केले के फूल खाने के फायदे।

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ϒ केले के फूल खाने के फायदे। ϒ

केले का पेड़ एक ऐसा पेड़ है। जिसके हर हिस्से को किसी न किसी काम में लाया जा सकता है। फूल, फल और तने को खा सकते हैं, पत्तियों का इस्तेमाल प्लेट की तरह कर सकते हैं और छाल का इस्तेमाल कागज बनाने के लिए किया जा सकता है। केले के दिल के तौर पर जाने, जाने वाले केले के फूल में ढेर सारा फाइबर, प्रोटीन, पोटैशियम, कैल्शियम, कॉपर, फॉस्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन ई होता है। इस फूल को खाने से होते हैं कौन-कौन से फायदे…..

1. शुगर के मरीजों के लिए अच्छे होते हैं।
एक शोध में पाया गया कि डायबिटीज के मरीजों के इन्सुलिन लेवल केले के फूल खाने से घट गए, हालांकि, इस शोध को अभी क्लीनिकली प्रूव नहीं किया जा सका है।

2. ये नैचरल ऐंटी-डिप्रेसेंट हैं।
क्योंकि इन फूलों में ढेर सारा मैग्नीशियम होता है, ये आपका मूड सुधारकर स्ट्रेस को कम करने की शक्ति रखते हैं।

3. फ्री रैडिकल से लड़ने वाले ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स से लैस।
फ्री रैडिकल स्वस्थ सेलों पर हमला कर उन्हें खराब कर देते हैं, जिससे दिल की बीमारी, कैंसर और स्किन एजिंग जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। इन फूलों में ऐंटी-ऑक्सिडेंट होते हैं जो फ्री रैडिकल्स का मुकाबला कर उन्हें बॉडी डैमेज करने से बचाते हैं।

4. ये खाने में हल्के होते हैं और पाचन संबंधी दिक्कतें दूर करते हैं।
केले के फूल खाने में बहुत हल्के होते हैं और पाचन तंत्र को आराम देते हैं। अगर पेट में दर्द हो या ऐसिडिटी के कारण सूजन हो जाए, तो इनके सेवन से दूर हो जाती है।

5. इन्फेक्शन्स से बचाते हैं।
ये फूल पैथोजेनिक बैक्टीरिया की ग्रोथ को रोकते हैं जिससे इन्फेक्शन नहीं होते।

6. माहवारी की ब्लीडिंग कंट्रोल कर PCOS को करते हैं ठीक।
आयुर्वेद के मुताबिक, एक कप केले के फूल को दही में पकाकर खाने से शरीर में प्रोजेस्ट्रोन लेवल बढ़ता है और माहवारी में ज्यादा खून नहीं बहता। माना जाता है कि केले के फूलों से पॉलिसिस्टिक ओवरियन सिंड्रोम (PCOS) से जूझ रही महिलाओं को मदद मिलती है।

7. खून की कमी से बचाते हैं।
अधिक आयरन होने से, केले के फूल शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाते हैं और एनीमिया को रोकते हैं।

8. स्तनपान कराने वाली माओं का दूध बढ़ाते हैं।
आयुर्वेद का सुझाव है कि स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को केले के फूल खाने चाहिए। इससे उन्हें दूध ज्यादा बनेगा।

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान रुपी भोजन जरूरी हैं। ~ कृष्ण मोहन सिंह(KMS)

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– कुछ उपयोगी पोस्ट सफल जीवन से संबंधित –

* विचारों की शक्ति-(The Power of Thoughts)

निश्चित सफलता के २१ सूत्र।

∗ जीवन परिवर्तक 51 सकारात्मक Quotes of KMSRAJ51

KMSRAJ51 के महान विचार हिंदी में।

* खुश रहने के तरीके हिन्दी में।

* अपनी खुद की किस्मत बनाओ।

* सकारात्‍मक सोच है जीवन का सक्‍सेस मंत्र 

* चांदी की छड़ी।

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्सािहत करते हैं।”

In English

Amazing changes the conversation yourself can be brought tolife by. By doing this you Recognize hidden within the buraiyaensolar radiation, and encourage good solar radiation to becomethemselves.

 ~KMSRAJ51 (“तू ना हो निराश कभी मन से” किताब से)

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”

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आयुर्वेदिक काढ़ा।

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ϒ आयुर्वेदिक काढ़ा। ϒ

मेरे सभी प्रिय पाठक मित्रों,

सर्दियों का माैसम आ गया हैं।

अच्छा स्वास्थ्य बनाने के लिए सर्दियों का माैसम Other माैसम की अपेक्षा ज्यादा लाभप्रद हाेता है। सर्दियों के माैसम में लगभग हरेक हरी सब्जियों का खजाना प्रकृति की आेर से हम मनुष्याें काे उपहार स्वरूप मिलता हैं।

सर्दियों के माैसम में स्वास्थ्य संबंधित बीमारियां भी बहुत ज्यादा हाेती हैं। सर्दी, जुक़ाम, कफ, खांसी और बुखार(ज्वर) आम बात हैं।

क्या कारण है जाे इस माैसम में सर्दी, जुक़ाम, कफ, खांसी और बुखार(ज्वर) इतनी जल्दी-जल्दी हाे जाती हैं। इसका मुख्य कारण है रोग प्रतिरोधक क्षमता(Immunity) का ज़रूरत से ज्यादा कम हाे जाना। अर्थात जब-जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता(Immunity) कम हाे जाती है बीमारियाें के जीवाणु अटैक कर देते है और शरीर बीमार हाे जाता हैं।

अब आप सभी के मन में सबसे बड़ा प्रश्न चल रहा हाेगा की आखिरकार – रोग प्रतिरोधक क्षमता काे कैसे संतुलित रखा जाए।

आज मैं आप सभी काे “रोग प्रतिरोधक क्षमता” काे संतुलित रखने के लिए, घर का बना “आयुर्वेदिक काढ़ा” बनाने का तरीका Step by Step बताऊगां।

“आयुर्वेदिक काढ़ा” बनाने का तरीका Step by Step  

“आयुर्वेदिक काढ़ा” बनाने के लिए जिन सामग्रियों की ज़रूरत पड़ती है ओ इस तरह से हैः

काली तुलसी की पत्ती, लाैंग, काली मिर्च, इलायची, अदरक, गुड़, चायपत्ती और पानी।

एक व्यक्ति के लिए सामग्रियों की मात्राः

काली तुलसी की पत्तीः कम से कम १५ – २० पत्ते।

लाैंगः कम से कम ३ – ५ पीसी हुई ।

काली मिर्चः कम से कम ४ – ६ पीसी हुई।

इलायचीः कम से कम २ पीसी हुई छोटी इलायची।

अदरकः १५ – २० ग्राम पीसी हुई।

गुड़ः स्वादानुसार।

चायपत्तीः कम से कम १ छोटा चम्मच।

पानीः ४०० मिलीलीटर(400 ML)।

“आयुर्वेदिक काढ़ा” बनाने की विधि।

सबसे पहले गैस स्टोव पर बर्तन में पानी चढ़ायें(रखें), जब पानी उबलने लगे तब उसमें सबसे पहले पीसी हुई लाैंग, काली मिर्च, इलायची, अदरक, और स्वादानुसार गुड़ ड़ाले, इन सब के ड़ालने के २ मिनट के बाद काली तुलसी की पत्ती ड़ाले, इसके ३-४ मिनट के बाद चायपत्ती ड़ाले, इन सब सामग्रियों काे ड़ालने के बाद तब तक पकाए – जब तक पानी की मात्रा लगभग १७५ मिलीलीटर(ml) रह जायें, इसे गैस स्टोव से उतार कर चाय छन्नी से कप या गिलास में छान लें। आपका “आयुर्वेदिक काढ़ा” बनकर तैयार हैं।

अब इसे गर्म चाय या कॉफी की तरह फुक-फुक कर पी लें।

सुबह की शुरूआत आयुर्वेदिक काढ़ें के साथ करें – बीमारियां आपसे काेसाें दुर हाेगीं।

अच्छी सेहत के लिए याद रखें।

संयमित व नियमित आहार लें।

⇒ खाने के साथ सलाद जरूर लें।

⇒ मौसम के अनुसार फलों का जूस व साबुत फल खाना ना भुलें।

 रात के खाने के बाद कम से कम १०० कदम अवश्य चलें।

 दिन में खाने के बाद कम से कम २०-३० मिनट तक आराम करें।

⇒ प्रतिदिन स्नान करें।

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मस्सों की आयुर्वेदिक चिकित्सा।

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मस्सों की आयुर्वेदिक चिकित्सा। 

मस्सों को दुर करने के लिये अपनाएँ ये कारगर घरेलू नुस्खे।

मस्से सुंदरता पर दाग की तरह दिखाई देते हैं। मस्से होने का मुख्य कारण पेपीलोमा वायरस है। त्वचा पर पेपीलोमा वायरस के आ जाने से छोटे, खुरदुरे कठोर पिंड बन जाते हैं, जिन्हें मस्सा कहा जाता है। पहले मस्से की समस्या अधेड़ उम्र के लोगों में अधिक होती थी, लेकिन आजकल युवाओं में भी यह समस्या होने लगी है। यदि आप भी मस्सों से परेशान हैं तो इनसे राहत पाने के लिए कुछ घरेलू उपायों काे अपना सकते हैं। आइए, जानते हैं कुछ ऐसे ही घरेलू नुस्खों के बारे में…..


