विल्मा रुडोल्फ – अपंगता से ओलम्पिक गोल्ड मैडल तक

kmsraj51 की कलम से

Soulword_kmsraj51 - Change Y M Tयह कहानी है उस लड़की की जिसे ढाई साल की उम्र में पोलियो हुआ, जो 11 साल की उम्र तक बिना ब्रेस के चल नहीं पाई पर जिसने 21 साल की उम्र में 1960 के ओलम्पिक में दौड़ में 3 गोल्ड मैडल जीते…..

यह कहानी है उस लड़की की जिसका जन्म बेहद गरीब परिवार में हुआ पर गरीबी जिसके होंसलो को नहीं तोड़ पाई…..

यह कहानी है उस लड़की की जिसका जन्म  एक अश्वेत परिवार में हुआ (तब अमेरिका में अश्वेतों को दोयम दर्जे का नागरिक माना जाता था ), पर जिसके सम्मान में आयोजित भोज समारोह में, पहली बार अमेरिका में, श्वेतो और अश्वेतों ने एक साथ हिस्सा लिया….

यह कहानी है विल्मा रुडोल्फ की….

Tribute

Wilma Rudolph-kmsraj51

Wilma Rudolph

  • Born: June 23, 1940
  • Died: November 12, 1994
  • Location: Brentwood , Tennessee

 

विल्मा का जन्म 1939 में अमेरिका के टेनेसी राज्य के एक कस्बे में हुआ। विल्मा के पिता रुडोल्फ कुली व माँ सर्वेंट का काम करती थी। विल्मा 22 भाई – बहनों में 19 वे नंबर की थी।
विल्मा बचपन से ही बेहद बीमार रहती थी, ढाई साल की उम्र में उसे पोलियो हो गया।  उसे अपने पेरों को हिलाने में भी बहुत दर्द होने लगा। बेटी की ऐसी हालत देख कर, माँ ने बेटी को सँभालने के लिए अपना काम छोड़ दिया और उसका इलाज़ शुरू कराया।  माँ सप्ताह में दो बार उसे, अपने कस्बे से 50 मील दूर स्तिथ हॉस्पिटल में इलाज के लिए लेकर जाती, क्योकि वो ही सबसे नजदीकी हॉस्पिटल था जहा अश्वेतों के इलाज की सुविधा थी। बाकी के पांच दिन घर में उसका इलाज़ किया जाता। विल्मा का मनोबल बना रहे इसलिए माँ ने उसका प्रवेश एक विधालय में करा दिया।  माँ उसे हमेशा अपने आपको बेहतर समझने के लिए प्रेरित करती।

पांच साल तक इलाज़ चलने के बाद विल्मा की हालत में थोडा सुधर हुआ।  अब वो एक पाँव में ऊँचे ऐड़ी के जूते पहन कर खेलने लगी। डॉक्टर ने उसे बास्केट्बाल खेलने की सलाह दी। विल्मा का इलाज कर रहे डॉक्टर के. एमवे. ने कहा था की विल्मा कभी भी बिना ब्रेस के नहीं चल पाएगी।  पर माँ के समर्पण और विल्मा की लगन के कारण, विल्मा ने 11 साल की उम्र में अपने ब्रेस उतारकर पहली बार बास्केट्बाल खेली।

Wilma Rudolph-file-kmsraj51

यह उनका इलाज कर रहे डॉक्टर के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। जब यह बात डॉक्टर के. एम्वे. को पता चली तो वो उससे मिलने आये। उन्होंने उससे ब्रेस उतारकर दौड़ने को कहा।  विल्मा ने फटाफट ब्रेस उतारा और चलने लगी।  कुछ फीट चलने के बाद वो दौड़ी और गिर पड़ी।  डॉक्टर एम्वे. उठे और किलकारी मारते हुए विल्मा के पास पहुचे।  उन्होंने विल्मा को उठाकर सीने से लगाया और कहा शाबाश बेटी। मेरा कहा गलत हुआ, पर मेरी साध पूरी हुई। तुम दौडोगी, खूब दौडोगी और सबको पीछे छोड़ दौगी। विल्मा ने आगे चलकर एक इंटरव्यू में कहा था की डॉक्टर एम्वे. की उस शाबाशी ने जैसे एक चट्टान तोड़ दी और वहां  से एक उर्जा की धारा बह उठी। मेनें सोच लिया की मुझे संसार की सबसे तेज धावक बनना है।

इसके बाद विल्मा की माँ ने उसके लिए एक कोच का इंतजाम किया। विल्मा की लगन और संकल्प को देखकर स्कुल ने भी उसका पूरा सहयोग किया।  विल्मा पुरे जोश और लग्न के साथ अभ्यास करने  लगी।  विल्मा ने 1953 में पहली बार अंतर्विधालीय दौड़ प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।  इस प्रतियोगिता में वो आखरी स्थान पर रही।  विल्मा ने अपना आत्मविश्वास कम नहीं होने दिया उसने पुरे जोर – शोर से अपना अभ्यास जारी रखा।  आखिरकार आठ असफलताओं के बाद नौवी प्रतियोगिता में उसे  जीत  नसीब हुई। इसके बाद विल्मा ने पीछे मुड कर नहीं देखा वो लगातार बेहतरीन  प्रदर्शन करती रही जिसके फलस्वरूप उसे 1960 के रोम ओलम्पिक मे देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला ।

ओलम्पिक मे विल्मा ने 100 मिटर दौड, 200 मिटर दौड और 400 मिटर रिले दौड मे गोल्ड मेडल जीते । इस तरह विल्मा, अमेरिका की प्रथम अश्वेत महिला खिलाडी बनी जिसने दौड की तीन प्रतियोगिताओ मे गोल्ड मेडल जीते। अखबारो ने उसे ब्लैक गेजल की उपाधी से नवाजा जो बाद मे धुरंधर अश्वेत खिलाडीयो  का पर्याय बन गई।

national-day-in-black-history-wilma-rudolph-kmsraj51Wilma Rudolph was inducted into the Olympic Hall of Fame on Oct. 6, 1983. Rudolph was the first American woman to win three Olympic Gold Medals in track.
वतन वापसी पर उसके सम्मान में एक भोज समारोह का आयोजन हुआ जिसमे पहली बार श्वेत और अश्वेत अमेरिकियों ने एक साथ भाग लिया, जिसे  की विल्मा अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी जीत मानती थी।

Wilma Rudolph-olympic-kmsraj51Wilma Rudolph became the first American woman to win three gold medals in track and field during a single Olympic Games.
आखिर में एक बात विल्मा ने हमेशा अपनी जीत का सार श्रेय अपनी माँ को दिया, विल्मा ने हमेशा कहा की अगर माँ उसके लिय त्याग नहीं करती तो वो कुछ नहीं कर पाती।


Wilma Rudolph

  • Born: June 23, 1940
  • Died: November 12, 1994
  • Location: Brentwood , Tennessee

 

First American Woman to win three gold medals in track and field during a single Olympic Games


Wilma Rudolph became the first American woman to win three gold medals in track and field during a single Olympic Games, despite running on a sprained ankle.

Born Wilma Glodean Rudolph on June 23, 1940 in St. Bethlehem Tennessee, she was the twentieth of twenty-two children. When Wilma was four years old, her parents Ed and Blanche Rudolph were informed that their daughter had polio. By 1947 Blanche was making the 50 mile journey to Nashville twice a week for medical treatments for Wilma. Mrs. Rudolph would often treat Wilma herself with homemade remedies and nightly massages on her legs, promising she would one day walk without braces.

In 1952, when Wilma turned 12, her dream was realized and she no longer needed the braces that made her “different” from the other kids. While In high school, Wilma followed her older sisters and participated in basketball, eventually setting state records and leading her team to a state championship. However, a Tennessee state track and field coach, Edward Temple, spotted her and foresaw her amazing potential. He knew he had found a natural athlete. Wilma had already gained some track experience on Burt High School’s track team two years before, mostly as a way to keep busy between basketball seasons. By the age of 16, she had secured her place on the U.S. Olympic track and field team and returned from the 1956 Melbourne Games with a bronze medal in the 4 X 100 relay.

She returned to the 1960 Rome Olympic games to compete and won gold in three events, the 100m, 200m, and the 4 x 100 relay. She achieved Olympic records in all of her Rome competitions. She wanted her victories to pay tribute to Jesse Owens, who had been her inspiration.

Wilma Rudolph next won two races at a U.S. – Soviet meet and then announced her retirement from track competition in 1962.

1963 proved to be a busy year. She married her high school sweetheart with whom she had four children. After retiring from amateur sports, Wilma was granted a full scholarship to Tennessee State University and thus began her studies in 1963. She completed her studies and earned her bachelor’s degree in elementary education. She later coached at Burt High School and then moved on to serve as a sports commentator.

