Kmsraj51 की कलम से…..
ϒ अच्छे संस्कार – सुख, शांति व सफलता का आधार। ϒ
Good manners – a happy, peaceful and successful basis.
तेजी से बदलते सामाजिक एवं पारिवारिक ताना-बाना के बीच आज लोग व्याकुल हो रहे है। अपनी व्यस्तता के बीच एकल परिवारों में बच्चों में संस्कारों के बीज बोना बेहद मुश्किल होता जा रहा है। इससे बचा जा सकता है, यदि बच्चों को बचपन से ही ईश्वर के मार्ग पर डाल दिया जाए।
संस्कारवान बच्चों के पथभ्रष्ट होने या माता-पिता तथा अन्य ज्येष्ठों में आस्था गंवाने का प्रश्न ही नहीं उठता।
बच्चा कच्चे घड़े जैसा होता है, उसे आकार दिया जा सकता है। यदि आपके पास ज्यादा वक्त नहीं भी है तो स्वयं ईश्वर में आस्था रखें और अपने बच्चों को भी अपने साथ पूजा पाठ में शामिल करें, ज्ञान, ध्यान और योग के उसमें संस्कार डालें।
आज के जनरेशन को अच्छे ज्ञान, ध्यान व योग तथा आध्यात्मिक ज्ञान एवं अच्छे संस्कार की अत्यंत जरूरत है। तभी उनका जीवन सुखी, शांतिमय व तृप्त तथा सफल होगा।
किसी ने सच ही कहा है कि –
- अच्छे संस्कार किसी माॅल से नहीं, परिवार के माहौल से मिलते हैं।
- कौन व्यक्ति कैसा है, इसकी सही पहचान उसके रंग-रूप-जाति से नहीं, वरन उसके जीवनगत संस्कार से होती है।
- व्यक्ति के संस्कार ऊँचे हो तो छोटा होकर भी उच्च आदर्श को स्थापित कर जायेगा।
- यदि व्यक्ति का संस्कार निम्न है तो उसके ऊँचे कुल में पैदा होने के वावजूद भी, कुलिनता पर व्यंग ही होगा।
- कौन व्यक्ति कैसा है यदि इसकी पहचान करनी है तो उसके संस्कारों को जानो, सदैव ही संस्कार व्यक्ति का सही मूल्यांकन करवाता है।
- संस्कार जीवन की नीव है, जीने की संस्कृति है, यही व्यक्ति की मर्यादा ओर उसकी गरिमा है।
- संस्कारों ने व्यक्ति को सदा सुखी ही किया और जो संस्कारों को महत्व नहीं देता है, उसे अन्तत: पछताना ही पड़ता है।
- संस्कारों का व्यक्ति के साथ ऐसा सम्बन्ध है जैसा कि जल का जमीन के साथ।
- जिस प्रकार जल के बिना धरती बंजर हो जाती हैं, उसी प्रकार संस्कारों के बिना व्यक्ति का कोई महत्व ही नहीं होता।
- संस्कार और संगती दोनों अच्छी मिल जाये तो फिर क्या कहना, व्यक्ति महान व गुणवान हो जाता है।
- एक माता_पिता वह होते है जो सन्तान को केवल जन्म देते है, दूसरे माता_पिता वह होते है जो अपनी सन्तान को जन्म देने के साथ_साथ सही संस्कार भी देते है।
- बच्चों को अच्छे संस्कार देने वाले माता_पिता, गुरु का भी दायित्व निभाते है।
- आज के जनरेशन को अच्छे ज्ञान, ध्यान व योग तथा आध्यात्मिक ज्ञान एवं अच्छे संस्कार की अत्यंत जरूरत है। तभी उनका जीवन सुखी, शांतिमय व तृप्त तथा सफल होगा।
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Krishna Mohan Singh(KMS)
Editor in Chief, Founder & CEO
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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।~Kmsraj51
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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्सािहत करते हैं।”
In English
Amazing changes the conversation yourself can be brought tolife by. By doing this you Recognize hidden within the buraiyaensolar radiation, and encourage good solar radiation to becomethemselves.
~KMSRAJ51 (“तू ना हो निराश कभी मन से” किताब से)
“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”
~KMSRAJ51