 

1⇒ बेकिंग सोडा और अरंडी तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर इस्तेमाल करने से मस्से धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं।

2⇒ बरगद के पत्तों का रस मस्सों के उपचार के लिए बहुत ही असरदार होता है। इसके रस को त्वचा पर लगाने से त्वचा सौम्य हो जाती है और मस्से अपने-आप गिर जाते हैं।

3⇒ ताजा अंजीर मसलकर इसकी कुछ मात्रा मस्से पर लगाएं। 30 मिनट तक लगा रहने दें। फिर गुनगुने पानी से धो लें। मस्से खत्म हो जाएंगे।

4⇒ खट्टे सेब का जूस निकाल लीजिए। दिन में कम से कम तीन बार मस्से पर लगाइए। मस्से धीरे-धीरे झड़ जाएंगे।

5⇒ चेहरे को अच्छी तरह धोएं और कॉटन को सिरके में भिगोकर तिल-मस्सों पर लगाएं। दस मिनट बाद गर्म पानी से फेस धो लें। कुछ दिनों में मस्से गायब हो जाएंगे।

6⇒ आलू को छीलकर उसकी फांक को मस्सों पर लगाने से मस्से गायब हो जाते हैं।

7⇒ कच्चा लहसुन मस्सों पर लगाकर उस पर पट्टी बांधकर एक सप्ताह तक रहने दें। एक सप्ताह बाद पट्टी खोलने पर आप पाएंगे कि मस्से गायब हो गए हैं।

8⇒ मस्सों से जल्दी निजात पाने के लिए आप एलोवेरा के जैल का भी उपयोग कर सकते हैं।

9⇒ हरे धनिए को पीसकर उसका पेस्ट बना लें और इसे रोजाना मस्सों पर लगाएं।

10⇒ ताजे मौसमी का रस मस्से पर लगाएं। ऐसा दिन में लगभग 3 या 4 बार करें। मस्से गायब हो जाएंगे।

11⇒ केले के छिलके को अंदर की तरफ से मस्से पर रखकर उसे एक पट्टी से बांध लें। ऐसा दिन में दो बार करें और लगातार करते रहें, जब तक कि मस्से खत्म नहीं हो जाते।

12⇒ मस्सों पर नियमित रूप से प्याज मलने से भी मस्से गायब हो जाते हैं।

13⇒ फ्लॉस या धागे से मस्से को बांधकर दो से तीन सप्ताह तक छोड़ दें। इससे मस्से में रक्त प्रवाह रुक जाएगा और वह खुद ही निकल जाएगा।

14⇒ अरंडी का तेल नियमित रूप से मस्सों पर लगाएं। इससे मस्से नरम पड़ जाएंगे और धीरे-धीरे गायब हो जाएंगे।

15⇒ अरंडी के तेल की जगह कपूर के तेल का भी उपयोग कर सकते है।

© संयोगिता सिंह। (सहारनपुर -उत्तर प्रदेश)

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पिंपल्स से निपटने के कारगर घरेलू नुस्खे।

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पिंपल्स से निपटने के कारगर घरेलू नुस्खे। 

युवावस्था में हार्मोंस बदलते हैं और तनाव भी इसी वक्त सबसे ज्यादा घेरता है। युवा वर्ग ही सबसे ज्यादा खानपान संबंधी लापरवाही बरतता है। यही तीन कारण पिंपल्स के लिए जिम्मेदार हैं। आइए जानते हैं पिंपल्स से निपटने के घरेलू नुस्खे….

1⇒ हल्दी – हल्दी एंटीसेप्टिक का काम करती है। इसीलिए इसमें बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता पाई जाती है।

एक चम्मच हल्दी पाउडर में थोड़ा सा पानी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें।

इस पेस्ट को पिंपल्स पर लगाएं। कुछ मिनट के लिए लगा रहने दें। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें। ऐसा एक हफ्ते तक करें। पिंपल्स खत्म हो जाएंगे।


 

2⇒ पुदीना – पुदीना शरीर को ठंडक पहुंचाता है। साथ ही, इसमें एंटीसेप्टिक गुण भी पाए जाते हैं।

पुदीने की कुछ पत्तियों को मिक्सर में पीस लें।

 इसका पेस्ट बनाकर उसे चेहरे पर रात को सोने से पहले लगा लें या इसे छानकर जूस निकालकर भी चेहरे पर लगा सकते हैं। इसे रातभर चेहरे पर लगा रहने दें।

 सुबह चेहरा धो लें। ऐसा हफ्ते में एक बार जरूर करें। धीरे-धीरे पिंपल्स खत्म हो जाएंगी।


 

3⇒ नींबू – पिंपल्स में नींबू बहुत फायदेमंद होता है। नींबू में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है।

दो मध्यम आकार के नींबू लेकर उनका जूस निकाल लें।

नींबू के रस को कॉटन में भिगोकर चेहरे पर लगा लें। सूख जाए तो ठंडे पानी से धो लें।

दिन में दो बार इसे तीन-चार दिनों तक लगाएं। पिंपल्स दूर हो जाएंगे।


 

4⇒ लहसुन – लहसुन में एंटीफंगल तत्व पाए जाते हैं। इसीलिए यह पिंपल्स को बहुत जल्दी दूर कर देता है।

लहसुन की दो कलियां और एक लौंग पीस लें।

 इस पेस्ट को सिर्फ पिंपल्स पर लगाएं। कुछ देर लगा रहने दें। फिर चेहरा धो लें। ऐसा करने से पिंपल्स खत्म हो जाएंगे।


 

5⇒ टूथपेस्ट – टूथपेस्ट का उपयोग दांतों को सफेद बनाने के लिए तो सभी करते हैं, लेकिन इसका उपयोग पिंपल्स को ठीक करने के लिए भी किया जा सकता है।

 रात को सोने से पहले पिंपल्स पर टूथपेस्ट लगाएं।

सुबह ठंडे पानी से चेहरा धो लें। पिंपल्स पर इसका असर साफ दिखाई देगा।

 पिंपल्स पर सिर्फ सफेद टूथपेस्ट लगाना चाहिए।


 

6⇒ भाप – भाप पिंपल्स का एक बढ़िया इलाज है। चेहरे पर भाप लेने से रोम छिद्र खुल जाते हैं। चेहरे की गंदगी दूर हो जाती है।

जब भी पिंपल्स की समस्या हो, चार-पांच दिनों तक दिन में दो बार चेहरे पर भाप लें।

♦ पिंपल्स खत्म हो जाएंगे और चेहरा ग्लो करने लगेगा।


 

7⇒ बर्फ – पिंपल्स को खत्म करने के लिए बर्फ का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

बर्फ के टुकड़े को कॉटन में लपेटकर चेहरे पर हल्के से मसाज करें।

तीन-चार दिन तक दिन में दो बार बर्फ से मसाज करने से पिंपल्स की ठीक हो जाएंगे।


 

8⇒ दालचीनी – दालचीनी को पीसकर पाउडर बना लें। इस पाउडर को एक चम्मच या दो चम्मच मात्रा में लेकर चेहरे पर लगाएं।

ऐसा दिन में कम से कम दो बार करें। पिंपल्स दूर हो जाएंगी।


 

9⇒ संतरे के छिलके – संतरे के छिलकों को चेहरे के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। संतरे के छिलकों को छांव में सुखाकर पाउडर बना लें।

इस पाउडर को एक से दो चम्मच पानी में मिलाकर चेहरे पर लगाएं।

आधे घंटे के बाद चेहरा धो लें। ऐसा दिन में दो से तीन बार करें।


 

10⇒ शहद – शहद एक नेचुरल एंटीसेप्टिक है। पिंपल्स की समस्या में यह रामबाण है।

 कॉटन बॉल को शहद में डुबोकर चेहरे पर लगाएं।

 सूखने पर चेहरा धो लें। पिंपल्स खत्म हो जाएंगे।


 

11⇒ पपीता – पपीता में बहुत अधिक मात्रा में एंटीआक्सीडेंट पाए जाते हैं। यह पिंपल्स को बहुत जल्दी खत्म करने की क्षमता रखता है।

एक पपीता को छिलकर मिक्सर में पीस लें और चेहरे पर लगाएं। पपीते का जूस भी चेहरे पर लगाया जा सकता है।

पंद्रह से बीस मिनट चेहरे पर लगा रहने दें। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें।


 