Wilma Rudolph was decorated with multiple awards and honors. She was named United Press Athlete of the Year in 1960 and Associated Press Woman Athlete of the Year in 1960. In 1961 she won the James E. Sullivan Award as the top amateur athlete in the United States. Her father died in that same year. She was voted in and inducted into four different Halls of Fame: National Black Sports and Entertainment hall of Fame in 1973 and the National Track and Field Hall of Fame in 1974, U.S. Olympic Hall of Fame in1983, and National Women’s Hall of Fame in 1994.

Wilma published her autobiography Wilma, “The Story of Wilma Rudolph,” in 1977, which NBC made into a movie that same year.

Wilma Rudolph was diagnosed with brain and throat cancer in July of 1994. She died four months later at age 54, on November 12, 1994. She was survived by four children, eight grandchildren, and over 100 nieces and nephews.



 

KENNEDY MEETS WITH WILMA RUDOLPHPresident Kennedy chats in his White House office April 14, 1961, with Wilma Rudolph, winner of three gold medals in the 1960 Olympic games. Wilma, a student at Tennessee State, won the 100- and 200-meter races in Rome and was the anchor runner on the winning 400-meter relay team.

 

ED TEMPLE RYLAND HOSKINSA statue of Olympic track star Wilma Rudolph makes up a portion of the Tennessee Sports Hall of Fame as member Ed Temple, left, looks over the track and field section with Ryland Hoskins, during the grand opening in the Gaylord Entertainment Center in Nashville, Tenn., on Tuesday, Jan. 11, 2000.

hitesh-KMSRAJ51मैं श्री-हितेश नरेंद्र सिंह का आभारी हूं.

सफलता प्रेरक कहानी साझा करने के लिए.

Mr. Hitesh Narendra Singh

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कौन होते हैं मंगली?

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जानिए मंगली स्त्री-पुरुष से जुड़ी खास बातें

आज भी जब किसी स्त्री या पुरुष के विवाह के लिए कुंडली मिलान किया जाता है तो सबसे पहले देखा जाता है कि वह मंगली है या नहीं। ज्योतिष के अनुसार यदि कोई व्यक्ति मंगली है तो उसकी शादी किसी मंगली से ही की जानी चाहिए। इसके पीछे धारणाएं बताई गई हैं।
 
क्या आप जानते हैं मंगली शब्द किन लोगों के लिए उपयोग किया जाता है। किन कारणों से कोई स्त्री या पुरुष मंगली होते हैं? मंगली होने के प्रभाव क्या-क्या होते हैं? यदि आप इन प्रश्नों के उत्तर नहीं जानते हैं तो यहां जानिए मंगली शब्द से जुड़ी खास बातें…

मंगल से प्रभावित होते हैं मंगली

ज्योतिष के अनुसार मंगली लोगों पर मंगल ग्रह का विशेष प्रभाव होता है। यदि मंगल शुभ हो तो वह मंगली लोगों को मालामाल बना देता है। मंगली व्यक्ति अपने जीवन साथी से प्रेम-प्रसंग के संबंध में कुछ विशेष इच्छाएं रखते हैं, जिन्हें कोई मंगली जीवन साथी ही पूरा कर सकता है। इसी वजह से मंगली लोगों का विवाह किसी मंगली से ही किया जाता है।

कौन होते हैं मंगली?

कुंडली में कई प्रकार के दोष बताए गए हैं। इन्हीं दोषों में से एक है मंगल दोष। यह दोष जिस व्यक्ति की कुंडली में होता है वह मंगली कहलाता है। जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के 1, 4, 7, 8, 12 वें स्थान या भाव में मंगल स्थित हो तो वह व्यक्ति मंगली होता है।
 
मंगल के प्रभाव के कारण ऐसे लोग क्रोधी स्वभाव के होते हैं। ज्योतिष के अनुसार मंगली व्यक्ति की शादी मंगली से ही होना चाहिए। यदि मंगल अशुभ प्रभाव देने वाला है तो इसके दुष्प्रभाव से कई क्षेत्रों में हानि प्राप्त होती है। भूमि से संबंधित कार्य करने वालों को मंगल ग्रह की विशेष कृपा की आवश्यकता है।
 
मंगल देव की कृपा के बिना कोई व्यक्ति भी भूमि संबंधी कार्य में सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। मंगल से प्रभावित व्यक्ति अपनी धुन का पक्का होता है और किसी भी कार्य को बहुत अच्छे से पूर्ण करता है।
हमारे शरीर में सभी ग्रहों का अलग-अलग निवास स्थान बताया गया है। ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह हमारे रक्त में निवास करता है। 
Manglik-KMSRAJ51-

मंगली लोगों की खास बातें…

मंगली होने का विशेष गुण यह होता है कि मंगली कुंडली वाला व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी को पूर्ण निष्ठा से निभाता है। कठिन से कठिन कार्य वह समय से पूर्व  ही कर लेते हैं। नेतृत्व की क्षमता उनमें जन्मजात होती है।
ये लोग जल्दी किसी से घुलते-मिलते नहीं परंतु जब मिलते हैं तो पूर्णत: संबंध को निभाते हैं। अति महत्वाकांक्षी होने से इनके स्वभाव में क्रोध पाया जाता है। परंतु यह बहुत दयालु, क्षमा करने वाले तथा मानवतावादी होते हैं। गलत के आगे झुकना इनको पसंद नहीं होता और खुद भी गलती नहीं करते।
ये लोग उच्च पद, व्यवसायी, अभिभाषक, तांत्रिक, राजनीतिज्ञ, डॉक्टर, इंजीनियर सभी क्षेत्रों में यह विशेष योग्यता प्राप्त करते हैं। विपरित लिंग के लिए यह विशेष संवेदनशील रहते हैं, तथा उनसे कुछ विशेष आशा रखते हैं। इसी कारण मंगली कुंडली वालों का विवाह मंगली से ही किया जाता है।

ग्रहों का सेनापति है मंगल

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौ ग्रह बताए गए हैं जो कुंडली में अलग-अलग स्थितियों के अनुसार हमारा जीवन निर्धारित करते हैं। हमें जो भी सुख-दुख, खुशियां और सफलताएं या असफलताएं प्राप्त होती हैं, वह सभी ग्रहों की स्थिति के अनुसार मिलती है। इन नौ ग्रहों का सेनापति है मंगल ग्रह। मंगल ग्रह से ही संबंधित होते है मंगल दोष। मंगल दोष ही व्यक्ति को मंगली बनाता है।

पाप ग्रह है मंगल

मंगल ग्रह को पाप ग्रह माना जाता है। ज्योतिष में मंगल को अनुशासन प्रिय, घोर स्वाभिमानी, अत्यधिक कठोर माना गया है। सामान्यत: कठोरता दुख देने वाली ही होती है। मंगल की कठोरता के कारण ही इसे पाप ग्रह माना जाता है। मंगलदेव भूमि पुत्र हैं और यह परम मातृ भक्त हैं। इसी वजह से माता का सम्मान करने वाले सभी पुत्रों को विशेष फल प्रदान करते हैं। मंगल बुरे कार्य करने वाले लोगों को बहुत बुरे फल प्रदान करता है।

मंगल के प्रभाव

मंगल से प्रभावित कुंडली को दोषपूर्ण माना जाता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगल अशुभ फल देने वाला होता है उसका जीवन परेशानियों में व्यतीत होता है। अशुभ मंगल के प्रभाव की वजह से व्यक्ति को रक्त संबंधी बीमारियां होती हैं। साथ ही, मंगल के कारण संतान से दुख मिलता है, वैवाहिक जीवन परेशानियों भरा होता है, साहस नहीं होता, हमेशा तनाव बना रहता है।
 
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ज्यादा अशुभ प्रभाव देने वाला है तो वह बहुत कठिनाई से जीवन गुजरता है। मंगल उत्तेजित स्वभाव देता है, वह व्यक्ति हर कार्य उत्तेजना में करता है और अधिकांश समय असफलता ही प्राप्त करता है।
मंगल का ज्योतिष में महत्व: ज्योतिष में मंगल मुकदमा ऋण, झगड़ा, पेट की बीमारी, क्रोध, भूमि, भवन, मकान और माता का कारण होता है। मंगल देश प्रेम, साहस, सहिष्णुता, धैर्य, कठिन, परिस्थितियों एवं समस्याओं को हल करने की योग्यता तथा खतरों से सामना करने की ताकत देता है।
मंगल की शांति के उपाय: भगवान शिव की स्तुति करें। मूंगे को धारण करें। तांबा, सोना, गेहूं, लाल वस्त्र, लाल चंदन, लाल फूल, केशर, कस्तुरी, लाल बैल, मसूर की दाल, भूमि आदि का दान।

मांगलिक दोष में विवाह – (Marriage and Manglik Dosha)

कुण्डली में जब प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में मंगल होता है तब मंगलिक दोष (manglik dosha) लगता है.इस दोष को विवाह के लिए अशुभ माना जाता है.यह दोष जिनकी कुण्डली में हो उन्हें मंगली जीवनसाथी ही तलाश करनी चाहिए ऐसी मान्यता है.ज्योतिशास्त्र में कुछ नियम (astrological principles) बताए गये हैं जिससे वैवाहिक जीवन में मांगलिक दोष नहीं लगता है, आइये इसे देखें.

