
Hobbies : Writing, Blogging, Drawing, Public Speaking, Playing Badminton & Football, Swimming, Cycling, Shopping, Creative Works ETC.
Religious Views : Humanity and Ahinsa
Languages : Hindi, English, Punjabi, Marathi, Bojpuri.
Websites : http://kmsraj51.com/
And Blog
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Krishna Mohan Singh (kmsraj51) is the CEO and Founder of http://kmsraj51.com/ . With a long time passion for Entrepreneurship, Self development & Success, KMSRAJ51 started his website with the intention of educating and inspiring likeminded people all over the world to always strive for success no matter what their circumstances. Kmsraj51 passion for what he does shows through the continual growth of http://kmsraj51.com/ online community. Follow kmsraj51 on Twitter or keep upto date with him on Facebook: https://www.facebook.com/kmsraj51 & also Google+ kmsraj51 (Krishna Mohan Singh).
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Krishna Mohan Singh51(कृष्ण मोहन सिंह51)
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KMSRAJ51 की कलम से …..
“अपने लक्ष्य को इतना महान बना दो, की व्यथ॔ के लीये समय ही ना बचे” -Kmsraj51
(Quotes By- “तू न हो निराश कभी मन से” किताब से)
हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें, हम दर्द के सुर में गाते हैं
जब हद से गुज़र जाती है खुशी, आँसू भी छलकते आते हैं
हैं सबसे मधुर वो गीत
(पहलू में पराये दर्द बसाके, हँसना हँसाना सीख ज़रा
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(जब ग़म का अन्धेरा घिर आये, समझो के सवेरा दूर नहीं
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हर रात की है सौगात यही, तारे भी यही दोहराते हैं
तारे भी यही दोहराते हैं
हैं सबसे मधुर वो गीत …
जीवन मंदिर सा पावन हाे, बाताें में सुंदर सावन हाे।
स्वाथ॔ ना भटके पास ज़रा भी, हर दिन मानो वृंदावन हाे॥
-KMSRAJ51
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