12⇒ टमाटर – टमाटर एंटीआक्सीडेंट से भरपूर होता है। इसीलिए इसे स्किन के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।

टमाटर को पीसकर उसका जूस बना लें। इस जूस को छानकर चेहरे पर लगाएं। सूखने पर चेहरा धो लें।

 दिन में कम से कम दो बार ऐसा करें। पिंपल्स पर असर दिखाई देने लगेगा।


 

13⇒ नीम – नीम की पत्तियों को आयुर्वेद में त्वचा की बीमारियों की अचूक दवा माना गया है।

 नीम की पत्तियों को धोकर उसका पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं। आधे घंटे बाद चेहरा धो लें।

© संयोगिता सिंह। (सहारनपुर -उत्तर प्रदेश)

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आयुर्वेद-घरेलू औषधालय।

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आयुर्वेद-घरेलू औषधालय। 

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ये 5 PICS देखेंगे तो कर पाएंगे बहुत आसानी से इन 10 रोगों का इलाज।

भारतीय आयुर्वेद के अनुसार भारत के हर घर का किचन एक तरह का घरेलू औषधालय है। किचन में रखी कई चीजें जैसे मसाले, खाद्यान्न, फल-सब्जी, शहद, घी-तेल आदि औषधि का काम भी करते हैं। अत: रसोई घर को औषधि का भंडार कहना गलत नहीं होगा। आइए, जानते हैं ऐसे कुछ अनुभूत नुस्खाें के बारे मे जो वक्त पड़ने पर बेहद कारगर सिद्ध हो सकते हैं।

1⇒ एक चम्मच सरसों के तेल में एक चुटकी हल्दी और नमक मिलाकर दांतों पर लगाने या हल्के-हल्के मालिश करने से दांत का दर्द दस से पंद्रह मिनट में ठीक हो जाता है।

2⇒ अगर त्वचा पर अनचाहे बाल उग आये हों, तो इन बालों को हटाने के लिए हल्दी पाउडर को गुनगुने नारियल तेल में मिला कर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को हाथ-पैरों पर लगाएं। ऐसा करने से शरीर के अनचाहे बालों से निजात मिलती है।

3⇒ दही में भूरे जीरे का चूर्ण मिलाकर खाने से डायरिया मिटता है।

4⇒ सिरके के साथ जीरा देने से हिचकी बंद हो जाती है।

5⇒ खाना खाने को मन नहीं करता। भरपेट नहीं खा सकते। पचता भी नहीं तो धनिया, छोटी इलायची, कालीमिर्च तीनों एक जैसी मात्रा में लें। इन्हें पीस कर छान लें और शीशी में रखें। चौथाई चम्मच घी तथा आधा चम्मच चीनी में आधा चम्मच इस चूर्ण को डालकर खाएं।

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6⇒ कमजोरी में रात को पानी में एक बड़ा चम्मच पिसा धनिया भिगो दें। प्रात: छानकर पी लें। कुछ दिन नियमित करें। कमजोरी दूर होगी।

7⇒ भोजन के बाद रोजाना 30 मिनट बाद सौंफ लेने से कॉलेस्ट्रोल काबू में रहता है।

8⇒ 5-6 ग्राम सौंफ लेने से लीवर और आंखों की ज्योति ठीक रहती है। गुड़ के साथ सौंफ खाने से मासिक धर्म नियमित होता है।

9⇒ अजवाइन, सौंफ और थोड़ा-सा काला नमक मिलाकर चूर्ण बनाकर खाएं। आराम मिलेगा। पेटदर्द गायब हो जाएगा।

10⇒ अजवाइन को गर्म करके पतले कपड़े में पोटली बांधकर सूंघने से जुकाम और सर्दी में लाभ होता है।

© संयोगिता सिंह। (सहारनपुर -उत्तर प्रदेश)

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विटामिन का भरपुर स्रोत अंगूर हैं।

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अंगूर फल के लाभ। 

गर्मियों में अंगूर खाने सभी को अच्छे लगते हैं। इससे अंदर ठंडक लगती है और प्यास भी बुझती है। इसके अलावा यह शरीर को हेल्दी रखने के साथ ही कब्ज, अपचन, थकान, गुर्दे की बीमारियों और आंखों में होने वाले मोतियाबिंद जैसे रोगों से भी दूर रखता है। अंगूर में विटामिन ए, सी, बी6, फोलेट के अलावा कई प्रकार के मिनरल्स जैसे पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और सेलेनियम भी पाए जाते हैं। 100 ग्राम अंगूर में सिर्फ 69 कैलोरी, प्रोटीन/वसा की मात्रा 0.3 ग्राम, मिनरल्स 0.6 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 16.5 ग्राम और फाइबर की मात्रा 2.9 ग्राम होती है। काले या हरे अंगूर में 15 से 25 प्रतिशत ग्लूकोज की मात्रा भी पाई जाती है, जो रक्त में घुलनशील होकर काफी कम समय में शरीर को भरपूर ऊर्जा देती है।
अंगूर में पाए जाने वाले फ्लैवोनॉयड्स, जो एंटी-ऑक्सीडेंट्स के रूप में काम करते हैंस ये चेहरे को झुर्रियां कम करते हैं और आपको त्वचा को बनाते हैं जवां। अंगूर में सबसे ज्यादा मात्रा में पाया जाने वाला पोषक तत्व एक स्वस्थ और हेल्दी लाइफ को बनाए रखने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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अंगूर से होने वाले फायदे।

♦ अंगूर से होने वाले फायदे। 

1. अस्थमा⇒

अंगूर कई प्रकार के रोगों में उपचार के तौर पर भी इस्तेमाल होता है। अस्थमा (दमा) रोगियों के लिए भी ये बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद पानी की मात्रा से फेफड़ों में भी पानी की कमी पूरी होती है, जो अस्थमा की संभावना को काफी कम कर देती है।

2. हड्डियों के लिए⇒

अंगूर कॉपर, आयरन और मैंगनीज़ का बहुत अच्छा स्रोत होता है, जो हड्डियों के निर्माण और उन्हें मजबूत बनाने में बहुत जरूरी होता है। इसका रोजाना सेवन करने से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है। मैंगनीज़ भी हमारे शरीर के लिए बहुत ज़रूरी तत्व है जो नर्वस सिस्टम को सही रखता है।


3. दिल की बीमारी⇒

अंगूर खून में नाइट्रिक ऑक्साइड के स्तर को नियंत्रित करता है जिससे ब्लड क्लॉटिंग नहीं होती। इससे हार्ट अटैक का खतरा काफी कम हो जाता है। साथ ही इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स एलडीएल कोलेस्ट्रॉल से बचाव करता है। फ्लेवोनॉइड्स की ज़्यादा मात्रा भी अच्छे एंटी-ऑक्सीडेंट का काम करती है। इससे ब्रेस्ट कैंसर नहीं फैलता। अंगूर में रेसवेराट्रॉल और क्यूरसेटिन दो प्रकार के तत्व शरीर को रेडिकल्स से बचाकर आर्टरीज़ को भी सुरक्षित रखने का काम करते हैं। ये ब्लड में प्लेटलेट्स की कमी नहीं होने देते।

Other Benefits: माइग्रेन, कब्ज, थकान और डायबिटीज से छुटकारा, दांतों के लिए फायदेमंद, अल्जाइमर बीमारी से दूर रखता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, मोतियाबिंद में कारगर, किडनी के लिए लाभकारी, त्वचा के लिए फायदेमंद, गठिया रोग से मुक्ति, मुंह के छाले खत्म करता है, त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाता है, असमय बुढ़ापे को रोकता है, त्वचा को कोमल बनाता है, जवां रखता है, दाग-धब्बों से छुटकारा दिलाता है, बालों के विकास में मददगार, रुसी की समस्या खत्म करता है, बालों को झड़ने से रोकता है, अरोमाथेरेपी में इस्तेमाल किया जाता है।


4. माइग्रेन⇒

पके हुए अंगूर के रस के सेवन से माइग्रेन जैसी समस्या में आराम मिलता है। सुबह-सुबह बिना पानी मिलाए एक गिलास अंगूर का रस पीना बहुत फायदेमंद होता है। रेड वाइन को माइग्रेन की एक वजह मानी जाती है, लेकिन अंगूर का जूस और इसके बीज से इस समस्या को दूर किया जा सकता है। वैसे तो कम सोना, मौसम में बदलाव, पाचन समस्या में परेशानी आदि कई माइग्रेन बीमारी का कारण हो सकते हैं, लेकिन एल्कोहल के सेवन को इसकी खास वजह माना जाता है। अंगूर का जूस पीकर इसके खतरे का काफी कम किया जा सकता है।


 