ज्योतिष विधा के अनुसार अगर कुण्डली में चतुर्थ और सप्तम भाव में मंगल मेष अथवा कर्क राशि के साथ योग बनाता है तो मंगली दोष लगता है (combination of Mars, Aries or Cancer and 4th or 7th house forms Manglik Dosha). इसी प्रकार द्वादश भाव में मंगल अगर मिथुन, कन्या, तुला या वृष राशि के साथ होता है तब भी यह दोष पीड़ित नहीं करता है. मंगल दोष उस स्थिति में प्रभावहीन होता है जबकि मंगल वक्री( retrograde Mars) हो या फिर नीच या अस्त(debilitated Mars).सप्तम भाव में अथवा लग्न स्थान (ascendant)में गुरू या फिर शुक्र स्वराशि (own sign)या उच्च राशि (exalted sign)में होता है तब मांगलिक दोष वैवाहिक जीवन में बाधक नहीं बनता है.

ज्योतिषशास्त्र के नियम के अनुसार अगर सप्तम भाव में स्थित मंगल पर बृहस्पति की दृष्टि(aspect of Jupiter on Mars) हो तो कुण्डली मांगलिक दोष से पीड़ित नहीं होती है .मंगल गुरू की राशि धनु अथवा मीन में हो (Mars in Jupiter’s sign, i.e. Sagittarius or Pisces) या राहु के साथ मंगल की युति (combination of Rahu and Mars) हो तो व्यक्ति चाहे तो अपनी पसंद के अनुसार किसी से भी विवाह कर सकता है क्योंकि वह मांगलिक दोष से मुक्त होता है.अगर जीवनसाथी में से एक की कुण्डली में मंगल दोष हो और दूसरे की कुण्डली में उसी भाव में पाप ग्रह(malefic planet) राहु या शनि स्थित हों तो मंगल दोष कट जाता है.इसी प्रकार का फल उस स्थिति में भी मिलता है जबकि जीवनसाथी में से एक की कुण्डली के तीसरे, छठे या ग्यारहवें भाव (3rd, 6th and 11th house) में पाप ग्रह राहु, मंगल या शनि मौजूद हों.

अगर कुण्डली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम एवं द्वादश भाव (1st, 4th, 7th, 8th and 12th house) में से किसी में मंगल मौजूद है और साथ में बृहस्पति या चन्द्रमा है तो मांगलिक दोष को लेकर परेशान नही होना चाहिए.चन्द्रमा अगर केन्द्र स्थान (center house)में है तब भी व्यक्ति को मांगलिक दोष से मुक्त समझना चाहिए.

मांगलिक दोष उपचार: (Remedies for Manglik Dosha)

अगर वर वधू की कुण्डली में इस प्रकार की ग्रह स्थिति नहीं है और मंगली दोष के कारण उससे शादी नहीं कर पा रहे हैं जिसे आप जीवनसाथी बनाने की इच्छा रखते हैं तब मंगलिक दोष के प्रभाव को कम करने के लिए कुछ उपचार कर सकते हैं.ज्योतिषशास्त्र में उपचार हेतु बताया गया है कि यदि वर मंगली (mangli)है और कन्या मंगली नहीं तो विवाह के समय वर जब वधू के साथ फेरे ले रहा हो तब पहले तुलसी के साथ फेरे ले ले इससे मंगल दोष तुलसी पर चला जाता है और वैवाहिक जीवन में मंगल बाधक नहीं बनता है.इसी प्रकार अगर कन्या मंगली है और वर मंगली नहीं है तो फेरे से पूर्व भगवान विष्णु के साथ अथवा केले के पेड़ के साथ कन्या के फेरे लगवा देने चाहिए.

जिनकी कुण्डली में मांगलिक दोष है वे अगर 28 वर्ष के पश्चात विवाह करते हैं तब मंगल वैवाहिक जीवन में अपना दुष्प्रभाव नहीं डालता है.मंगली व्यक्ति इन उपायों पर गौर करें तो मांगलिक दोष को लेकर मन में बैठा भय दूर हो सकता है और वैवाहिक जीवन में मंगल का भय भी नहीं रहता है.

Article-Source – Many Website(लेख के स्रोत – कई वेबसाइट)

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100 शब्द  या  10 शब्द – एक सफल जीवन के लिए –

(100 Word “or” Ten Word For A Successful Life )

“तू न हो निराश कभी मन से” किताब => लेखक कृष्ण मोहन सिंह (kmsraj51)

“अपने लक्ष्य को इतना महान बना दो, की  व्यथ॔ के लीये समय ही ना बचे” -Kmsraj51 

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कुछ भी आप के लिए संभव है ॥

जीवन मंदिर सा पावन हाे, बाताें में सुंदर सावन हाे।

स्वाथ॔ ना भटके पास ज़रा भी, हर दिन मानो वृंदावन हाे॥

~kmsraj51

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चैत्र शुक्लपक्ष प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्व।

Kmsraj51 की कलम से…..

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ϒ चैत्र शुक्लपक्ष प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्व। ϒ

आज 31 मार्च, 2014 (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा ) से संवत्सर 2071 से नए संवत्सर का उदय होगा। इस नए संवत्सर का नाम `प्लवंग’ है।

समय भागता हुआ वह कालपुरुष है, जिसके सिर के पीछे बाल नहीं हैं। इस दृष्टांत का तात्पर्य यह है कि समय को पकड़ पाना संभव नहीं है क्योंकि गतिमान होने के साथ-साथ वह अनंत और असीम है। किंतु हमारे त्रिकालदर्शी ऋषियों ने समय को मापने का भरपूर प्रयत्न किया था। उन्होंने समय की सर्वाधिक सूक्ष्म इकाई (त्रुटि) से लेकर महायुग, कल्प, ब्राह्म वर्ष आदि वृहद इकाईयों में समय की गणना करके काल का निर्धारण किया है। लगभग ढाई हजार वर्ष पूर्व भारतीय ज्योतिषियों ने ऋषि परंपरा के अनुरूप कालगणना की वैज्ञानिक पद्धति का विकास कर लिया था जो आज विश्व के वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणाप्रद है।

चैत्रे मासि जगद् ब्रह्म ससर्ज प्रथमे अहनि, शुक्ल पक्षे समग्रेतु तु सदा सूर्योदयो सति। ब्रह्म पुराण में वर्णित इस श्लोक के अनुसार चैत्र मास के प्रथम सूर्योदय पर ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। इसी दिन से विक्रमी संवत की शुरुआत होती है। आज भले ही ग्रेगेरियन कैलेंडर के अनुसार एक जनवरी को मनाया जाने वाला नववर्ष ज्यादा चर्चित हो, लेकिन इससे कहीं पहले से अस्तित्व में आया हिंदू विक्रमी संवत आज भी धार्मिक अनुष्ठानों और मांगलिक कार्यों में तिथि व काल की गणना का आधार बना हुआ है। अपनी सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासत को याद करते हुए एक नजर नवसंवत्सर पर-

