अपनी सोच(विचारों) काे बदलें।

Kmsraj51 की कलम से…..

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ϒ अपनी सोच(विचारों) काे बदलें। ϒ

मन साेच  व   कर्म।

समझें – मन का संबंध सोच व कर्म से। 

मन को सकारात्मक सोच या सकारात्मक सोच की ओर निर्देशित किया जा सकता हैं। याद रखें – मन को नकारात्मक सोच से हटाकर सकारात्मक सोच की ओर निर्देशित किया जा सकता हैं।

Change Your Thinking - Kmsraj51

सोच से ही सुख भी मिलें, सोच से ही दुखः भी मिलें। अगर सोच सकारात्मक हाे ताे कर्म भी सुकर्म हाेगें – ताे ही सुख मिलें, और अगर सोच नकारात्मक हाे ताे कर्म भी बुरे कर्म हाेगें – ताे दुखः ही दुखः मिलें। इसलिए सदैव अपने सोच व कर्म काे सकारात्मक रखें।

अग्नि चाहे दीपक की हो, चिराग की हो अथवा मोमबत्ती की लौ से हो, इसके दो ही कार्य है जलना और प्रकाश करना। यह हमारे विवेक के ऊपर निर्भर करता है कि हम इसका कहाँ उपयोग करें।

यही लौ मनुष्य के शरीर को शांत भी कर देती है, यही लौ अन्धकार को दूर कर सम्पूर्ण जगत को प्रकाशमय कर देती है। चिन्तन की बात यह है कि उपयोग करने के ऊपर निर्भर है वो उसी वस्तु से पुण्यार्जन कर सकता है तो थोड़ी चुक होने पर पापार्जन भी कर सकता है। सबकुछ साेच पर निर्भर हैं।

संसार में किसी भी वस्तु को, व्यक्ति को, स्थिति को कोसने की आवश्यकता नही है। जरुरत है उसका गुण, स्वभाव और प्रकृति समझकर समाज के हित में उपयोग करने की। दुनिया बड़ी खूबसूरत है इसे अपने विवेक, चिन्तन और शुभ आचरण से और अधिक सुन्दर बनाया जाये, यही सच्चा यज्ञ होगा। तभी सच्चे अर्थाें में शांति मिलेगी।

याद रखेंः- सर्वप्रथम काेई भी कर्म मन में_ब्लू-प्रिंट(विचारों) के रूप में तैयार हाेता हैं, और यही ब्लू-प्रिंट(विचार) कर्म के रूप मे प्रत्यक्ष हाेता हैं। जब ब्लू-प्रिंट(विचारों) सकारात्मक हाेगें ताे कर्म भी सुकर्म(अच्छे कर्म) हाेगें, और जब ब्लू-प्रिंट(विचारों) नकारात्मक हाेगें ताे कर्म भी विकर्म(बुरें) हाेगें।

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Krishna Mohan Singh(KMS)
Head Editor, Founder & CEO
of,,  http://kmsraj51.com/

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं। ~ कृष्ण मोहन सिंह(KMS)

 ~Kmsraj51

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Note::-

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– कुछ उपयोगी पोस्ट सफल जीवन से संबंधित –

* विचारों की शक्ति-(The Power of Thoughts)

निश्चित सफलता के २१ सूत्र।

∗ जीवन परिवर्तक 51 सकारात्मक Quotes of KMSRAJ51

* विचारों का स्तर श्रेष्ठ व पवित्र हो।

* अच्छी आदतें कैसे डालें।

KMSRAJ51 के महान विचार हिंदी में।

* खुश रहने के तरीके हिन्दी में।

* अपनी खुद की किस्मत बनाओ।

* सकारात्‍मक सोच है जीवन का सक्‍सेस मंत्र 

* चांदी की छड़ी।

kmsraj51- C Y M T

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्सािहत करते हैं।”

In English

Amazing changes the conversation yourself can be brought tolife by. By doing this you Recognize hidden within the buraiyaensolar radiation, and encourage good solar radiation to becomethemselves.

 ~KMSRAJ51 (“तू ना हो निराश कभी मन से” किताब से)

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”

~KMSRAJ51

 

सफल जीवन के अनमोल सूत्र।

Kmsraj51 की कलम से…..

