आयुर्वेद के सहज उपचार सूत्र !!


kmsraj51 की कलम से …..

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कैसी भी हो पथरी बिना ऑपरेशन ही टूट कर बाहर हो जाएगी

=> किडनी, मूत्राशय, मूत्र नलिका आदि में पथरी का होना या बनना कोई नया या अनजाना रोग नहीं है। विभिन्न रसायनों से बने छोटे-छोटे कणों (क्रिस्टल्स) का जमाव पथरी का निर्माण करते हैं। पथरी मुख्यत: कैल्शियम फॅास्फेट, कैल्शियम ऑक्सोलेट, यूरिक एसिड और अमोनियम फॅास्फेट जैसे रसायनों के क्रिस्टल्स जमने के कारण होती हैं।

=> ज्यादातर कठोर पानी और ज्यादा मिनरल्स से बने खाद्य पदार्थों के सेवन से पथरी होती है। पीठ के पिछले हिस्से से पेट तक तेजी से दर्द होना, जी मिचलना या उल्टियां होना, पेशाब में खून का जाना, जिसे हिमेटूरिया कहा जाता है। पेशाब में संक्रमण, पेशाब करते वक्त जलन होना, बार-बार पेशाब होना आदि पथरी के प्रमुख लक्षण हैं।

=> एक रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ भारत में 70 लाख लोग इस समस्या से ग्रसित हैं। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात को स्टोन बेल्ट के नाम से जाना जाता है। आधुनिक मशीनों और महंगी दवाओं से पथरी के इलाज का दावा जरूर किया जाता है, लेकिन महंगे खर्च के बावजूद इसका सटीक इलाज नहीं हो पाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

=> आदिवासियों के सैकड़ों साल पुराने परंपरागत जड़ी बूटियों के ज्ञान के आधार पर दवाओं को निश्चित ही तैयार किया जा सकता है। कुछ इसी तरह के प्रयासों के चलते इन्ही सब अजूबी जड़ी-बूटियों को लेकर ज्स्टोनोफज् जैसे प्रोड्क्ट्स का बाजार में आना एक अच्छा संकेत है। चलिए आज जानते हैं कुछ देसी नुस्खों के बारे में जिनका इस्तेमाल कर पथरी की समस्या पर काबू पाया जा सकता है।

=> अंगूर, पुनर्नवा (पूरा पौधा) और अमलतास की फलियों के गूदे की समान मात्रा (6 ग्राम प्रत्येक) लेकर पीस लें। इस मिश्रण को 250 मिली पानी में 30 मिनिट तक उबालें। इसे छानकर रोगी को कम से कम दिन में दो बार पिलाएं। पथरी के दर्द में इससे बहुत जल्दी आराम मिलता है।

=> पेशाब में यदि जलन महसूस हो तो गिलोय के तने का चूर्ण (10 ग्र्राम) और आंवला का चूर्ण (10 ग्र्राम) लें। इसमें सौंठ चूर्ण (5 ग्र्राम), गोखरु के बीजों का चूर्ण (3 ग्र्राम) और अश्वगंधा की जड़ों का चूर्ण (5 ग्र्राम) मिलाएं। इस मिश्रण को 100 मिली लीटर पानी में उबाल लें। इस काढ़े को रोगी को दिन में एक बार रोजाना एक माह तक दें। लाभ होगा।

=> दूब घास की जड़ें, पाठा की जड़ें, दारू हल्दी का कंद और मालकांगनी की पत्तियों की समान मात्रा लें। इन्हें पीसकर रस तैयार कर लें। इस मिश्रण का तीन ग्राम रस शहद के साथ लेना पथरी के लिए कारगर होता है।

=> अश्वगंधा की जड़ों का रस पीने से पथरी का दर्द कम होता है। इस रस को पीने से पहले गर्म कर लें तो बेहतर परिणाम मिलेंगे।

=> अश्वगंधा की जड़ों का रस और आंवला के रस को समान मात्रा में (आधा-आधा कप) मिलाकर लें। मूत्राशय और मूत्र मार्ग में पेशाब करते समय जलन की शिकायत खत्म हो जाती है। यह पथरी को गलाकर बाहर भी निकाल देता है।

=> सौंफ की चाय को पथरी के इलाज में-
एक कारगर उपाय है। सौंफ की चाय बनाने के लिए आधा चम्मच सौंफ पीस लें। दो कप पानी में पांच मिनिट तक उबाल लें। जब यह गुनगुना रह जाए तो इसे पी लें। ऐसा रोज दो से तीन बार लें तो पेट दर्द और किडनी दर्द में राहत मिलती है।