  • खूबी ⇒
    विक्रमी संवत का संबंध किसी भी धर्म से न होकर सारे विश्व की प्रकृति, खगोल सिद्घांत और ब्रह्मांड के ग्रहों एवं नक्षत्रों से है। इसलिए भारतीय काल गणना पंथ निरपेक्ष होने के साथ सृष्टि की रचना और राष्टर की गौरवशाली परम्पराओं को दर्शाती है। यही नहीं, ब्रह्मांड के सबसे पुरातन ग्रंथ वेदों में भी इसका वर्णन है। नवसंवत यानी संवत्सरों का वर्णन यजुर्वेद के 27वें एवं 30वें अध्याय के मंत्र क्रमांक क्रमश: 45 व 15 मिनट में विस्तार से दिया गया है। विश्व में सौर मंडल के ग्रहों एवं नक्षत्रों के चाल, उनकी निरंतर बदलती स्थिति पर भी हमारे दिन, महीने, साल और उनके सूक्ष्मतम भाग आधारित होते हैं।
  • विक्रमी संवत ⇒
    ग्रेगेरियन कैलेंडर से अलग देश में कई संवत प्रचलित है। इसमें विक्रम संवत, शक संवत, बौद्घ एवं जैन संवत और तेलुगू संवत प्रमुख है। इन हर एक संवत का अपना एक नया साल होता है। देश में सर्वाधिक प्रचलित विक्रम और शक संवत है।
  • शुरुआत ⇒
    विक्रम संवत को सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने के उपलक्ष्य में 57 ईसा पूर्व शुरू किया था। विक्रम संवत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है। भारतीय पंचांग और काल निर्धारण का आधार विक्रम संवत है।
  • अपना ही श्रेष्ठ ⇒
    विक्रम संवत के वैज्ञानिक आधार के कारण ही पश्चिमी देशों की संस्कृति के अंधानुकरण के बावजूद आज भी हम किसी भी शुभ लग्न चाहे वह बच्चे के जन्म की बात हो, नामकरण की बात हो, गृह प्रवेश या व्यापार करने की बात हो, सभी में हम पंडित के पास जाकर शुभ मुहूर्त पूछते है।
  • राष्ट्रीय कैलेंडर ⇒
    आजादी के बाद नवंबर, 1952 में वैज्ञानिक और औद्योगिक परिषद के द्वारा पंचाग सुधार समिति की स्थापना की गई। समिति ने 1955 में सौंपी अपनी रिपोर्ट में विक्रमी संवत को भी स्वीकार करने की सिफारिश की थी, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आग्रह पर ग्रेगेरियत कैलेंडर को ही सरकारी कामकाज हेतु उपयुक्त मानकर 22 मार्च, 1957 को इसे राष्टï्रीय कैलेंडर के रूप में स्वीकार किया गया।
  • चैत्र शुक्लपक्ष प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्व ⇒
    – चैत्र शुक्लपक्ष प्रतिपदा से एक अरब 97 करोड़ 39 लाख 49 हजार 113 साल पहले इसी दिन को ब्रह्मा जी ने सृष्टि का सृजन किया था।
    – सम्राट विक्रमादित्य ने 2071 साल पहले इसी दिन राज्य स्थापित कर विक्रम संवत की शुरुआत की।
    – लंका में राक्षसों का संहार कर अयोध्या लौटे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का राज्याभिषेक इसी दिन किया गया।
    – शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात नवरात्र स्थापना का पहला दिन यही है। प्रभु राम के जन्मदिन रामनवमी से पूर्व नौ दिन उत्सव मनाने का प्रथम दिन।
    – शालिवाहन संवत्सर का प्रारंभ दिवस। विक्रमादित्य की भांति शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु इसी दिन का चयन किया।
    – समाज को अच्छे मार्ग पर ले जाने के लिए स्वामी दयानंद सरस्वती ने इसी दिन आर्य समाज की स्थापना की।
    – सिख परंपरा के द्वितीय गुरु अंगददेव का जन्म दिवस।
    – सिंध प्रांत के प्रसिद्घ समाज रक्षक वरुणावतार संत झूलेलाल इसी दिन प्रकट हुए।
    – युगाब्द संवत्सर का प्रथम दिन, 5116 वर्ष पूर्व युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ।
    – इसी दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव राव बलीराम हेडगेवार का जन्मदिवस भी है।
  • प्राकृतिक महत्व ⇒
    – वसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है, जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चहुं ओर पुष्पों की सुगंध से भरी होती है।
    – फसल पकने का प्रारंभ यानी किसान की मेहनत का फल मिलने का समय भी यही होता है।
    – नक्षत्र शुभ स्थिति में होते है। यानी किसी भी कार्य प्रारंभ करने के लिए शुभ मुहूर्त होता है।

TIME LINE - KMSRAJ51

Post Inspired by : Poojya Acharya Bal Krishan Ji Maharaj
Bal Krishna Ji-2

Bal Krishna Ji

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Krishna Mohan Singh(KMS)
Editor in Chief, Founder & CEO
of,,  https://kmsraj51.com/

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं। ~ कृष्ण मोहन सिंह(KMS)

 ~Kmsraj51

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– कुछ उपयोगी पोस्ट सफल जीवन से संबंधित –

* विचारों की शक्ति-(The Power of Thoughts)

* अपनी आदतों को कैसे बदलें।

निश्चित सफलता के २१ सूत्र।

क्या करें – क्या ना करें।

∗ जीवन परिवर्तक 51 सकारात्मक Quotes of KMSRAJ51

* विचारों का स्तर श्रेष्ठ व पवित्र हो।

* अच्छी आदतें कैसे डालें।

KMSRAJ51 के महान विचार हिंदी में।

* खुश रहने के तरीके हिन्दी में।

* अपनी खुद की किस्मत बनाओ।

* सकारात्‍मक सोच है जीवन का सक्‍सेस मंत्र 

* चांदी की छड़ी।

kmsraj51- C Y M T

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्सािहत करते हैं।”

In English

Amazing changes the conversation yourself can be brought tolife by. By doing this you Recognize hidden within the buraiyaensolar radiation, and encourage good solar radiation to becomethemselves.

 ~KMSRAJ51 (“तू ना हो निराश कभी मन से” किताब से)

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”

~KMSRAJ51

 

 

 

101 दिलचस्प तथ्य।

Kmsraj51 की कलम से…..