5. कब्ज⇒

अंगूर कब्ज जैसी समस्या से भी राहत दिलाता है, क्योंकि इसमें मौजूद ऑर्गेनिक एसिड, शुगर और सेल्यूलोज की मात्रा पाचन क्रिया को दुरुस्त रखती है। इसमें भोजन को आसानी से पचाने वाले रेशे पाए जाते हैं जो न सिर्फ आंतों को साफ रखते हैं, बल्कि पेट की भी अच्छी तरह से सफाई करते हैं। अच्छे परिणाम के लिए रोजाना कम-से-कम 350 ग्राम अंगूर का सेवन करना चाहिए। यह दस्त बीमारी से भी छुटकारा दिलाता है।


 

6. थकान⇒

रोजाना अंगूर का जूस पीने से शरीर में आयरन और मिनरल्स की मात्रा बराबर बनी रहती है, जो थकान जैसी समस्या से भी कोसों दूर रखती है। वैसे तो एनीमिया आम समस्या है, लेकिन महिलाओं में ये सबसे ज्यादा पाई जाती है। ऐसे में अगर एनीमिया से छुटकारा पाना है, तो अंगूर का भरपूर मात्रा में जूस पिएं। इससे आयरन की मात्रा आपके शरीर में ऊर्जा के स्तर को बनाए रखेगी जो थकान और आलसपन से भी दूर रखती है। जिंक, सेलेलियम, कार्बोहाइड्रेट और पॉलिफिनोल्स की मात्रा ब्रेन को एक्टिव रखती है। अंगूर के जूस में 2 चम्मच शहद मिलाकर पीने से खून की कमी पूरी हो जाती है।


 

7. अल्जाइमर बीमारी⇒

रेसवेराट्रॉल अंगूर में पाए जाने वाला एक बहुत ही फायदेमंद पॉलीफेनोल है जो अल्जाइमर के मरीजों में एमीलॉइडल बेटा पेपटाइड्स के स्तर को कम करता है। कई रिसर्च में ये पाया गया है कि अंगूर खाने से दिमाग हेल्दी रहता है। ब्रिटेन के साइंटिस्ट्स के अनुसार काले अंगूर में पाए जाने वाले फ्लेवोनॉइड्स का सीधा संबंध नर्व सेल्स से होता है जो याददाश्त सुधारने में मदद करते हैं।


 

8. डायबिटीज⇒

डायबिटीज के रोगियों के लिए अंगूर का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। यह शुगर की मात्रा को कम करता है। खून में मौजूद शुगर को नियंत्रित करने में अंगूर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


 

9. दांतों के लिए⇒

हाल ही में हुई एक रिसर्च के अनुसार अंगूर के बीज और रेड वाइन के सेवन से कैविटी और मसूड़ों की समस्या कई प्रतिशत तक कम हो जाती है। ये मुंह की बीमारियों से भी बचाती है।


 

10. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है⇒

विटामिन ए, सी और के का खजाना समेटे अंगूर शरीर को हेल्दी बनाए रखता है। यह खासतौर पर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इससे सर्दी, खांसी, जुकाम जैसे संक्रामक बीमारियां शरीर को जल्दी प्रभावित नहीं करतीं।


 

11. मोतियाबिंद⇒

फ्लेवोनॉइड्स में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स सिर्फ त्वचा के लिए ही नहीं, आंखों के लिए भी बहुत फायदेमंद होते है। ये मोतियाबिंद जैसी बीमारी से बचाते हैं।


 

12. किडनी के लिए लाभकारी⇒

अंगूर के रस में पानी और पोटैशियम की प्रचुर मात्रा होती है और एलब्यूमिन और सोडियम क्लोराइड की मात्रा काफी कम होती है जो किडनी से विषैले तत्वों को बाहर निकालकर उसे स्वस्थ बनाती है।


 

13. गठिया रोग⇒

अंगूर खाने या इसका जूस पीकर गठिया रोग की संभावना को काफी कम किया जा सकता है, क्योंकि ये शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है जो गठिया रोग का मूल कारण होता है।


 

14. त्वचा के लिए⇒

अंगूर में विटामिन ए पाया जाता है, जो त्वचा के लिए बहुत लाभकारी होता है। रोजाना सेवन से त्वचा में निखार आता है। साथ ही झुर्रियां भी कम होती हैं। आंखों के नीचे काले घेरो पर अंगूर लगाकर उसे कुछ दिनों में ही दूर भी किया जा सकता है।


 

15. मुंह के छाले⇒

अंगूर मुंह के छालों से भी राहत दिलाता है। इसके रस से कुल्ला करने से मुंह में होने वाले छाले दूर होते हैं।



 

त्वचा के लिए फायदेमंद ♥

त्वचा को हेल्दी रखने में भी अंगूर बहुत गुणकारी होता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंटी-इनफ्लेमेटरी तत्व त्वचा के लिए जरूरी तत्वों की पूर्ति करते हैं। साथ ही किसी भी प्रकार के फलों की तरह इसमें भी मौजूद विटामिन सी त्वचा को हेल्दी रखता है।

16. सूरज की हानिकारक किरणों से बचाता है

अंगूर के बीजों और गूदों में मौजूद प्रोएंथोसाइनिडिंस और रेसवेराट्रॉल बहुत ही प्रभावकारी एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं। ये सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से त्वचा की रक्षा करते हैं। साथ ही त्वचा पर पड़ने वाले लाल निशान, और त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले सेल्स का खात्मा करते हैं। ज्यादातर सनस्क्रीन लोशन में अंगूर का उपयोग किया जाता है।


17. असमय बुढ़ापे को रोकता है⇒

फ्री रेडिकल्स की समस्या चेहरे पर झुर्रियों बनाती है, जो असमय बुढ़ापे का मुख्य कारण होती है। लेकिन अंगूर में मौजूद विटामिन सी, इन समस्याओं से लड़ता है और इससे होने वाले त्वचा के नुकसान को रोकता है। रोजाना केवल 20 मिनट अंगूर के गूदे से चेहरे पर मसाज करके इस समस्या को रोका जा सकता है।


18. त्वचा को कोमल बनाता है⇒

अंगूर के बीजों में विटामिन ई त्वचा में नमी की मात्रा बनाए रखते हैं। त्वचा की डेड सेल्स को हटाने के लिए अंगूर का गूदा एक अचूक उपाय है। जिससे कोमल त्वचा पाई जा सकती है। अंगूर के बीजों का तेल भी त्वचा को कोमल बनाए रखने में काफी मददगार होता है।


19. त्वचा को जवां रखता है⇒

अंगूर में मौजूद ऑर्गेनिक एसिड की मात्रा से त्वचा को जवां बनाया जा सकता है। विटामिन सी कोलेजन के निर्माण में सहायक होता है, जो जरुरी सेल्स के विकास के साथ ही रक्त के प्रवाह को भी बनाए रखता है। ये कई प्रकार की बीमारियों से लड़ता है। यहां तक कि मौसम की मार से भी बचाता है।


20. दाग-धब्बों से छुटकारा⇒

हरे अंगूर की सहायता से चेहरे के दाग-धब्बों के साथ ही पिंपल्स की समस्या को भी खत्म किया जा सकता है। विटामिन सी त्वचा के निशानों को खत्म करने में काफी कारगर होता है। अंगूर को नमक के साथ बांधकर उसे आधे घंटे के लिए पकाया जाए। फिर इसे चेहरे पर 15 मिनट लगाकर हल्के गुनगुने पानी से धो लें।


बालों के लिए फायदेमंद 

घने, चमकदार और लंबे बालों का ध्यान रखना भी एक बहुत बड़ा टास्क होता है। खाने-पीने की अनदेखी और जरूरी पोषक तत्वों की कमी से आजकल डैंड्रफ, दोमुंहे बाल, सफेद बाल और बालों के गिरने की समस्या बहुत आम बात है। लेकिन अंगूर खाकर या इसका जूस पीकर, इस समस्या से तुरंत निजात पाई जा सकती है।

21. लंबे बालों के लिए⇒

अंगूर में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स सिर के रक्त प्रवाह को सही रखते हैं। इससे बाल हेल्दी रहते हैं।इसमें कोई दोराय नहीं कि तेल बालों के विकास में मदद करता है। अंगूर के बीजों का तेल बालों में होने वाले पसीने, उसकी दुर्गंध को दूर करने के साथ ही उसे चमकदार, घना, मुलायम और लंबा बनाने में मदद करता है।


22. रूसी की समस्या खत्म करता है⇒

अंगूर के बीजों के तेल से डैंड्रफ, सिर में खुजली की समस्या दूर होती है। इसमें मौजूद पानी की मात्रा सिर में ज़रूरी नमी की पूर्ति करती है जिससे ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है।


23. बाल गिरने की समस्या से निजात⇒

अंगूर असमय बालों के झड़ने की समस्या को रोकता है। इसके बीजों में मौजूद विटामिन ई और लिनोलिक एसिड बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है। साथ ही दोमुंहे बाल, जो बालों की झड़ने की खास वजह है, उन्हें भी खत्म करता है।


