आयुर्वेदिक काढ़ा।

Kmsraj51 की कलम से…..
Kmsraj51-CYMT-JUNE-15

ϒ आयुर्वेदिक काढ़ा। ϒ

मेरे सभी प्रिय पाठक मित्रों,

सर्दियों का माैसम आ गया हैं।

अच्छा स्वास्थ्य बनाने के लिए सर्दियों का माैसम Other माैसम की अपेक्षा ज्यादा लाभप्रद हाेता है। सर्दियों के माैसम में लगभग हरेक हरी सब्जियों का खजाना प्रकृति की आेर से हम मनुष्याें काे उपहार स्वरूप मिलता हैं।

सर्दियों के माैसम में स्वास्थ्य संबंधित बीमारियां भी बहुत ज्यादा हाेती हैं। सर्दी, जुक़ाम, कफ, खांसी और बुखार(ज्वर) आम बात हैं।

क्या कारण है जाे इस माैसम में सर्दी, जुक़ाम, कफ, खांसी और बुखार(ज्वर) इतनी जल्दी-जल्दी हाे जाती हैं। इसका मुख्य कारण है रोग प्रतिरोधक क्षमता(Immunity) का ज़रूरत से ज्यादा कम हाे जाना। अर्थात जब-जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता(Immunity) कम हाे जाती है बीमारियाें के जीवाणु अटैक कर देते है और शरीर बीमार हाे जाता हैं।

अब आप सभी के मन में सबसे बड़ा प्रश्न चल रहा हाेगा की आखिरकार – रोग प्रतिरोधक क्षमता काे कैसे संतुलित रखा जाए।

आज मैं आप सभी काे “रोग प्रतिरोधक क्षमता” काे संतुलित रखने के लिए, घर का बना “आयुर्वेदिक काढ़ा” बनाने का तरीका Step by Step बताऊगां।

“आयुर्वेदिक काढ़ा” बनाने का तरीका Step by Step  

“आयुर्वेदिक काढ़ा” बनाने के लिए जिन सामग्रियों की ज़रूरत पड़ती है ओ इस तरह से हैः

काली तुलसी की पत्ती, लाैंग, काली मिर्च, इलायची, अदरक, गुड़, चायपत्ती और पानी।

एक व्यक्ति के लिए सामग्रियों की मात्राः

काली तुलसी की पत्तीः कम से कम १५ – २० पत्ते।

लाैंगः कम से कम ३ – ५ पीसी हुई ।

काली मिर्चः कम से कम ४ – ६ पीसी हुई।

इलायचीः कम से कम २ पीसी हुई छोटी इलायची।

अदरकः १५ – २० ग्राम पीसी हुई।

गुड़ः स्वादानुसार।

चायपत्तीः कम से कम १ छोटा चम्मच।

पानीः ४०० मिलीलीटर(400 ML)।

“आयुर्वेदिक काढ़ा” बनाने की विधि।

सबसे पहले गैस स्टोव पर बर्तन में पानी चढ़ायें(रखें), जब पानी उबलने लगे तब उसमें सबसे पहले पीसी हुई लाैंग, काली मिर्च, इलायची, अदरक, और स्वादानुसार गुड़ ड़ाले, इन सब के ड़ालने के २ मिनट के बाद काली तुलसी की पत्ती ड़ाले, इसके ३-४ मिनट के बाद चायपत्ती ड़ाले, इन सब सामग्रियों काे ड़ालने के बाद तब तक पकाए – जब तक पानी की मात्रा लगभग १७५ मिलीलीटर(ml) रह जायें, इसे गैस स्टोव से उतार कर चाय छन्नी से कप या गिलास में छान लें। आपका “आयुर्वेदिक काढ़ा” बनकर तैयार हैं।

अब इसे गर्म चाय या कॉफी की तरह फुक-फुक कर पी लें।

सुबह की शुरूआत आयुर्वेदिक काढ़ें के साथ करें – बीमारियां आपसे काेसाें दुर हाेगीं।

अच्छी सेहत के लिए याद रखें।

संयमित व नियमित आहार लें।

⇒ खाने के साथ सलाद जरूर लें।

⇒ मौसम के अनुसार फलों का जूस व साबुत फल खाना ना भुलें।

 रात के खाने के बाद कम से कम १०० कदम अवश्य चलें।

 दिन में खाने के बाद कम से कम २०-३० मिनट तक आराम करें।

⇒ प्रतिदिन स्नान करें।

Please Share your comment`s.

© आप सभी का प्रिय दोस्त ®

Krishna Mohan Singh(KMS)
Editor in Chief, Founder & CEO
of,,  https://kmsraj51.com/

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञानध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।~Kmsraj51

———– © Best of Luck ® ———–

Note::-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational StoryPoetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है: kmsraj51@hotmail.com. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

Also mail me ID: cymtkmsraj51@hotmail.com (Fast reply)

cymt-kmsraj51

– कुछ उपयोगी पोस्ट सफल जीवन से संबंधित –

* विचारों की शक्ति-(The Power of Thoughts)

निश्चित सफलता के २१ सूत्र।

∗ जीवन परिवर्तक 51 सकारात्मक Quotes of KMSRAJ51

KMSRAJ51 के महान विचार हिंदी में।

* खुश रहने के तरीके हिन्दी में।

* अपनी खुद की किस्मत बनाओ।

* सकारात्‍मक सोच है जीवन का सक्‍सेस मंत्र 

* चांदी की छड़ी।

kmsraj51- C Y M T

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्सािहत करते हैं।”

In English

Amazing changes the conversation yourself can be brought tolife by. By doing this you Recognize hidden within the buraiyaensolar radiation, and encourage good solar radiation to becomethemselves.

 ~KMSRAJ51 (“तू ना हो निराश कभी मन से” किताब से)

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”

~KMSRAJ51