CYMT-KMSRAJ51-4

ϒ 101 दिलचस्प तथ्य। ϒ

  • hanaintro11. फिलिपिन्स में पाया जाने वाला बोया पक्षी प्रकाश में रहने का इतना शौकीन होता है कि अपने घोंसले के चारो और जुगनु भरकर लटका देता है।
  • 2. वेटिकनसिटी दुनिया का सबसे छोटा देश है इसका क्षेत्रफल 0.2 वर्ग मील है और इसकी आबादी लगभग 770 है. इनमें से कोई भी इसका परमानेंट नागरिक नही है।
  • 3. नील आर्मस्ट्राँग ने सबसे पहले अपना बाँया पैर चँद्रमा पर रखा था और उस समय उनके दिल की धड़कन 156 बार प्रति मिनट थी।
  • 4. धरती के गुरूत्वाकर्षण के कारण पर्वतों का 15,000 मीटर से ऊँचा होना संभव नही है।
  • 5. रोम दुनिया का वो शहर है जिसकी आबादी ने सबसे पहले 10 लाख का आकड़ा पार किया था।
  • 6.  1992 के क्रिकेट विश्वकप में इंग्लैंड को हराते हुए जिम्बाब्वे ने बड़ा उल्टफेर कर दिया था। पहले बल्लेबाजी करते हुए जिम्बाब्वे ने सिर्फ 134 रन बनाए और इंग्लैंड का काम आसान कर दिया लेकिन हुआ ऐसा नही, इंग्लैंड की टीम 125 रन पर ही ढेर हो गई।
  • 7.  269 मीटर की ऊँचाई वाले टाइटैनिक को अगर सीधा खड़ा कर दिया जाए तो यह अपने समय की हर इमारत से ऊँचा होता।
  • 8. टाइटैनिक की चिमनिया इतनी बड़ी थी कि इनमें से दो ट्रेने गुजर सकती थी।
  • 9. सिगरेट लाइटर की खोज माचिस से पहले हुई थी।
  • 10. हमारे ऊँगलीयों के निशानों की तरह हमारी जुबान के भी निशान भिन्न होते है।
  • 11. विश्व में अभी भी 30 प्रतीशत लोग ऐसे है जिन्होंने कभी मोबाइल का प्रयोग नही किया।
  • 12. औसतन हर दिन 12 नव-जन्में बच्चे किसी ओर मां-बाप को दें दिए जाते हैं।
  • 13. आईसलैंड में पालतू कुत्ता रखना क़ानून के विरूद्ध है।
  • 14. Righted-handed लोग औसतन left-handed लोगों से 9 साल ज्यादा जीते हैं।
  • 15. शहद एक एकलौता ऐसा खाद्य पदार्थ है जो कि हजारों सालों तक खराब नही होता। Egypt के पिरामिडों में फैरो बादशाह की क्रब में पाया गया शहद जब खोजी वैज्ञानिकों द्वारा चखा गया तब भी वह उतना हीस्वादिष्ट था। बस उसे थोडा गरम करने की जरूरत थी।
  • 16. एक औसतन लैड की पेंसिल से अगर एक लाइन खींची जाए तो वह 35 किलोमीटर लंम्बी होगी जिससे 50,000 अंग्रेजी शब्द लिखें जा सकते है।
  • 17. एक समुद्री केकडे का दिल उसके सिर में होता है।
  • 18. गोरिल्ला एक दिन मे ज्यादा से ज्यादा 14 घंटे सोते है।
  • 19. हर साल लोग साँपों के ज्यादा मधु मक्खियों द्वारा काटे जाने से मारे जाते है।
  • 20. कुछ कीड़े भोजन ना मिलने पर खुद को ही खा जाते हैं।
  • 21. कुछ शेर दिन में 50 बार सहवास करते है।
  • 22. तितलियाँ किसी वस्तु का स्वाद अपने पैरों से चखती है।
  • 23. 1386 ईसवी में फ्रांस में लोगो द्वारा एक सुअर को एक बच्चे के क़त्ल के दोष में फाँसी पर लटका दिया गया था।
  • 24.  मानव गर्भनिरोधक गोलियां गोरिल्ला पर भी काम करती है।
  • 25. एक गिलहरी की उम्र 9 साल तक होती है।
  • 26. क्या आप जानते है छिपकली का दिल 1 मिनट में 1000 बार धड़कता है।
  • 27. अगर एक बिच्छू पर थोड़ी सी मात्रा में भी शराब या रस डाल दिया जाए तो यह पागल हो जाएगा और खुद को डंक मार लेगा।
  • 28. एक औसत मनुषय के लिए अपनी ही कुहनी चाट पाना असंभव है।
  • 29. जो लोग इस को पढ़ रहे है उन में से 75 % से ज्यादा लोग अपनी कुहनी चाटने की कोशिश करेगे।
  • 30. अगर आप जोर से छीके तो आप अपनी पसली तुडवा सकते हैं।
  • 31. अगर आप छीकते वक्त अपनी आँखे जोर से खुली रखने की कोशिश करे तो आप की eyeball (डेला) तिडक सकता है।
  • 32.  सिर्फ एक घंटा हेडफोन लगाने से हमारे कानो में जीवाणुयों की तादाद 700 गुना बढ़ जाती है।
  • 33. पूरे जीवन काल के दौरान नीद में आप भिन्न-भिन्न तरह के 70 कीट और 10 मकडीयाँ खा जाते है।
  • 34. आपका दिल एक दिन में लगभग 100,000 बार धडकता है।
  • 35. आप के शरीर की लगभग 25 फीसदी हड़डियाँ आप के पैरों में होती हैं।
  • 36. ऊगलियों के नाखुन पैरों के नाखुनों से 4 गुना ज्यादा जलदी बढ़ते हैं।
  • 37. आप 300 हड़डियों के साथ जन्म लेते है., पर 18 साल तक होतो-होते आप की हड़डियाँ जुड़ कर 206 रह जाती हैं।
  • 38. एक औसतन ईन्सान दिन में 10 बार हसता है।
  • 39. छीकते समय आँखे खुली रख पाना नामुनकिन है और छीकते समय दिल की गती एक मिली सेंकेड के लिए रुक जाती है।
  • 40. “Rhythm”(लय) vowel के बिना इंग्लिस का सबसे बड़ा शब्द है।
  • 41. “TYPEWRITER” सबसे लंम्बा शब्द है जो कि keyboard पर एक ही लाइन पर टाइप होता है।
  • 42. “Uncopyrightable” एकलौता 15 अक्षरो वाला शब्द है जिसमे कोई भी अक्षर दुबारा नही आता।
  • 43. “Forty” एकलौती संख्या है जिसके अक्षर alphabetical order के अनुसार जबकि ‘one” के alphabetical order से उलट हैं।
  • 44. इंग्लिस के शब्द ‘therein’ से सात सार्थक शब्द निकाले जा सकते है – the,there,he,in,rein(लगाम), her, here, ere(शीघ्र), therein, और herein(इसमे)।
  • 45. Albert Einstein के अनुसार हम रात को आकाश में लाखों तारे देखते है उस जगह नही होते ब्लकि कही और होते है. हमें तों उनके द्वारा छोडा गया कई लाख प्रकाश साल पहले का प्रकाश होता है।
  • 46. ज्यादातर विज्ञापनो में घड़ी पर 10 बज कर 10 मिनट का समय दिखाया जाया जाता है।
  • 47. पुरूषों की shirts के बटन Right side पर जबकि औरतो left side के पर होते हैं।
  • 48. चमगादड गुफा से निकलते समय हमेसा बाएँ हाथ मुडते है।
  • 49. लगभग 100 चमगादड़ मिल के एक साल में 25 गाय का खून पी जाते हैं।
  • 50. अगर एक आदमी सात दिनो के लिए कही बाहर जाता है तो वह पाँच दिन के कपड़े पैक करता है. मगर जब एक औरत सात दिन के टूर पर जाती है तो वह लगभग 21 सूट पैक करती है क्योकि वह यह नही जानती कि हर दिन उसे क्या पहनने को दिल करेगा।
  • 51. 100 की उम्र के पार पहुँचने वालो में से 5 में से 4 औरते होती हैं।

Indian Flag

  • 52. जिन लोगो कि शरीर पर तिलों की संख्या ज्यादा होती है वह औसतन कम तिल वाले लोगो से ज्यादा जीते हैं।
  • 53. कुत्ते और बिल्लीयाँ भी मनुष्य की तरह left या right-handed होते है।
  • 54. इतिहास में सबसे छोटा युद्ध 1896 में England और Zanzibar के बीच हुआ. जिसमें Zanzibar ने 38 मिन्ट बाद ही सरेंडर कर दिया था।
  • 55. फेसबुक पर 10 या उससे अधिक likes वाले 4 करोड़ 20 लाख पेज है।
  • 56. फेसबुक के 43 प्रतिशत users पुरुष है वहीं 57 फीसदी महिलाएं।
  • 57. यदि कोई व्यक्ति हर वेबसाइट को मात्र एक मिनट तक ब्राउज़ करे तो उसे सारी वेबसाइटें खंगालने में 31000 वर्ष लगेंगे। यदि कोई व्यक्ति सारे वेबपन्ने पढना चाहे तो उसे ऐसा करने में करीब 6,00,00,000 दशक लगेंगे।
  • 58. दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट का मैदान हिमाचल प्रदेश के चायल नामक स्‍थान पर है। इसे समुद्री सतह से 2444 मीटर की ऊंचाई पर भूमि को समतल बना कर 1893 में तैयार किया गया था।
  • 59. व्यक्ति खाना खाए बिना कई हफ्ते गुजार सकता है, लेकिन सोए बिना केवल 11 दिन रह सकता है।
  • 60. जिस हाथ से आप लिखते हैं, उसकी उंगलियों के नाखून ज्यादा तेजी से बढ़ते हैं।
  • 61. हमारे शरीर में लोहा भी होता है इतना कि एक शरीर से प्राप्त लोहे से एक इंच की कील भी तैयार की जा सकती है।
  • 62. एक सामान्य मनुष्य अपने पूरे जीवनकाल में भूमध्य रेखा के पाँच बार चक्करलगाने जितना चलता है। यह लगभग 2 लाख किलोमीटर बनता है।
  • 63. भास्‍कराचार्य ने खगोल शास्‍त्र के कई सौ साल पहले पृथ्‍वी द्वारा सूर्य के चारों ओर चक्‍कर लगाने में लगने वाले सही समय की गणना की थी। उनकी गणना के अनुसार सूर्य की परिक्रमा में पृथ्‍वी को 365258756484 दिन का समय लगता है।
  • 64. वाराणसी, जिसे बनारस के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन शहर है जब भगवान बुद्ध ने 500 बी सी में यहां आगमन किया और यह आज विश्‍व का सबसे पुराना और निरंतर आगे बढ़ने वाला शहर है।
  • 65. भारत 17वीं शताब्‍दी के आरंभ तक ब्रिटिश राज्‍य आने से पहले सबसे सम्‍पन्‍न देश था। क्रिस्‍टोफर कोलम्‍बस भारत की सम्‍पन्‍नता से आकर्षित हो कर भारत आने का समुद्री मार्ग खोजने चला और उसने गलती से अमेरिका को खोज लिया।
  • 66. संस्कृत सभी उच्च भाषाओं की जननी माना जाता है। क्योंकि यह कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के लिए सबसे सटीक है, और इसलिए उपयुक्त भाषा है।
  • 67. 70% फीसदी लिवर, 80 फीसदी आंत और एक किडनी बगैर भी इंसान जिंदा रह सकता है।
  • 68. कुर्सी पर बैठ कर अपने दाएं पैर से गोला बनाइये और साथ ही अपने दाएं हाथ से हवा में 6 लिखिए , आपके पैरों की दिशा बदल जाएगी।
  • 69. मुंबई के ब्रेबॅार्न स्टेडियम में 1988 में खेल One day अभ्यास मैच में सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तान के लिए फ़ीलि्डिंग की थी।
  • 70. गुगल से 10 अरब से अधिक पेज जुडे हुए है जो हर 19 महीने में दुगने हो जाते है।
  • 71. Internet में 80% प्रतीशत ट्रेफिक सर्च इंजनो की वजह से आता है।
  • 72. हम शाम के मुकाबले सुबह लगभग 1 cm लम्बे होते हैं।
  • 73. सपनो में हम सिर्फ वही चीजें देख सकते हैं जो हम पहले से देख चुके हैं।
  • 74. अफजल खान की एक बीवी ने उसे शिवाजी की शरण जाने को कहा तो अफजल खान इतना भड़क गया कि उसने अपनी पूरी 63 बीवीयो को मार कर एक कुवे में फेक दिया।
  • 75. गरम पानी ठन्डे पानी से पहले बर्फ में बदल जाता है।
  • 76. अगर पृथ्वी को सेब के आकार का बना दे तो पृथ्वी के ऊपर वायुमंडल केवल उसके छिलके के बराबर है।
  • 77. टाइटैनिक जहाज को बनाने को लिए उस समय 35 करोड़ 70 लाख रूपये लगे थे जब कि टाइटैनिक फिलम बनाने के लिए 1000 करोड़ के लगभग लागत आई।
  • 78. बिल गेट्स हर सेकेण्ड में करीब 12000 रुपये कमाते हैं यानि एक दिन में करीब 102 करोड़ रूपये।
  • 79. राष्ट्रपति जार्ज बुश ने एक बार जापानी प्रधानमंन्त्री की कुर्सी पर उल्टी कर दी थी।
  • 80. चीन में एक 17 साल के लड़के ने iPad2 और iPhone के लिए अपनी kidney बेच दी थी।
  • 81. धरती पे जितना भार सारी चीटीयों का है उतना ही सारे मनुष्यो का है।
  • 82. Octopus के तीन दिल होते हैं।
  • 83. सिर्फ मादा मच्छर ही आपका ख़ून चूसती हैं। नर मच्छर सिर्फ आवाजे करते हैं।
  • 84. ब्लु वेहल एक साँस में 2000 गुबारो जितनी हवा खिचती है और बाहर निकालती है।
  • 85. मछलियों की याद आैसत सिर्फ कुछ सेकेंड की होती है।
  • 86. पैराशूट की खोज हवाईजहाज से 1 सदी पहले हुई थी।