24. अरोमाथेरेपी⇒

हर तरह की त्वचा के लिए फायदेमंद अंगूर के बीज को अरोमाथेरेपी के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।


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पाएं Face टैनिंग से छुटकारा।

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इन घरेलु नुस्खों से पाएं टैनिंग से छुटकारा। 

गर्मियों में, आपको हर महीने बार-बार पार्लर जाना पड़ता है? पूरे दिन धूप में दिन गुज़ारने की वजह से हमारी स्किन में टैनिंग (झुलस जाना) हो जाती है और इसकी वजह से हमें स्किन से जुड़ी कई और समस्याएं जैसे – स्किन पर असमान पैची लेयर, रैशेज़, स्किन में ढीलापन और स्किन एजिंग, को झेलना पड़ता है।

ये आपकी स्किन को बेज़ान और थका हुआ भी बनाती है। ऐसे में पार्लर जाना जरूरी हो जाता है, लेकिन फेशियल, स्क्रब्स और क्रीम पर इतने पैसे खर्च करने के बाद भी हमारी स्किन में कोई फर्क नहीं आता। इस सब के बीच हम भूल जाते हैं कि टैनिंग को खत्म करने के लिए हमारी दादी-नानी के बताए सीक्रेट्स, हमारे ही किचन में छुपे बैठे हैं। विश्वास करें, ये काफी असरदार होते हैं। टैनिंग से छुटकारा पाने के लिए आप भी ये 5 टिप्स जरूर ट्राय करें।

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लेमन जूस, खीरा और गुलाब जल – इन तीनों को समान मात्रा में, एक कटोरी में मिला लें। 2 मिनट के लिए इसे ऐसे ही छोड़ दें। अब एक कॉटन की मदद से चेहरे, पैर और हाथ, जहां-जहां टैनिंग हो इसे लगाएं। जहां खीरे का जूस और गुलाब जल एक कूलिंग एजेंट की तरह काम करके, आपकी ब्लेमिश्ड (जली हुई) स्किन को आराम पहुंचाएगा। वहीं, लेमन जूस एक ब्लीचिंग एजेंट की तरह काम करके टैनिंग को खत्म करेगा।
इसी तरह आप, शहद और लेमन जूस का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। लेमन (आधा लेमन लें) में एक चम्मच शहद मिलाएं। इसे अपनी स्किन पर लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें। आप चाहें तो लेंमन जूस की जगह नाशपाती का जूस भी इस्तेमाल कर सकती हैं। अगर आप इसे हर एक दिन बाद इस्तेमाल करेंगी तो आपको जल्द ही इसके रिजल्ट नज़र आने लगेगा।

टमाटर, दही और लेमन जूस – मुहांसे और एजिंग की वजह से होने वाले पिग्मेंटेशन और डार्क स्पॉट को कम करने में ये काफी मददगार होते हैं. एक कटोरी में, दो चम्मच टमाटर का छिलका, एक चम्मच दही और लेमन जूस लें और इन्हें अच्छी तरह से मिलाएं। इसे टैनिंग वाले एरिया पर 30 मिनट लगाकर कर रखें और फिर ठंडे पानी से धो लें। इस मिक्सचर में टमाटर होने की वजह से शायद आपको थोड़ी खुजली भी हो, पर आप घबराए नहीं और फेस पैक को अपना काम करने दें।

दूध और पपीता – मैश्ड किया पपीता और दूध का गाढ़ा पेस्ट बना लें और लगाएं। इसके सूख जाने के बाद इसे ठंडे पानी से धो लें। अगर आपके पास ज़्यादा टाइम नहीं है तो टैनिंग वाले एरिया में पपीते के छिलके को रगडें। इसके अलावा आप मिल्क पाउडर भी इस्तेमाल कर सकती हैं। एक कटोरी में दो चम्मच मिल्क पाउडर, एक चम्मच शहद और आलमेंड ऑयल के कुछ ड्रॉप्स डालकर फेस पैक तैयार करें। इसे टैनिंग वाले एरिया पर 20 मिनट लगाकर रखने के बाद धो लें। अगर आपकी स्किन सेंसटिव है तो ये आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन है।
 


हल्दी और लेमन जूस – एक कटोरी में एक चम्मच हल्दी, 3 चम्मच लेमन जूस और एक चम्मच नारियल तेल लें। इनका पेस्ट तैयार करें और 30 मिनट के लिए लगाएं। जैसे ही ये सूखने लगे, इसे स्किन से हटा दें। कुछ ही मिनटों में आपकी स्किन चमकनेलगेगी। ये ऑयली और सेंसटिव स्किन के लिए अच्छा ऑप्शन है।

तेल – 4 चम्मच तिल का तेल, एक-एक चम्मच ऑलिव ऑयल और ऑलमेंड ऑयल मिलाएं। इन्हें अपनी स्किन पर 20 मिनट के लिए लगाएं और फिर गरम पानी और बेसन को स्क्रबर की तरह इस्तेमाल करके इसे हटाएं। अगर आपकी स्किन ड्राय है तो ये आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन है क्योंकि ये आपकी स्किन को मॉइश्चराइज़ करके, डेड स्किन को हटा देगा।

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त्वचा की देखभाल – सरल आयुर्वेद नुस्खे।

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त्वचा की देखभालसरल आयुर्वेद नुस्खे।

आजकल अधिकांश लोग खुद को खूबसूरत बनाने के लिए ढेरो कॉस्मेटिक प्रोडक्ट यूज करते हैं। ऐसे में कई बार उन्हें इन प्रोडक्ट के रिएक्शन भी झेलने पड़ते हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए हमें अब अपनी जड़ों तक जाना होगा, यानी सदियों से चला रहा परंपरागत हर्बल ज्ञान अपनाना होगा। आज हम कुछ चुनिंदा हर्बल नुस्खों का जिक्र करेंगे, जिनका उपयोग करके सालों से महिलाएं अपना सौंदर्य निखारती आई हैं।

 

1- खीरा एक ऐसी गुणकारी फल है, जिसका सेवन सप्ताह में एक बार जरूर करना चाहिए। साथ ही, खीरा स्किन के लिए भी बहुत लाभदायक माना जाता है। इसे खाने से शरीर की गर्मी छंट जाती है। स्किन को ग्लोइंग बनाने के लिए चेहरे पर खीरे का जूस बनाकर या खीरे का पेस्ट बनाकर लगाएं।

 

2- यदि आपके चेहरे पर काले धब्बे हैं तो आलू की स्लाइस लेकर हल्के-हल्के से मसाज करें। आलू का जूस चेहरे पर लगाएं। रोज इसे चेहरे पर लगाने से चेहरा निखर जाता है।

 

3- नारियल पानी बहुत ही गुणकारी होता है। इसीलिए रोजाना नारियल पानी पीने से चेहरा चमकने लगता है। नारियल पानी से चेहरा धोने से दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं। नारियल का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से रंग निखरने लगता है।

 

4- दो चम्मच टमाटर का रस और आधा चम्मच शहद मिलाएं। इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं और 20 मिनट के बाद धो लें। चेहरा कांतिवान दिखेगा।

 

5- कई इलाकों में पारंपरिक हर्बल वैद्य शहद के साथ फेस पैक तैयार करते हैं। इन जानकारों के अनुसार बेसन, शहद, जैतून, दूध मलाई को मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इस मिश्रण में 3 चम्मच बेसन, शहद, दूध मलाई और जैतून के तेल का 1-1 चम्मच मिलाएं। चेहरे पर लगाएं और करीब 20 मिनट बाद इसे साफ पानी से धो लें।

 

6- आयुर्वेद में हल्दी को रंगत निखारने वाली सबसे बेहतरीन औषधि माना जाता है। दूध में एक चुटकी हल्दी मिलाकर चेहरे पर लगाने से भी रंगत निखरती है। बेसन के उबटन में हल्दी मिलाकर लगाने से भी चेहरा ग्लौ करने लगता है।

 

7- दही कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर है। दही खाने और लगाने, दोनों का फायदा चेहरे पर दिखाई देने लगता है। रोज सुबह एक चम्मच दही लेकर चेहरे पर मसाज करें। सूखने के बाद चेहरा धो लें। इस नुस्खे को नियमित रूप से करने पर रंग गोरा हो जाता है और पिंपल्स भी खत्म हो जाते हैं।

 

8- केला त्वचा के लिए बहुत अच्छा होता है। पके हुए केले को अच्छी तरह से मैश कर लें। उसे चेहरे पर फेस पैक की तरह लगाएं। करीब 15 मिनट बाद इसे धो लें। चेहरा धुल जाने के बाद रक्त चंदन का लेप करें। माना जाता है कि ऐसा करने से चेहरे की त्वचा में जबरदस्त निखार आता है।

 

9- स्ट्राबेरी के पके हुए फलों को मैश करके चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट बाद इसे धो लें तो यह चेहरे के लिए टॉनिक की तरह काम करता है।

 