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ϒ सफल जीवन के अनमोल सूत्र। ϒ

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् , भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ||

जीवन॰

  • जब तुम पैदा हुए थे तो तुम रोए थे जबकि पूरी दुनिया ने जश्न मनाया था। अपना जीवन ऐसे जियो कि तुम्हारी मौत पर पूरी दुनिया रोए और तुम जश्न मनाओ।

The successful formula of life-KMSRAJ51

कठिनाइया॰

  • जब तक आप अपनी समस्याओं एंव कठिनाइयों की वजह दूसरों को मानते है, तब तक आप अपनी समस्याओं एंव कठिनाइयों को मिटा नहीं सकते। क्योंकि अपनी समस्याओं एंव कठिनाइयों की वजह आप स्वयं हैं।

असंभव॰

  • इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं। हम वो सब कुछ कर सकते है, जो हम सोच सकते है और हम वो सब सोच सकते है, जो आज तक हमने नहीं सोचा।

हार ना मानना॰

  • बीच रास्ते से लौटने का कोई फायदा नहीं क्योंकि लौटने पर आपको उतनी ही दूरी तय करनी पड़ेगी, जितनी दूरी तय करने पर आप लक्ष्य तक पहुँच सकते है। इसलिए लक्ष्य की ओर बढ़ें।

अर्थ- हार व जीत का॰

  • सफलता हमारा परिचय दुनिया को करवाती है और असफलता हमें दुनिया का सहीं परिचय करवाती है।

सच्चा आत्मविश्वास॰

  • अगर किसी चीज़ को आप सच्चे दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती हैं।

सच्ची महानता॰

  • सच्ची महानता कभी न गिरने में नहीं बल्कि हर बार गिरकर फिर से उठ जाने में हैं।

गलतियां॰

  • अगर आप समय पर अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं करते है तो आप एक और गलती कर बैठते है। आप अपनी गलतियों से तभी सीख सकते है जब आप अपनी गलतियों को स्वीकार करते है।

चिन्ता॰

  • अगर आप उन बातों एंव परिस्थितियों की वजह से चिंतित हो जाते है, जो आपके नियंत्रण में नहीं हैं तो इसका परिणाम समय की बर्बादी एवं भविष्य में पछतावा है।

शक्ति॰

  • ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हम हैं जो अपनी आँखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है।

मेहनत॰

  • हम चाहें तो अपने आत्मविश्वास और मेहनत के बल पर अपना भाग्य खुद लिख सकते है और अगर हमको अपना भाग्य लिखना नहीं आता तो परिस्थितियां व समय हमारा भाग्य लिख ही देंगी।

सपने॰

  • सच कहे ताे सपने वो नहीं है जो हम नींद में देखते है, सपने ताे वो है जो हमको नींद हीं न आने दें।

समय॰

  • आप यह नहीं कह सकते कि आपके पास समय नहीं है क्योंकि आपको भी दिन में उतना ही समय (२४ घंटे) मिलता है जितना समय महान एंव सफल लोगों को मिलता है। समय सभी काे एक समान ही मिलता हैं।

विश्वास॰

  • विश्वास में वो शक्ति है जिससे उजड़ी हुई दुनिया में प्रकाश लाया जा सकता है। विश्वास पत्थर को भगवान बना सकता है और अविश्वास भगवान के बनाए इंसान को भी पत्थर दिल बना सकता हैं। विश्वास की नीव पर टिके है सारे रिश्तें।

सफलता॰

  • दूर से हमें आगे के सभी रास्ते बंद नजर आते हैं क्योंकि सफलता के रास्ते हमारे लिए तभी खुलते हैं जब हम उसके बिल्कुल करीब पहुँच जाते हैं।

सोच॰

  • बारिश के दौरान सारे पक्षी आश्रय की तलाश करते है लेकिन बाज़ बादलों के ऊपर उडकर बारिश को ही Avoid कर देते है। समस्याए Common है, लेकिन आपका नजरिया इनमे Difference पैदा करता है। इसलिए अपने सोचने के नजरिये काे Change करें।

प्रसन्नता॰

  • यहा पहले से निर्मित कोई चीज नहीं है… ये आप ही के कर्मों से आती है …. आपके कर्मं ही निमित्त बनते हैं।

निमित्त भाव॰

  • आप सिर्फ निमित्त मात्र हैं इस संसार में। यह संसार एक रंगमंच हैं – सभी मनुष्य आत्मायें अपना-अपना Part Play कर रही हैं। जाे आत्मा अपना Part निमित्त भाव से Play कर रही है, ओ आनंद में हैं।

याद रखेंः – जीवन में सच्चा आनंद और शांति ताे सिर्फ व सिर्फ ईश्वरीय ध्यान `या` परमात्म याद (Godly Meditation) में ही हैं। चाहे अरबाे-खरबाे (Billions – trillions) इकट्ठा कर लाे फिर भी सच्चा आनंद और शांति कभी ना मिलेगी।

ॐ शांति ॐ शांति ॐ शांति ॐ शांति ॐ शांति॥
ॐ शांति ॐ शांति ॐ शांति ॐ शांति ॐ शांति॥

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं। ~ कृष्ण मोहन सिंह(KMS)

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निश्चित सफलता के २१ सूत्र।

∗ जीवन परिवर्तक 51 सकारात्मक Quotes of KMSRAJ51

* विचारों का स्तर श्रेष्ठ व पवित्र हो।

* अच्छी आदतें कैसे डालें।

KMSRAJ51 के महान विचार हिंदी में।

* खुश रहने के तरीके हिन्दी में।

* अपनी खुद की किस्मत बनाओ।

* सकारात्‍मक सोच है जीवन का सक्‍सेस मंत्र 

* चांदी की छड़ी।

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्सािहत करते हैं।”

In English

Amazing changes the conversation yourself can be brought tolife by. By doing this you Recognize hidden within the buraiyaensolar radiation, and encourage good solar radiation to becomethemselves.