air

  • 87. कंगारु उल्टा नही चल सकते।
  • 88. चीन में आप किसी व्यकित को 100 रूपया प्रति घंटा अपनी जगह लाइन में लगने के लिए कह सकते है।
  • 89. Facebook उपयोग करने वाली सबसे बुजुर्ग मनुष्य 105 साल की एक महिला है जिसका नाम Lillion Lowe है चीन में आप किसी व्यक्ति को 100 रूपया प्रति घंटा अपनी जगह लाइन में लगने के लिए कह सकते है।
  • 90. ग्रीक और बुलगागिया में एक युद्ध सिर्फ इसलिए लड़ा गया था क्योंकि एक कुत्ता उनका border पार कर गया था।
  • 91.  1894 में जो सबसे पहला कैमरा बना था उससे आपको अपनी फोटो खीचने के लिए उसके सामने 8 घंटे तक बैठना पड़ेगा।
  • 92. आप को कभी भी यह याद नही रहेगा कि आपका सपना कहा से शुरू हुआ था।
  • 93. Keyboard पर टॅायलेट सीट से 60 गुना ज्यादा germs होते है।
  • 94. हर साल 4 लोग अपनी पैंट बदलते समय अपनी जान गवा देते हैं।
  • 95. फेसबुक संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने यूनिवर्सिटी में पढाई के दौरान Facemash नाम से वेबसाईट बनाई थी बाद में इसी का नाम Facebook कर दिया गया।
  • 96. Abraham Lincoln जब Depression(अवसाद) से गुजर रहे थे तो वह चाकू-छूरों से दूर रहते थे, उन्हें डर था कि वह खुद को मार न ले।
  • 97. लोग सबसे ज्यादा तेज फैसले तब लेते है जब वह वीडियो गेम खेल रहे होते हैं।
  • 98. हर साल दो मिनट ऐसे होते है जिन्में 61 सैकेंड होते हैं।
  • 99. आम तौर पे Classes में पढ़ाया जाता है कि प्रकाश की गति 3 लाख किलोमीटर/सैकेंड होती है पर असल में यह गति 2,99,792 होती है।
  • 100. हर सैकेंड 100 बार आसमानी बिजली धरती पर गिरती है।
  • 101. Kiss करने से ज्यादा हाथ मिलाते समय germs एक दुसरे को ट्रान्सफर होते हैं।

साभार : http://www.achhikhabar.com/ (Thanks to AKC & Mr. Gopal Mishra Ji).

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्सािहत करते हैं।”

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गज़ल – Gazal !!

Happy Anniversary!!
anniversary-1x

09-March-2013 to 09-March-2014

https://kmsraj51.wordpress.com/

kmsraj51 की कलम से …..

anniversary-1x

गज़ल

बात चलेगी धीरे-धीरे.
रात ढ़लेगी धीरे-धीरे.

गीली लकड़ी इंतज़ार की,
आँख जलेगी धीरे-धीरे.

गर रिश्तों पर बर्फ जमी तो,
साँस गलेगी धीरे-धीरे.

एक दुआ लब पर शिकवों के,
साथ पलेगी धीरे-धीरे.

लेकर चाँद का भोला चेहरा,
रात छलेगी धीरे- धीरे.

ख़्वाब फ़लक पे बौरायेंगें,
याद फलेगी धीरे-धीरे.


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FATHER – पिता !!

Happy Anniversary!!
anniversary-1x

kmsraj51 की कलम से …..

f s

पिता

पुराने वक्तों के हैं पिता
उन वक्तों के
जब हवा में घुल गयी थी दहशत
खिलखिलाहटें, फुसफुसाहटों में
और शोर सन्नाटे में बदल रहा था
पाक पट्टन के स्कूलों में ।

बंटवारे की चर्चा जो पहले उड़ती थी
चाय की चुस्कियों के साथ
अब हकीकत नजर आने लगी थी
तब किशोर थे पिता,
नफरत की आग घरों तक पहुँच चुकी थी
पलक झपकते ही आपसी सौहार्द का पुल
विघटन की खाई में बदल गया था ।

पुश्तों से साथ रहते आये गाँव तथा परिवार
ढह गए थे ऐसे जैसे कोई दरख्त जड़ों सहित
उखाड़ दिया गया हो,
जलते हुए मकान, संगीनों की नोक पर
टंगे बच्चे, बेपर्दा की जा रहीं औरतें ।

रातोंरात भागना पड़ा था उन्हें
औरतों व बच्चों को मध्य में कर
घेर कर चारों ओर से वृद्ध, जवान पुरुष
बढ़ते गए मीलों की यात्रा कर
कारवां बड़ा होता गया जब जुटते गए गाँव के गाँव..

….और फिर दिखायी पड़ी भारत की सीमा
जो था अपना पराया हो गया देखते-देखते
खून की गंध थी हवा में यहाँ भी
दिलों में खौफ, पर जीवन अपनी कीमत मांग रहा था,
पेट में भूख तब भी लगती थी
…कहते-कहते लौट जाते हैं (अब वृद्ध हो चले पिता)
पुराने वक्तों में… कि सड़कों के किनारे मूंगफली
बेचते रहे, गर्म पुराने कपड़ों की लगाई दुकान
और कम्पाउडरी भी की
फिर पा गए जब तहसील में एक छोटी सी नौकरी,
हाईस्कूल की परीक्षा के लिये
सड़क के लैम्प के नीचे की पढ़ाई
पुरानी मांगी हुई किताबों से
और बताते हुए बढ़ जाती है आँखों की चमक
पास हुए प्रथम श्रेणी में,
भारत सरकार के डाकविभाग में बने बाबू
और सीढ़ियां दर सीढ़ियां चढ़ते
जब सेवानिवृत्त हुए तो सक्षम थे
एक आरामदेह बुढ़ापे की गुजरबसर में,
पर रह रह कर कलेजे में कोई टीस उभर आती है
जब याद आ जाती है कोई बीमार बच्ची
जिसे छोड़ आये थे रास्ते में उसके मातापिता,
एक बूढी औरत जो दम तोड़ गयी थी पानी के बिना ।
दिल में कैद हैं आज भी वह चीखोपुकार
वह बेबसी भरे हालात
आदमी की बेवकूफी की इससे बड़ी मिसाल क्या होगी ।
पिता ऊपर से संतुष्ट नजर आते हैं
पर भीतर सवाल अब भी खड़े हैं !
__________________________

Note::-
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Wi-Fi and Mobile Broadband !!

Happy Anniversary!
anniversary-1x09-March-2013 to 09-March-2014
https://kmsraj51.wordpress.com/


kmsraj51 की कलम से …..
PEN KMSRAJ51-PEN


Wi-Fi and Mobile Broadband – Component Guideline
Keep your laptop connected with the right wireless options
TECHNOLOGY

For a while now, Wi-Fi has been an inalienable right for notebook owners. But that’s not the end of the story when it comes to wireless connectivity. Aside from choosing between different standards of Wi-Fi, many users purchase mobile broadband subscriptions to get Internet access from the road. Read on to figure out just how much connectivity you need.

=> Types of Wi-Fi

Whether you buy a 10-inch net book or an 18-inch desktop replacement, your laptop will definitely have Wi-Fi. This means that, provided you’re located within range of a router (and know the password, if there is one), you can get online without the aid of an Ethernet cable.

