महिलाओं की जीवनशैली से संबंधित नई बीमारी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम।

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महिलाओं की जीवनशैली से संबंधित नई बीमारी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम

Polycystic Ovarian Syndrome new lifestyle-related disease in women

क्या आप चेहरे के बालों, मुहासों और अनियमित माहवारी की समस्याओं से जूझ रही हैं? अगर हां, तो हो सकता है कि आप पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) की शिकार हों। पीसीओएस जीवनशैली संबंधी बीमारी है, जो औरतों में होती है। भारतीय महिलाओं, खासतौर से युवतियों में यह बीमारी बढ़ रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि, हालांकि इस परिस्थिति के मुख्य कारणों के बारे में पता नहीं चला है, लेकिन यह बीमारी काफी हद तक अंडाशय को प्रभावित करती है। सर गंगाराम अस्पताल में प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ माला श्रीवास्तव बताती हैं कि पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए समस्या दोगुनी हो जाती है क्योंकि लक्षण के बिना रोग का उपचार किया जाना मुश्किल है।

चिकित्सकों का कहना है कि ओपीडी में आने वाले पीसीओएस के कुल मरीजो में से 30-40 प्रतिशत किशोरियां होती हैं। पीसीओएस अधिकतर युवतियों को प्रभावित करता है। मधुमेह, गर्भाशय कैंसर और उच्च कोलेस्ट्रॉल से ग्रसित 40-60 प्रतिशत महिलाएं पीसीओएस से भी पीड़ित हैं।

पूरी दुनिया में महिलाओं की कुल आबादी का 4-11 प्रतिशत महिलाएं पीसीओएस से पीड़ित हैं। शहर में जहां 30 प्रतिशत महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित हैं, वहीं ग्रामीण महिलाओं में यह समस्या कम है।

मोटापे को इसका मुख्य कारण बताते हुए माला ने बताया कि मोटापा हार्मोन मे बदलाव करता है जिससे पीसीओएस पनपता है। माला के मुताबिक, कुछ महिलाएं इंसुलिन प्रतिरोधी होती हैं, जिससे उनका मोटापा बढ़ता है और हार्मोनल असंतुलन के कारण पीसीओएस होता है।

मैक्स अस्पताल की प्रसूति और स्त्री रोग विभाग की वरिष्ठ सलाहकार अनीता तलवार कहती हैं कि यह 11 साल की लड़की को भी हो सकता है। महिलाओं के प्रजननीय सालों में यह बीमारी 11.2 प्रतिशत होती है, जबकि किशोरियों में 50 प्रतिशत तक यह बीमारी होती है।

अमेरिकन जर्नल क्लीनिकल न्यूट्रीशन में पिछले साल एक अध्ययन प्रकाशित हुआ था जिसमें पीसीओएस पीड़ित महिलाओं में मोटापा और ब्लड शुगर कम करने वाले ग्लाइसेमिक आहार और कम वसा, उच्च रेशेयुक्त आहार के प्रभाव का परीक्षण किया गया।

शोध में पाया गया कि वजन कम करने और ब्लड शुगर नियंत्रित करने वाला खाने वाली महिलाओं में इंसुलिन संवेदनशीलता बेहतर थी। महिलाएं अपनी माहवारी को नियमित करके पीसीओएस से बच सकती हैं। इसके अलावा अंतराल पर हार्मोन प्रोजेस्टेरोन थेरेपी भी एक विकल्प है। यह अनियमित माहवारी और गर्भाशय का खतरा कम करती है। लेकिन यह गर्भनिरोध की सुविधा नहीं देता।

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गहरी नींद नहीं आती तो इन्हें अपनाये।

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गहरी नींद नहीं आती तो इन्हें अपनाये।

(Deep sleep if not adopted them)

भागती-दौड़ती जिंदगी में इंसान जब रात में थक कर सोने की कोशिश करता है तो सकून भरी नींद भी उसे नसीब नहीं होती है। जिसके कारण उसकी रात केवल करवटें बदलते ही बीतती है। इस कारण इंसान हाईब्लडप्रेशर और चिड़चिड़ेपन का शिकार हो जाता है। यही नहीं उसे सिरदर्द और मोटापे का भी दंश झेलना पड़ता है। इस कारण वो झल्लाकर डॉक्टरों के पास पहुंच जाता है और भारी-भरकम पैसा अपनी दवाईयों पर खर्च करता है,लेकिन उसके बावजूद भी वो अपनी समस्याओं से पूरी तरह निजात नहीं पाता है।

लेकिन अगर वही इंसान अपनी बिजी लाईफस्टाइल में थोड़ा सा परिवर्तन कर ले, तो यकीन मानिए उसे डॉक्टर के पास समय और ना ही दवाइयों पर पैसे खर्च करने पड़ेंगे। यहां हम आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं, जिन पर अगर आप अमल करेंगे तो आप पायेंगे बहुत अच्छी नींद और सेहतमंद जिंदगी।

1. सोने के लिए आप हमेशा ढीले-ढाले कपड़ों का प्रयोग कीजिये।

2. सोने के लिए कमरे का तापमान सामान्य होना चाहिए।

3. सोने से करीब दो घंटे पहले रात का भोजन करना चाहिए। कभी भी खाना खाकर तुरंत नहीं सोना चाहिए और ना ही भारी-भरकम भोजन करना चाहिए, हमेशा रात का खाना हल्का होना चाहिए।

4. रात को सोने से पहले गुनगुने दूध या फिर हलके गर्म दूध का सेवन करना अच्छा होता है।

5. आप अपनी दिनचर्या में शारीरिक व्यायाम को शामिल करें क्योंकि अक्सर आप ऑफिस में कुर्सियों पर लगातार बैठकर काम करते हैं,जिससे आपका दिमाग तो लगातार थकता है,लेकिन शरीर का निचला हिस्सा सुस्‍त अवस्‍था में पड़ जाता है इसलिए सोते समय आपको पीठ दर्द या कमर दर्द का एहसास होता है, जो आपकी नींद को दूर भगा देता है। व्यायाम करने से यह समस्या दूर हो जायेगी।

6. कमरे में सोते समय हल्की रोशनी होनी चाहिए।

7. सोने वाला कमरा साफ सुथरा होना चाहिए।

8. कभी भी सोने से पहले शराब और सिगरेट का सेवन नहीं करना चाहिए।

9. कभी भी मुंह ढककर नहीं सोना चाहिए।

10. हो सके तो खाना खाने के बाद आप 10-15 मिनट टहलें, इससे भोजन को पचने में मदद मिलेगी और आपको नींद अच्छी आयेगी।

11. हो सके तो सोने से पहले आप अपनी कोई मनपसंद किताब पढ़ें, इससे भी नींद अच्छी आती है।

12. और अंत में सबसे महत्वपूर्ण बात..वो यह कि सोने से पहले आप अपनी सारी चिंताओं के छोड़ दें और बिल्कुल शांत मन से बिस्तर पर जायें।

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आपका सबका प्रिय दोस्त,

Krishna Mohan Singh(KMS)
Head Editor, Founder & CEO
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“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”

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किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए हिम्मत और उमंग-उत्साह बहुत जरूरी है।

जहाँ उमंग-उत्साह नहीं होता वहाँ थकावट होती है और थका हुआ कभी सफल नहीं होता।

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