 ~KMSRAJ51 (“तू ना हो निराश कभी मन से” किताब से)

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”

~KMSRAJ51

 

विचारों का स्तर श्रेष्ठ व पवित्र हो।

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ϒ विचारों का स्तर श्रेष्ठ व पवित्र हो। ϒ

सर्वप्रथम काेई भी कर्म मन में_ब्लू-प्रिंट(विचारों) के रूप में तैयार हाेता हैं, और यही ब्लू-प्रिंट(विचार) कर्म के रूप मे प्रत्यक्ष हाेता हैं। जब ब्लू-प्रिंट(विचारों) सकारात्मक हाेगें ताे कर्म भी सुकर्म(अच्छे कर्म) हाेगें, और जब ब्लू-प्रिंट(विचारों) नकारात्मक हाेगें ताे कर्म भी विकर्म(बुरें) हाेगें।

जैसे बीज के अभाव में वृक्ष का जन्म नहीं हो सकता, ठीक वैसे ही उच्च विचारों के अभाव में उच्च कर्म घटित नहीं हो सकता। शुभ कर्म और अशुभ कर्म दोनों कर्मों के पीछे जो कारण है वह विचार ही है। हमारे विचारों का स्तर जितना श्रेष्ठ और पवित्र होगा हमारे कर्म भी उतने ही श्रेष्ठ और पवित्र होंगे।

Holy thoughts - kmsraj51

कोई चोर तब तक चोरी नहीं कर सकता, जब तक कि वह पहले उसका विचार न कर लें। अत: हमारा कोई भी कर्म, कार्य करने से पहले विचारों में घटित हो जाता है। विचारों का स्तर हमारे संग पर निर्भर करता है, हमारी संगति जितनी अच्छी होगी हम उतने ही अच्छे विचारों के धनी होंगे।

जब तक हमारे विचार शुद्ध नहीं होंगे तब तक हमारे कर्म भी शुद्ध नहीं हो सकते। इसलिए विचारों को शुद्ध किये बिना कर्म की शुद्धि का प्रयास करना व्यर्थ है। जिसके विचार पवित्र हों उससे बुरा कर्म कभी हो ही नहीं सकता है।

 याद रखेंः – सत्य है कि लोहे से ही लोहे को काटा जा सकता है और पत्थर से ही पत्थर को तोडा जा सकता है। मगर ह्रदय चाहे कितना भी कठोर क्यों ना हो उसको पिघलाने के लिए कभी भी कठोर वाणी कारगर नहीं हो सकती क्योंकि वह केवल और केवल नरम वाणी से ही पिघल सकता है।

  • क्रोध को क्रोध से नहीं जीता जा सकता, बोध से जीता जा सकता है।
  • अग्नि कभी भी अग्नि से नहीं बुझती जल से ही बुझती है।
  • समझदार व्यक्ति बड़ी से बड़ी बिगड़ती स्थितियों को दो शब्द प्रेम के बोलकर संभाल लेते हैं।
  • हर स्थिति में संयम रखो, संयम ही आपको क्लेशों से बचा सकता है।
  • आँखों में शर्म रहे और वाणी नरम रहे तो समझ लेना परम सुख आपसे दूर नहीं।

कहते हैः-

रूठते हैं शब्द भी अपने गलत इस्तेमाल होने पर।
देखा है हमने शब्दों को भी अकसर रूठते हुए॥

जब आपके विचारों का स्तर श्रेष्ठ व पवित्र होगा ताे आपके हर कर्म श्रेष्ठ व पवित्र होगें। और जब आपके हर कर्म श्रेष्ठ व पवित्र होगें तभी आप आंतरिक शांति का अनुभव महसूस कर सकेगें।

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निश्चित सफलता के २१ सूत्र।

∗ जीवन परिवर्तक 51 सकारात्मक Quotes of KMSRAJ51

* अच्छी आदतें कैसे डालें।

KMSRAJ51 के महान विचार हिंदी में।

* खुश रहने के तरीके हिन्दी में।

* अपनी खुद की किस्मत बनाओ।

* सकारात्‍मक सोच है जीवन का सक्‍सेस मंत्र 

* चांदी की छड़ी।

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“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्सािहत करते हैं।”

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 ~KMSRAJ51 (“तू ना हो निराश कभी मन से” किताब से)

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