10- दो चम्मच टमाटर का रस और आधा चम्मच शहद मिलाएं। इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं और 20 मिनट के बाद धो लें। चेहरा कांतिवान दिखेगा।

 

11- टमाटर एंटीऑक्सीडेंट व पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसीलिए यह स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आप सांवले रंग से परेशान हैं, तो टमाटर को पीसकर इसका पेस्ट चेहरे पर लगाएं। चेहरे के दाग-धब्बे दूर हो जाएंगे और रंग निखरने लगेगा।

 

12- अंडे का पीला भाग यानी जर्दी को चेहरे पर लगाने से रंग गोरा हो जाता है। अंडे में शहद और नींबू मिलाकर लगाएं। जब पैक सूख जाए तो ठंडे पानी से चेहरा धो लें। स्किन ग्लौ करने लगेगी।

 

13- स्किन को गोरा बनाने के लिए एक पपीता का टुकड़ा पीस लें। यह गाढ़ा पेस्ट अपने चेहरे पर लगाएं। एक घंटे तक यह पेस्ट चेहरे पर लगा रहने दें। फिर चेहरा धो लें। यह नुस्खा नियमित रूप से दोहराने पर रंग गोरा होने लगता है।

 

14- तुलसी भगवान का उपहार है। यह सिर्फ बीमारियों को ठीक नहीं करती है, बल्कि स्किन के लिए भी टॉनिक का काम करती है। तुलसी के कुछ पत्ते लेकर उनका जूस बना लेंं। इस जूस का हल्के हाथों से चेहरे पर मसाज करें। कुछ देर रहने दें और फिर गुनगुने से पानी चेहरा धो लें। ऐसा रोज करने से धीरे-धीरे रंग गोरा होने लगता है।

 

15- नींबू स्किन के लिए एक चमत्कारी दवा की तरह काम करता हैं। रंग निखारने के लिए नींबू का रस चेहरे पर लगाएं। कुछ देर बाद चेहरा धो लें। नींबू के रस में टमाटर का रस मिलाकर लगाने से भी त्वचा की सफाई हो जाती है और रंग गोरा होने लगता है।

 

16- संतरा विटामिन सी से भरपूर होता है। इसे स्किन के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। संतरा खाने और लगाने से भी त्वचा सेहतमंद हो जाती है। त्वचा का रंग निखारने के लिए रोज संतरे का जूस बनाकर चेहरे पर लगाएं।

सूखने पर इसे धो लें। यदि चेहरे पर दाग-धब्बे हैं तो संतरे के छिलकों का उपयोग करें। संतरे के छिलकों को छांव में सुखाकर पाउडर बना लें। इस पाउडर की एक चम्मच मात्रा में कच्चा दूध मिलाकर उसे चेहरे पर लगाएं। रंग निखरने लगेगा।

 

17- यदि आप अपनी स्किन की केयर करने के लिए एक्स्ट्रा टाइम नहीं निकाल पाते हैं तो दूध और केसर का उपयोग करें। थोड़े-से दूध में केसर की पत्तियों को पीस लें। इस दूध से चेहरे की मसाज करें। कुछ देर रहने दें। फिर चेहरा धो लें। रंग निखर जाता है और फेस ग्लौ करने लगता है।

 

18- दूध त्वचा के लिए टोनर का काम करता है। कच्चे दूध से चेहरे पर हल्के हाथों से मसाज करें। सूखने पर चेहरा धो लें। रंग गोरा हो जाएगा।

 

19- कश्मीर में महिलाएं सेब के रस का उपयोग अपने सौंदर्य को निखारने के लिए करती हैं। सेब लेकर उसे कुचलकर रस तैयार करें। इस रस को चेहरे पर लगाएं। सूखने पर चेहरा धो लें। यह काम नियमित रूप से करने पर पिंपल्स और दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं और चेहरा चमकने लगता है।

 

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– कुछ उपयोगी पोस्ट सफल जीवन से संबंधित –

* विचारों की शक्ति-(The Power of Thoughts)

KMSRAJ51 के महान विचार हिंदी में।

* खुश रहने के तरीके हिन्दी में।

* अपनी खुद की किस्मत बनाओ।

* सकारात्‍मक सोच है जीवन का सक्‍सेस मंत्र 

* चांदी की छड़ी।

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“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”

-KMSRAJ51

किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए हिम्मत और उमंग-उत्साह बहुत जरूरी है।

जहाँ उमंग-उत्साह नहीं होता वहाँ थकावट होती है और थका हुआ कभी सफल नहीं होता।

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अमरूद के फायदे अनेक।

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अमरूद के फायदे अनेक।

सर्दियों में हेल्थ को फिट रखने के लिए काफी सारे ऑप्शन होते हैं, क्योंकि इस सीज़न में फल और सब्जियों की भरमार होती है। सर्दियों में जितनी जल्दी वजन बढ़ता है, उतनी ही जल्दी आप डाइट कंट्रोल भी कर सकते हैं। आज हम आपको अमरूद के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सस्ता और सेहत के लिहाज से बहुत ही फायदेमंद है।

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अमरूद के फायदे

1- मुंह में छाले होने पर: अगर आपके मुंह में छाले हो गए हैं या फिर अक्‍सर आपको माउथ अल्‍सर की प्रॉब्‍लम बनी रहती है तो आप अमरूद की नई-नई कोमल पत्तियों को सेवन करें। इससे आराम मिलता है।

2- बॉडी को फिट  रखने के लिए: अमरूद में मौजूद पौष्टिक तत्‍व शरीर को फिट और फाइन रखने में मदद करते हैं, लेकिन अमरूद सही समय पर खाया जाए। रात में अमरूद खाने से खांसी होने का डर रहता है।

3- ज्यादा कब्‍ज होने पर : अमरूद बॉडी के मेटाबॉल्जिम को बैलेंस रखता है। इस वजह से इसके सेवन से कब्‍ज से छुटकारा मिल जाता है।

4- आंखों को बनाए स्‍वस्‍थ : अमरूद में विटामिन ए की मात्रा काफी होती है जो आंखों को स्‍वस्‍थ बनाए रखती है। इसके अलावा, अमरूद में विटामिन सी भी होता है जो बीमारियों को दूर भगाता है।

5- स्किन ग्‍लो करने के लिए: अमरूद में मौजूद पोटैशियम के कारण इसके नियमित सेवन से स्‍किन ग्‍लो करने लगती है और कील-मुंहासों से भी छुटकारा मिलता है।

6- अमरूद खाकर मोटापा घटा सकते हैं: मोटापे की मुख्‍य वजह बॉडी का कोलेस्‍ट्रॉल होता है। अमरूद में मौजूद तत्‍व कोलेस्‍ट्रॉल को कम कर देते हैं। इससे मोटापा घट जाता है। तो अगली डाइटिंग शेड्यूल में अमरूद को शामिल करना न भूलें।

7- नशे को कम करता है : अगर किसी व्‍यक्ति को भांग का नशा भयंकर चढ़ गया हो तो उसे अमरूद के पत्‍तों का रस पिलाने से नशा कम हो जाता है। रस की जगह अमरूद के पत्‍तों को भी खिलाया जा सकता है, बशर्ते नशे का शिकार व्‍यक्ति उसे अच्‍छे से चबा ले।

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8- महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ाने के लिएअमरूद में फोलेट की मात्रा अधिक होती है। इससे महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ती है। अगर किसी भी महिला को मां बनने में परेशानी आ रही हो तो रोज़ अमरूद खाना चाहिए।

9- विटामिन सी: आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अमरूद में संतरे से चार गुना ज्यादा विटामिन सी होता है। विटामिन सी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और कैंसर से लड़ने में मददगार होते हैं।

10- पोटैशियन और सोडियम: अमरूद में मौजूद पोटैशियम शरीर में सोडियम के प्रभाव को कम करता है। इससे ब्लड प्रेशर का संतुलन बना रहता है। साथ ही, कोलेस्ट्रॉल स्तर भी कम होता है।

11- डायबिटीज: अमरूद के सेवन से खून में शुगर का स्तर कम होता है, क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। यह शुगर को डाइजेस्ट करने और इन्सुलिन बढ़ाने में मदद करता है।

12- थायरॉइड: अमरूद में आयोडीन की मात्रा अधिक होती है। इससे थायरॉइड की समस्या में आराम होता है। इससे शरीर का हार्मोनल संतुलन बना रहता हैं।

13- ब्लड सर्कुलेशन के लिए: अमरूद में विटामिन बी अच्छी मात्रा में उपलब्ध है। साथ ही, नायसिन भी है जिससे ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है। ब्लड सर्कुलेशन सही होने पर दिमाग भी तेज होता है। इसके अलावा पायरीडॉक्सीन नामक तत्व दिमाग और नसों के लिए फायदेमंद है, जो अमरूद में पाया जाता है।

Source: http://www.bhaskar.com

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* विचारों की शक्ति-(The Power of Thoughts)

KMSRAJ51 के महान विचार हिंदी में।

* खुश रहने के तरीके हिन्दी में।

* अपनी खुद की किस्मत बनाओ।

* सकारात्‍मक सोच है जीवन का सक्‍सेस मंत्र 

* चांदी की छड़ी।

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“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”

-KMSRAJ51

किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए हिम्मत और उमंग-उत्साह बहुत जरूरी है।

जहाँ उमंग-उत्साह नहीं होता वहाँ थकावट होती है और थका हुआ कभी सफल नहीं होता।

 ~KMSRAJ51

 

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Body Polishing At Home

Kmsraj51 की कलम से…..