The two main Wi-Fi standards today are 802.11n (wireless-N) and the older 802.11g (wireless-G). Many budget models still offer 802.11g as the base configuration option, but there are other low-cost notebooks, particularly preconfigured models designed for stores such as Best Buy, that have wireless-N.

802.11g supports speeds up to 54 Mbps. This is fine for everyday Internet use, such as checking e-mail and surfing the Web, because this is much faster than even the fastest broadband connection.

802.11n supports speeds over 100 Mbps. Unlike 802.11g, which runs only on the 2.4-GHz spectrum, 802.11n can run on either the 2.4-GHz or 5.0-GHz spectrum. This means it can work with dual-band routers, which reserve low-intensity tasks (such as e-mail) for the 2.4-GHz band, and higher-intensity ones (such as streaming HD video) for the 5.0-GHz band.

If your needs are basic and you want to cut every corner, you’ll likely be satisfied with 802.11g. But since 802.11n only costs around $25 more, you might want to consider upgrading to future-proof your notebook. If you’re interested in wirelessly streaming video, particularly high-def content, between devices in your home, 802.11n is a must.

Q. Do You Need Mobile Broadband?

Ans =>
Mobile broadband allows you to get online anywhere; it doesn’t matter if you happen to be near a router. If this sounds like the kind of Internet connection you’re used to getting on your smart phone, well, there’s a reason for that. Mobile broadband subscriptions are sold through the same carriers—AT&T, Sprint, Verizon Wireless, and, lately, T-Mobile—that operate cell phones (more later on the technology behind mobile broadband).
If you frequently need Internet connectivity outside of your home or office, you will have difficulty relying on your Wi-Fi card alone; free public Wi-Fi can be hard to come by, and you can’t always find a paid hotspot, either. On the other hand, mobile broadband connections are not as fast as Wi-Fi, and monthly subscription fees (typically $60 for 5GB per month) can be steep. So get mobile broadband only if you really need it.

– Choosing the Right Mobile Broadband Service

There are two major technologies propelling mobile broadband: Evolution Data-Optimized (EV-DO) and High Speed Packet Access (HSPA). Sprint and Verizon Wireless employ EV-DO; AT&T and T-Mobile, HSPA. Although the end user won’t notice much (if any) difference in upload and download speeds, they have different hardware structures, so an adapter made for one won’t work with another. No matter which provider you choose, you should expect speeds of 600 kbps to 1 Mbps for downloading and 500 to 700 Kbps for uploading.
The primary factors you should consider when choosing a mobile broadband provider are coverage, price, and contract terms. Look at coverage maps from the providers you’re considering and see if they match up with areas to which you frequently travel. To avoid overage charges, get a data plan that provides at least 5GB per month of transfer.
If you want the freedom to easily change between carriers, a relatively new technology called Gobi allows users the option of using either EV-DO- or HSPA-enabled mobile broadband cards. You’re most likely to find this offered in business notebooks (HP, for example, offers it in many of its SMB laptops). That’s good news for businesses that don’t want to commit to a carrier or piece of hardware for any specified length of time.

– Mobile Broadband Cards and Adapters

When you purchase mobile broadband, you need to decide what type of adapter you want: integrated (internal) or external. Each has its advantages.
Internal cards, which need to be installed by the manufacturer when the notebook is built, are convenient because they don’t stick out or use up one of your system’s ports. However, getting an internal card is more expensive than an external one, most notebooks aren’t available with integrated broadband cards, and if you get one you are locked into using one service provider on that notebook.
If you buy an external adapter, you can use it on any notebook in the world. You even have the liberty of unplugging it, and installing the software on another laptop—a useful scenario if you have primary and secondary PCs, or if there is more than one notebook in your household.
External adapters are available in ExpressCard or USB flash drive form factors. ExpressCard adapters don’t stick out as much, but many notebooks don’t support them, so USB is usually a better option.

Q. What is Mobile WiMAX and Do You Need it?

Ans =>
Whereas most mobile broadband options today run on the same 3G network as phones, the next generation of mobile broadband, called Mobile WiMAX, is already being rolled out. WiMAX, often dubbed 4G for short, boasts faster speeds than 3G: 3 to 6 Mbps, to be exact.
Right now, the service is only available in select cities, such as Baltimore and Las Vegas. But if you’re in those areas, you can buy a 2GB monthly pass for just $35, a significantly lower price than what you’d pay for a 3G card with a 5GB monthly allowance. Moreover, the penalty for exceeding that bandwidth cap is $10 per gigabyte, whereas it would be more than $50 if you went overboard with a 3G card. In our hands-on testing, we’ve been impressed with the swiftness of downloads, although not necessarily the upload speeds. For now, though, unless you live in a WiMAX-enabled city, it’s not an option.

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मत करो हतोत्साहित अपने शब्दों से -A Message To All- !!


kmsraj51 की कलम से …..
PEN KMSRAJ51-PEN



“मत करो हतोत्साहित अपने शब्दों से ……आने वाली नयी पीढ़ी को ,
वो भी करेंगे कुछ ऐसा एक दिन…. जिसे देखेगा ज़माना ….पकड़ती हुई नयी सीढ़ी को ॥”


future

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क्यों बचें Facebook से ? 7 reasons !!

kmsraj51 की कलम से …..


Facebook (Fb) world की दूसरी सबसे ज्यादा visit की जाने वाली site है …(पहली Google है ).

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इसे बनाने वाले दुनिया के youngest billionaire Mark Zukerberg ने भी कभी नहीं सोचा था की ये इतनी जल्दी इतनी popular हो जाएगी . In fact , अगर आप Fb पे नहीं हैं तो लोग आपको आश्चर्य से देखते हैं . ..” Fb पे नहीं है ………….जी कैसे रहा है …… 🙂 !!!” and all that.

आज Fb पे 1 billion+ registered user हैं, यानि दुनिया का हर सातवाँ आदमी Fb पे है and in all probability आप भी उन्ही में से एक होंगे . और शौक से Fb use करते होंगे . पर जो सोचने की बात है वो ये कि क्या आप Fb use करते ; overuse करते हैं …या फिर कहीं आप इसके addict तो नहीं !

Let’s say use करने का मतलब है कि आप Fb पर daily 1 घंटे से कम समय देते हैं , और overuse करने का मतलब है 1 घंटे से ज्यादा . और हाँ , use करने से बस ये मतलब नहीं है कि आप physically system के सामने या अपने smart phone को हाथ में लेकर use करते हैं even अगर आप Fb के बारे में सोचते हैं तो वो भी time usage में count होगा after all वो उतने देर के लिए आपका mind space occupy कर रहा है .

और अगर आप सोच रहे हैं कि कहीं मैं addict तो नहीं हूँ तो इन traits को देखिये , अगर ये आपमें हैं तो आप addict हो सकते हैं :

आप का दिमाग अकसर इसी बात में लगा रहता है कि आपकी पोस्ट की गयी चीजों पर क्या कमेंट आया होगा, कितने लोगों ने लाइक किया होगा.
आप बिना मतलब बार-बार फेसबुक स्क्रीन रिफ्रेश करते हैं कि कुछ नया दिख जाए.
अगर थोड़ी देर आपका internet नहीं चला तो आप updates चेक करने साइबर कैफे चले जाते हैं या दोस्त को फ़ोन करके पूछते हैं.
आप टॉयलेट में भी मोबाइल या लैपटॉप लेकर जाते हैं कि Fb use कर सकें
आप सोने जाने से पहले सभी को Good Night करते हैं और सुबह उठ कर सबसे पहले ये देखते हैं की आपकी गुड नाईट पर क्या reactions आये.
अब मैं आपको अपने usage के बारे में बताता हूँ , on an average मैं daily 10 minutes से भी कम Fb use करता हूँ including Fb के बारे में सोचने का time. हाँ, इसे आप under usage भी कह सकते हैं . 🙂 In my opinion ideally Fb आधे घंटे से अधिक नहीं use करना चाहिए पर फिर भी मैंने over usage को 1 घंटे से ऊपर रखा है .

और अब आपकी बात करते हैं , आप कितनी देर Fb use करते हैं ?

Well, अगर ये daily 1/2 घंटे से अधिक है तो आप अपना time waste कर रहे हैं , unless until आप purposefully ऐसा कर रहे हैं . Purposefully means आप अपना बिज़नस प्रमोट कर रहे हैं, किसी social cause के लिए campaign चला रहे हैं या कोई और meaningful काम कर रहे हैं , इन cases में अपना टाइम देना worth है .

किस तरह के लोग Fb ज़रुरत से अधिक use करते हैं :

In my opinion :

• जिनके पास कोई meaningful goal नहीं है …… the wanderers

• जो लोगोंका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं करना चाहते हैं ….the attention seekers.

• जो अपनी life से अधिक दूसरों की life में interest रखते हैं …..the peepers

क्या नुकसान कर सकता है Facebook का over usage ?