=> पेशाब करते समय जलन या कम पेशाब होने की शिकायत हो तो आंवले से बेहतर उपचार कोई और नहीं है। आंवले का रस, शक्कर और घी का मिश्रण इस समस्या में कारगर होता है।

=> आंवले के रस में इलायची के दानों को पीसकर मिलाएं। इसे हल्का गर्म करके पिएं। उल्टियां, चक्कर या पेट दर्द जैसी समस्याओं में यह राहत देता है। साथ ही, पथरी को भी निकाल फेंकने में सक्षम होता है।

=> तुलसी की पत्तियों का चूर्ण और हरड़ का चूर्ण मिलाकर खाने से दर्द में काफी आराम मिलता है। इस चूर्ण में नींबू का रस और शहद मिलाकर लेने से पथरी खत्म हो जाती है।

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“दूध से करें रोगों का इलाज”

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कहते हैं शरीर को हमेशा स्वस्थ बनाए रखना हो तो रोजाना आधा लीटर दूध जरूर पीना चाहिए, क्योंकि दूध एक संपूर्ण आहार है। दूध में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें विटामिन ए, डी, के और ई सहित फॉस्फोरस, आयोडीन व कई मिनरल और फैट पाए जाते हैं।

=> दूध पीने से बॉडी को कई एंजाइम और लिविंग ब्लड सेल्स भी मिलते हैं। ये तो हुए दूध पीने के साधारण लाभ। इसके अलावा दूध कई रोगों में दवा की तरह भी काम करता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं दूध के कुछ ऐसे नुस्खे जिन्हें अपनाने पर आपको कई हेल्थ प्रॉब्लम्स से राहत मिलेगी।

=> पेट की प्रॉब्लम्स-
कब्ज व एसिडिटी की समस्या में दूध रामबाण की तरह काम करता है। ठंडे दूध मे मिश्री मिलाकर पीने से एसिडिटी में राहत मिलती है। रात को गुनगुना दूध पीकर सोने से कब्ज की समस्या खत्म हो जाती है। यदि कब्ज बहुत पुराना व हो तो दूध में एक चम्मच बादाम का तेल डालकर पिएं।

=> तेज दिमाग के लिए-
यदि आपकी याददाश्त कमजोर हैं। आप हर बात थोड़ी देर में भूल जाते हैं तो एक गिलास दूध पीने का ये खास तरीका आपकी समस्या दूर कर सकता है। रोजाना एक गिलास दूध में थोड़ा इलायची पाउडर डालकर उबालकर ठंडा कर पिएं। एक ताजा के अनुसार दूध न सिर्फ पोषक तत्वों से भरपूर है, बल्कि इससे ब्रेन पॉवर पर सकारात्मक असर भी पड़ता है।

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=> अस्थमा की प्रॉब्लम हो तो-
अस्थमा के रोगियों के लिए आधा लीटर दूध में आधा लीटर पानी डालकर उबाल लें, जब दूध आधा रह जाए तो उसमें दस ग्राम बादाम तेल व दस ग्राम मिश्री के साथ ही थोड़ी सा काली मिर्च पाउडर डालकर दूध रोगी को पीने को दें, ऐसा करने से अस्थमा में बहुत जल्दी राहत मिलती है।

=> सुंदर और बेदाग स्किन के लिए-
दूध में थोड़ा सा नमक मिलाकर चेहरे पर सुबह-शाम लगाएं। इससे मुंहासे दूर होते हैं। कच्चे दूध में गुलाबजल मिलाकर लगाने से स्किन हेल्दी रहती है। होंठों पर कच्चा दूध लगाने से होंठ गुलाबी हो जाते हैं।

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=> मुंह में छाले होने पर-
कब्ज या शरीर में गर्मी बढ़ जाने पर मुंह में छालों की समस्या परेशान करने लगती है। आपको भी अगर मुंह के छाले की समस्या परेशान कर रही हो तो दिन में कम से कम तीन बार कच्चे दूध से अच्छी तरह से गरारे करें, छाले मिट जाएंगे।

=> आंखों के लिए-
कम उम्र में चश्मा लगना या आंखों में पानी या जाले आना आजकल एक आम समस्या हो गई है। आंखों को इन प्रॉब्लम्स से बचने का सबसे अच्छा तरीका है। आंखों की सही से देखभाल करें व आंखों को सुबह-शाम पानी से धोएं। इसके अलावा कच्चे दूध से क्रीम निकालकर, उस दूध की कुछ बूंदें आंखों में डालें। आंखे हमेशा स्वस्थ रहेंगी।

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