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Body Polishing At Home

We come across many tempting spa packages which offer body polishing services, amongst others. Lets see what exactly is done in a body polishing session.

What is Body Polishing?

It is a process of exfoliating the body skin, and also moisturizing it, in order to get healthy, glowing skin. It can be compared to a facial. The steps would essentially remain the same. The most commonly used materials for preparing a body polish at home are sugar, salt, honey, oats, walnut shell powder, olive oil, etc.

Why Body Polishing?

Body polishing aims at removing dead skin from the surface, and allows new cells to grow. It helps in skin firming, moisturising, repairing sun-damage, improving oxygen supply to the skin, repairing damaged and dehydrated skin, etc.

How can I get my body polished?

You may get your body polished at your favorite spa, or you can prepare a homemade body polishing kit for yourself (details in a subsequent post).

How much does it cost?

In a spa, a body polishing session will cost you anything between 2000-5000 bucks, depending on where you get it done from.

Is it safe and effective?

Yes, it is safe and very effective, if done by trained therapists, and following the right procedure. Also, using the right products, according to your skin type, is very important.

How frequently can I get it done?

It is generally advisable to get a body-polish done once a month.

What is the body polishing process?

A typical in-salon body polishing session will comprise of the following steps:

You will be taken to a sauna cubicle, with a therapy table. You will be asked to lie down, and allow the steam to open up all pores on the skin, and prepare the skin for the steps to follow.

A scrub suitable for your skin type will then be applied on the body, and the body will be scrubbed gently. This will remove all dead skin cells, and any toxins that may have come to the surface from

Step -1 above.

The body will then be wiped with a hot, moist towel.

Next, the body will be massaged with aromatic essential oils, like lavender, patchouli, etc, depending on your skin type. This will moisturize the skin, and the aromatics will lead to relaxation.

After 10-15 minutes, you will be required to take a shower with warm water. Using soap or body shower gel is not advisable at this time, as we want to keep the oils on the skin. You may wipe the body with warm, damp towel, alternatively.

Tips for in-salon body polishing sessions:

  • Always go only to a reputed salon, your safety is as important as the hygiene concerns.
  • Before getting into the therapy room/ sauna room/ shower cubicle, ensure that the room has been properly cleaned and sanitized. You don’t want to get an infection from somebody who was in the room before you.
  • Always ask for fresh laundry. No compromises here.
  • For your satisfaction, you may check the products that will be used on your body before-hand. You have the right to do this!
  • Ensure that your spa therapist has clean uniform and hands. Ask her to sanitize her hands before starting the session.

Sounds so very luxurious, doesn’t it! And once in a while, it is heavenly to head to a spa, but considering the cost, making this a routine is impossible for everyone! So here we tell you how you can do it yourself at home!

Why natural body polishing at home?

Natural body polishing at home with home remedies can save you on travel time, money, and you won’t be under any pressure about reaching the spa on time! And you know what exactly is going into the body polish, and you can customize the products to best suit your body, with some experience.

Below are some methods for you to easily do body polishing procedure at home:

The basic steps, using a loofah/ pumice stone:

You will need:

  • A loofah or pumice stone
  • Olive oil
  • Home-made body scrub or ready made scrub which suits your skin

Method: Take a warm water shower first. Then apply warm olive oil onto your skin and massage for 5-10 minutes. Now exfoliate the skin using a body scrub. Do this for 5-10 minutes. Be very gentle on your skin. You may use a loofah and body wash alternatively. Next, gently scrub the hard patches on your skin, like elbows, knees and heels using a pumice stone to get rid of dead skin. Take a shower again, and apply dollops of your favorite moisturizer on your skin.

Some recipes for home-made body scrubs:

  • Salt, Sugar and Honey body polish: Mix half a cup each of salt (preferably organic) and sugar, with half cup of honey, in a bowl. Use this on your body after a warm shower to gently exfoliate and moisturize the skin.
  • Sugar, orange and olive oil polish: Mix together 2/3rdcup of brown sugar (or white sugar), ½ cup of dried and powdered orange peel, and ½ cup olive oil to prepare a scrub. Use this on the body after a warm shower, and then rinse off.
  • Strawberry and sugar body polish: Blend 4-5 strawberries and ½ cup of sugar with some honey in a blender, and use it on the body.

So, go ahead and make your own homemade body polishes..Happy blending!

Source: http://www.stylecraze.com/

For more health article visit at http://www.stylecraze.com/

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अगर जीवन में सफल हाेना हैं. ताे जहाँ १० शब्दाें से काेई बात बन जाये वहा पर

१०० शब्द बाेलकर अपनी मानसिक और वाणी की ऊर्जा को नष्ट नहीं करना चाहिए॥

-Kmsraj51

जिनके संकल्प में दृढ़ता की शक्ति है, उनके लिए हर कार्य सम्भव है।

 ~KMSRAJ51

 

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“आयुर्वेद स्वास्थ्य सुझाव”

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“सौंदर्यवर्धक” “नींबू के छिलके “(Lemon peel)

नाखूनाें पर नींबू के छिलकाें काे रगड़ने से नाखून चमकदार आैर मजबूत(शक्तिशाली) हाेते हैं तथा काेहनी आैर घुटनाें पर नींबू के छिलके रगड़ने से उनकी कालिख(कालापन) दूर हाेती है।

“आँख आना” (Conjunctivitis)

दूध पर जमी मलाई उतार लें। अब इसे दाेनाें पलकाें पर रखकर ऊपर से रुई रखकर पट्टी बाँध दें। यह प्रयाेग रात काे साेते समय करें, सुबह उठकर पट्टी खाेल लें, फर्क आप स्वयं (Self) महसूस करेंगे, यह प्रयाेग समस्या (आँख आना) समाप्त हाेने तक प्रतिदिन करें।

“गेंदा के फूल” (Flower of Marigold)

आधुनिक विज्ञान भी अब यह मान चुका है कि गेंदे के फूल मलेरिया फ़ैलाने वाले मच्छराें काे दुर भगाने में काफी कारगर हैं। अतः सभी काे अपने घर में गेंदे के फूलाें के पाैधे (Paade) लगाने चाहिए।

“अधिक नींद” आने की समस्या का निदान 

आधा लीटर पानी में १० ग्राम माेटी साैंफ डालकर उबालें, जब यह मिश्रण एक चाैथाई बचे तब इसमें थाेड़ा सा सेंधा नमक मिला कर पिए़ँ, यह प्रयाेग सुबह:सायंकाल करे, इससे अधिक नींद आने की समस्या दुर हाे जाती है।

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Poojya Acharya Bal Krishan Ji Maharaj-KMSRAJ51

पूज्य आचार्य बाल कृष्ण जी महाराज

मैं श्री आचार्य बाल कृष्ण जी महाराज का बहुत आभारी हूँ!!

आपको दिल से शुक्रिया;

Ayurveda Product Available on;-

http://patanjaliayurved.org/

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जीवन में सबसे बड़ी ख़ुशी तथा चुनाैती उस काम काे करने में है जिसे लाेग कहते हैं कि “तुम नहीं कर सकते”।

 -पूज्य आचार्य श्री बाल कृष्ण जी महाराज

 

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अल्सर (Ulcers) का आयुर्वेदिक उपचार।

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ϒ अल्सर (Ulcers) का आयुर्वेदिक उपचार। ϒ

Ulcer-अल्सर

अल्सर – Ulcers

आजकल की व्यस्त जीवनशैली में खान-पान में गड़बड़ी होना स्वाभाविक -सी बात है। लेकिन इस कारण से अल्सर जैसे रोग पाँव पसारते जा रहे हैं। इसमें पेट में जख़्म बन जाते हैं जिसे अल्सर कहते हैं। चाय, कॉफी, शराब, अधिक खट्टे, मसालेदार तथा गर्म वस्तुओं के सेवन से अल्सर होने की सम्भावना अधिक होती है। अल्सर रोग में अक्सर पेट में जलन होती है, खट्टी डकारें आती हैं, सर चकराता  है, उलटी होती, दस्त के साथ खून आता है, शरीर में कमजोरी तथा मन बैचैन रहता है।

~ विभिन्न औषधियोँ द्वारा अल्सर का उपचार ~

१- चार मुनक्के तथा दो छोटी हरड़ पीसकर सुबह खाने से पेट की जलन तथा उल्टी समाप्त होती है।

२- पान के हरे पत्तों का १/२ [आधा ] चम्मच रस प्रतिदिन पीने से पेट के घाव व दर्द में लाभ होता है।

३- एक चम्मच आँवले के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन पीने से अल्सर ठीक होता है।

४- अल्सर के रोगी को अनार के रस तथा आँवला मुरब्बा सेवन से लाभ होता है।

५- अल्सर में दूध, पका केला, चीकू, शरीफ़ा तथा सेब का सेवन करना चाहिए।

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं। ~ कृष्ण मोहन सिंह(KMS)

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– कुछ उपयोगी पोस्ट सफल जीवन से संबंधित –

* विचारों की शक्ति-(The Power of Thoughts)

* अपनी आदतों को कैसे बदलें।

निश्चित सफलता के २१ सूत्र।

क्या करें – क्या ना करें।

∗ जीवन परिवर्तक 51 सकारात्मक Quotes of KMSRAJ51

* विचारों का स्तर श्रेष्ठ व पवित्र हो।

* अच्छी आदतें कैसे डालें।

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्सािहत करते हैं।”

In English

Amazing changes the conversation yourself can be brought tolife by. By doing this you Recognize hidden within the buraiyaensolar radiation, and encourage good solar radiation to becomethemselves.