इसकी लिस्ट तो बहुत लम्बी है लेकिन आज मैं आपके साथ 7 ऐसे points share कर रहा हूँ , तो आइये देखते हैं इन्हें :

1) आप unknowingly अपनी happiness का control दूसरों को दे देते हैं ?

कैसे ? दरअसल अब आपकी happiness इस बात पर depend करने लगती है कि Fb पे आपकी बातों , आपकी pics को कितने लोग like कर रहे हैं , कितने लोग उसपर comments कर रहे हैं …कैसे comments कर रहे हैं …etc. For instance आपने एक नई watch ली और उसकी photo post की …obviously आपको watch बहुत पसंद थी इसलिए आपने ली …पर जब Fb पे उसे अधिक लोग like नहीं करते और कोई उसका मज़ाक बना देता है तो आप दुखी हो जाते हैं . और उसका उल्टा भी सही है …आप को कोई चीज पसंद नहीं है पर बाकी लोग उसको अच्छा कह देते हैं तो आप खुश हो जाते हैं …so in a way आप अपनी happiness का control अपने Fb friends को दे देते हैं . मैं ये नहीं कहता कि ये सभी के साथ होता है पर इतना ज़रूर है कि हम कहीं न कहीं इन चीजों से affect होते हैं .

And over a long period of time ये छोटे छोटे इफेक्ट्स बड़े होते जाते हैं और हमें पता भी नहीं चलता कि हम अपना real self कहाँ छोड़ आये.

2) आपको दूसरों की blessings और अपनी shortcomings दिखाई देने लगती है ?

Fb पर लोग generally अपनी life की अच्छी अच्छी बातें ही share करते हैं …लोग अपने साथ हो रही अच्छी चीजें बताते हैं , उनके status कुछ ऐसे होते हैं “ My new machine” , “ Lost in London”..etc

In reality आप भी ऐसा ही करते हैं , पर अन्दर ही अन्दर आप अपनी असलीयत भी जानते हैं , पर दूसरों के case में आप वही देखते हैं जो वो आपको दिखाते हैं , आपको उनकी नई car नज़र आती है पर उसके साथ आने वाला EMI नहीं , आपको friend का swanky office तो दीखता है पर उसके साथ मिलने वाली tension नहीं . और ऐसा होने पर आप उनकी खुशियों को अपने ग़मों से compare करने लगते हैं और ultimately low feel करने लगते हैं .

Fb की वजह से depression में जाने वालों की संख्या दिन ब दिन बढती जा रही है , just beware कि आप भी इसके शिकार न हो जाएं .

3) Real Friends और relationships suffer करते हैं :

कई बार लोग बहुत proudly बताते हैं , “ Fb पे मेरे 500 friends हैं …” I am sure उनमे से आधे अगर सामने से गुजर जाएं तो वो उन्हें पहचान भी नहीं पायंगे . हकीकत में Fb पे हमारे friends कम और acquaintances ज्यादा होते हैं . खैर ये कोई खराब बात नहीं है …लेकिन अगर हम इन more or less fake relations को ज़रुरत से अधिक time देते हैं तो कहीं न कहीं हमें अपनी family और friends को जो time देना चाहिए उससे compromise करते हैं . I know हमारे close friends और relations भी Fb पे होते हैं , but frankly speaking Fb पर वो भी हमारे लिए आम लोगों की तरह हो जाते हैं , क्योंकि Fb तो एक भीड़ की तरह है …और भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता ….जो सामने पड़ा …like किया , comment दिया और आगे बढ़ गए ….individuals को attention देना ये Fb की आत्मा में ही नहीं है .

4) आप mainly addicts से communicate करने लगते हैं :

शायद आपने Pareto principle के बारे में सुना होगा …इस principle का कहना है कि 80% चीजों के लिए 20% चीजें जिम्मेदार होती हैं .

For eg. किसी company की 80 % sales 20% customers की वजह से होती है .

ऐसा ही कुछ Fb पे भी होता है …80% updates 20% लोगों द्वारा ही की जाती है …और आप बार बार उन्ही से linkup होते रहते हैं …and basically ये वही Addict kind of लोग होते हैं जो बस Fb से चिपके ही रहते हैं . और ऐसे लोगों से interact करना शायद ही कभी आपको काम की चीजें बता पाएं . ये mostly waste of time ही होता हैं .

5) आपको Socially active होने का भ्रम हो जाता है और reality इसके उलट होती है :

Facebook पे होने से कई लोग खुद को socially active समझने लगते हैं , और friends को hi -bye कर के अपना role पूरा समझ लेते हैं . धीरे -धीरे ये बिलकुल mechanical हो जाता है …आप Fb पे तो hi करते हैं लेकिन जब उसी दोस्त से college या office में मिलते हैं तो react भी नहीं करते …it is like आपकी online presence मायने रखती हो पर आपका खुद का मौजूद होना बेमानी हो .

और जब आप ऐसे behave करते हैं तो लोग आपको avoid करने लगते हैं और कहीं न कहीं आपको fake समझने लगते हैं . यानि आपको तो लगता है कि आप सबसे touch में हैं पर इसके उलट आप अपना touch खोते जाते हैं .

6) आपकी health पर बुरा असर पड़ता है :

Fb पर लगे रहने से आपको फिजिकल और मेंटल दोनों तरह की प्रॉब्लम हो सकती हैं. आपकी आँखें कमजोर पड़ सकती हैं, गलत posture में बैठने से आपको स्पॉन्डिलाइटिस हो सकता है . और डिप्रेशन में जाने का खतरा तो हमेशा ही बना रहता है.

7) आप अपनी life के सबसे energetic days lazy entertainment में लगा देते हैं :

Fb use करने वालों की demography देखी जाए तो इसे सबसे अधिक teens और twenties के young लोग use करते हैं . अगर आप इस age group से बाहर हैं तो ये point आपके लिए applicable नहीं है.

Teenage और twenties life का वो time होता है जब आपके अन्दर energy की कोई कमी नहीं होती …कभी सोचा है कि इस वक्त भगवान् आपको सबसे अधिक energy क्यों देते है ….क्योंकि ये हमारे life making years होते हैं ….इस समय आपके सामने करने को बहुत कुछ होता है …..पढाई का बोझ या घर की जिम्मेदारी उठाने का challenge…अपना career chose करने और competition beat करने की कशमकश …अपने दिल कि सुनकर कुछ कर गुजरने की चाहत …parents के सामने हाथ फैलाने की जगह उनका हाथ थामने कि जिद्द …और ये सब करने के लिए उर्जा चाहिए …energy चाहिए ; but unfortunately Fb का over usage करने वाले उसे गलत जगह invest करते हैं . जहाँ उनके पास करने को इतने ज़रूरी काम हैं वो एक कोने में बैठ कर , and in ,most of the cases लेट कर …अपनी life के ये energetic days एकदम unproductive चीज में लगा देते हैं .

Friends अंत में मैं यही कहना चाहूँगा कि Fb एक शोर -शाराबे से भरे mall की तरह है …यहाँ थोडा वक़्त बीतायेंगे तो अच्छा लगेगा लेकिन अगर वहीँ घर बना कर रहने लगेंगे तो आपकी ज़िन्दगी औरों की आवाज़ के शोर में बहरी हो जाएगी . उसे बहरा मत होने दीजिये ….अपना time अपनी energy कुछ बड़ा , कुछ valuable , कुछ शानदार करने में लगाइए और जब आप ऐसा करेंगे तो आपके इस काम को सिर्फ आपके friends ही नही बल्कि पूरी दुनिया Like करेगी , और ऊपर वाला comment देगा , “gr8 job my son”

All the best!

Post inspired by AKC. I am grateful to Mr. Gopal Mishra & AKC (http://www.achhikhabar.com/) Thanks a lot !!



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The world’s most flexible woman body ~ दुनिया की सबसे लचीली बॉडी वाली महिला !!

::- Krishna Mohan Singh(kmsraj51) …..
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kmsraj51 की कलम से …..
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** ~ दुनिया की सबसे लचीली बॉडी वाली महिला ~ **

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रूस में जन्मी जेल्टा जोन दुनिया की सबसे लचीली बॉडी वाली महिला है। उसके सबसे अधिक लचक वाले अगर आप पोज देंखेंगे तो आपको भ्रम हो सकता है कि यह फोटोशॉप का कमाल है या किसी रबड़ की गुडिय़ा की तस्वीर इस तरह खींची गई है।
जर्मनी में रह रही 27 वर्षीय जेल्टा जोन ने इस साल अपना एक कैलेंडर लॉन्च किया है। इसमें उसने अपने कुछ हैरतअंगेज करामती बॉडी की लचक प्रदर्शित की है। 5 फीट 8 इंच की जेल्टा जोन का वास्तविक नाम जुलिया गुंथेल है और वह इतनी लचीली है कि 50 वर्ग सेमी के बाक्स में खुद को बंद कर लेती है।


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