 ~KMSRAJ51 (“तू ना हो निराश कभी मन से” किताब से)

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”

~KMSRAJ51

 

 

 

अर्श रोग (बवासीर)-Piles – का आयुर्वेदिक उपचार

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अर्श रोग (बवासीर)-Piles 

Piles -अर्श रोग - बवासीर

अर्श रोग (बवासीर)-Piles

बवासीर गुदा मार्ग की बीमारी है । यह मुख्यतः दो प्रकार की होती है — खूनी बवासीर और बादी बवासीर। इस रोग के होने का मुख्य कारण ” कोष्ठबद्धता ” या ”कब्ज़ ” है। कब्ज़ के कारण मल अधिक शुष्क व कठोर हो जाता है और मल निस्तारण हेतु अधिक जोर लगाने के कारण बवासीर रोग हो जाता है। यदि मल के साथ बूंद -बूंद कर खून आए तो उसे खूनी तथा यदि मलद्वार पर अथवा मलद्वार में सूजन मटर या अंगूर के दाने के समान हो और मल के साथ खून न आए तो उसे बादी बवासीर कहते हैं। अर्श रोग में मस्सों में सूजन तथा जलन होने पर रोगी को अधिक पीड़ा होती है।

बवासीर का विभिन्न औषधियों द्वारा उपचार —

१- जीरा – एक ग्राम तथा पिप्पली का चूर्ण आधा ग्राम को सेंधा नमक मिलाकर छाछ के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से बवासीर ठीक होती है।

२- जामुन की गुठली और आम की गुठली के अंदर का भाग सुखाकर इसको मिलाकर चूर्ण बना लें | इस चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में हल्के गर्म पानी या छाछ के साथ सेवन से खूनी बवासीर में लाभ होता है। 

३- पके अमरुद खाने से पेट की कब्ज़ दूर होती है और बवासीर रोग ठीक होता है।

४- बेल की गिरी के चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर , ४ ग्राम की मात्रा में पानी के साथ सेवन करने से खूनी बवासीर में लाभ मिलता है।

५- खूनी बवासीर में देसी गुलाब के तीन ताज़ा फूलों को मिश्री मिलाकर सेवन करने से आराम आता है।

६ – जीरा और मिश्री मिलकर पीस लें। इसे पानी के साथ खाने से बवासीर (अर्श ) के दर्द में आराम रहता है।

७- चौथाई चम्मच दालचीनी चूर्ण एक चम्मच शहद में मिलाकर प्रतिदिन एक बार लेना चाहिए। इससे बवासीर नष्ट हो जाती है।

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दमा (श्वास रोग ) Asthma – आयुर्वेदिक उपचार

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दमा (श्वास रोग) अस्थमा-

दमा (श्वास रोग ) Asthma

दमा (श्वास रोग) अस्थमा

आज के समय में दमा तेज़ी से स्त्री – पुरुष व बच्चों को अपना शिकार बना रहा है । साँस लेने में दिक्कत या कठिनाई महसूस होने को श्वास रोग कहते हैं । फेफड़ों की नलियों की छोटी-छोटी पेशियों में जब अकड़न युक्त संकुचन उत्पन्न होता है तो फेफड़ा, साँस को पूरी तरह अंदर अवशोषित नहीं कर पाता है जिससे रोगी पूरा श्वास खींचे बिना ही श्वास छोड़ने को विवश हो जाता है । इसी स्थिति को दमा या श्वास रोग कहते हैं ।

दमा को पूर्ण रूप से ठीक करने हेतु प्राणायाम का अभ्यास सर्वोत्तम है ।

विभिन्न औषधियों से दमे का उपचार :-

१- अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटने से श्वास , खांसी व जुक़ाम में लाभ होता है ।

२- प्याज़ का रस , अदरक का रस , तुलसी के पत्तों का रस व शहद ३-३ ग्राम की मात्रा में लेकर सुबह-शाम सेवन करने से अस्थमा रोग नष्ट होता है ।

३- काली मिर्च – २० ग्राम , बादाम की गिरी – १०० ग्राम और खाण्ड – ५० ग्राम लें | तीनों को अलग – अलग बारीक़ पीस कर चूर्ण बना लें , फिर तीनों को अच्छी तरह से मिला लें | इस मिश्रण की एक चम्मच लें और रात को सोते समय गर्म दूध से लें , लाभ होगा ।

विशेष :- जिनको मधुमेह हो वे खाण्ड का प्रयोग न करें तथा जिनको अम्लपित्त [acidity ] हो वे काली मिर्च १० ग्राम की मात्रा में प्रयोग करें।

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्सािहत करते हैं।”

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मेंहदी (Henna) – आयुर्वेद टिप्स

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मेंहदी (Henna)

mehandi

मेंहदी (Henna)

मेंहदी की पत्तियों का प्रयोग रंजक द्रव्य के रूप में किया जाता है तथा इसकी सदाबहार झाड़ियाँ बाड़ के रूप में लगाई जाती हैं | यह समस्त भारत में मुख्यतः पंजाब,गुजरात,मध्य प्रदेश तथा राजस्थान के शुष्क पर्णपाती वनों में पायी जाती है | स्त्रिओं के श्रृंगार प्रसाधनों में विशिष्ट स्थान प्राप्त होने के कारण,मेंहदी बहुत लोकप्रिय है | मेंहदी की पत्तियों को सुखाकर बनाया हुआ महीन पाउडर बाजारों में पंसारियों के यहां तथा अन्य विक्रेताओं के यहाँ आकर्षक पैक में बिकता है | इसके पत्ते मलने से चिकने तथा लुआबदार हो जाते हैं | इसके कोमल पत्तों को सुखाकर,पीस्सकर मेंहदी के नाम से बेचा जा सकता है | इसका पुष्पकाल एवं फलकाल जुलाई से दिसंबर तक होता है |

मेंहदी का विभिन्न रोगों में उपयोग –

१- लगभग ४.५ ग्राम मेंहदी के फूलों को पानी में पीसकर कपड़े से छान लें,इसमें ७ ग्राम शहद मिलाकर कुछ दिन पीने से गर्मी से उत्पन्न सिरदर्द शीघ्र ही ठीक हो जाता है |

२- मेंहदी में दही और आंवला चूर्ण मिलाकर २- ३ घंटे बालों में लगाने से बल घने,मुलायम,काले और लम्बे होते हैं |

३- दस ग्राम मेंहदी के पत्तों को २०० मिली पानी में भिगोकर रख दें,थोड़ी देर बाद छानकर इस पानी से गरारे करने से मुँह के छाले शीघ्र शांत हो जाते हैं |

४- मेंहदी के बीजों को बारीक पीसकर,घी मिलाकर ५०० मिग्रा की गोलियां बना लें | इन गोलियों को सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करने से खुनी दस्तों में लाभ होता है |

५- लगभग ५ ग्राम मेंहदी के पत्ते लेकर रात को मिटटी के बर्तन में भिगो दें और प्रातःकाल इन पत्तियों को मसलकर तथा छानकर रोगी को पिला दें | एक सप्ताह के सेवन से पुराने पीलिया रोग में अत्यंत लाभ होता है |

६- मेंहदी और एरंड के पत्तों को समभाग पीसकर थोड़ा गर्म करे घुटनों पर लेप करने से घुटनों की पीड़ा में लाभ होता है |

७- अग्नि से जले हुए स्थान पर मेंहदी की छाल या पत्तों को पीसकर गाढ़ा लेप करने से लाभ होता है |

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पूज्य आचार्य बाल कृष्ण जी महाराज

मैं श्री आचार्य बाल कृष्ण जी महाराज का बहुत आभारी हूँ!!

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